Hindi Essay-Paragraph on “Jeevan ek yudh hai”, “जीवन एक युद्ध है” 300 words Complete Essay for Students of Class 9, 10 and 12 Examination.
जीवन एक युद्ध है
Jeevan ek yudh hai
किसी ने सच कहा है कि संसार फूलों की नहीं, काँटों की शय्या है। जीवन रूपी संग्राम में केवल वे ही मनुष्य विजय प्राप्त करते हैं, जो संतोष, धैर्य, बुद्धि और वीरता से काम लेते हैं। जीवन में पग-पग पर बाधाएँ तथा कठिनाइयाँ आती हैं। उनको पार कर सफलता प्राप्त करना सरल कार्य नहीं है। मनुष्य का बचपन तो खेल-कूद में ही व्यतीत हो जाता। है। उस अवस्था में किसी प्रकार की चिंता नहीं होती। परंतु जब वह कुछ बड़ा होता है तो विद्याध्ययान आरंभ होता है। इसी समय से उसका जीवन संग्राम आरंभ हो जाता है। बच्चा स्कूल जाता है, वहाँ पर अध्यापक महोदय उसे पढ़ाते हैं। वह अध्यापक की प्रत्येक बात को समझने का प्रयत्न करता है। छुट्टी हो जाने के बाद घर जाकर पुस्तकों को पढ़ता है। पढ़े हुए पाठ की पुनरावृत्ति करता है। फिर भी पाठ याद न होने पर कक्षा में उसे लज्जित होना पड़ता है और कुछ को तो आध्यापक महोदय के हाथों मार भी खानी पड़ती है। फिर परीक्षा का भूत भी उसके सिर पर सवार रहता है। इस प्रकार विद्यार्थी जीवन भी आराम का जीवन नहीं है। विद्याध्ययन के उपरांत मनुष्य सांसारिक कार्यक्षेत्र में अवतीर्ण होता है। तब उसे पता चलता है कि मार्ग कितना कंटकाकीर्ण है। उसका विवाह होता है। घर में संतान उत्पन्न होती है। माता-पिता वृद्ध हो जाते हैं। ऐसे ही समय उनकी वास्तविक परीक्षा आरंभ होती है। जिसका संकल्प सच्चा है, वही इस संघर्ष में विजयी होता है। जीवन में विपत्तियाँ सभी को सहनी पड़ती है। जीवन में भले ही कितने संकट आएँ, परंतु जो व्यक्ति अपने मार्ग से विचलित नहीं होता, जो कष्टों का साहस से सामना करता है, जो यह मानता है कि कर्म ही जीवन है और यह मानकर सदा कर्म, प्रयत्न, साहस और उद्योग में लगा रहता है, वस्तुत: उसी मनुष्य का जीवन सफल होता है।
( कुल शब्द – 300 )