Hindi Essay, Paragraph on “Gramin Rojgar Guarantee Yojana”, “ग्रामीण रोजगार गारंटी विधेयक” 500 words Complete Essay for Students of Class 10,12 and Competitive Examination.
ग्रामीण रोजगार गारंटी विधेयक
Gramin Rojgar Guarantee Yojana
सरकार ने राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी विधेयक लोकसभा में 15 अगस्त, 2005 को प्रस्तुत किया। इससे गांव में बेरोजगारी व गरीबी हटाने में मदद मिलेगी। इससे सरकार पर 1400 अरब से अधिक बोझ पड़ा।
विधेयक के महत्वपूर्ण बिंदु थे-
- यह 72 करोड़ ग्रामीण जनता को अपनी परिधि में समेटेगा।
- इसके तहत दो सौ जिलों में प्रत्येक वर्ष ग्रामीण परिवारों को सौ दिन रोजगार मिलेगा। इन जिलों का चयन अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों की आबादी, इन जिलों में मिलने वाली मजदूरी एवं उत्पादकता के आधार पर किया जाएगा।
- सहायता की ग्रामीण इकाई परिवार होगी।
- इसके तहत ग्रामीण अकुशल परिवार के सदस्य को रोजगार मिलेगा।
- यह योजना पूरे देश में लागू की जाएगी।
- विधेयक में यह प्रावधान किया गया कि यदि सदस्य को रोजगार नहीं दिया गया तो उसे बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा।
- मजदूरी की दर राज्य में प्रचलित मजदूरी के अनुसार होगी।
- यह पूर्ण रूप से केंद्र सरकार की योजना है, जिसमें राज्य सरकार का अंशदान 10 प्रतिशत है।
- योजना को लागू करने में राज्य सरकारें, पंचायती राज्य संस्थाएं और स्वयंसेवी संस्थाएं सहयोग करेंगी।
- काम के दौरान किसी मजदूर की मौत होने पर 15 हजार रुपये का मुआवजा मिलेगा।
- प्रस्तावित रोजगार का आधा भाग महिलाओं के लिए आरक्षित होगा।
ग्रामीण परिवारों को गरीबी और भूख से रक्षा करने की दिशा में यह अधिनियम दूर तक जाएगा। एक सर्वांगीण रोजगार गारंटी अधिनियम से भारत के अधिकांश ग्रामीण गरीब परिवार गरीबी रेखा से ऊपर निकल आएगा। दूसरे इससे ग्रामीण-शहरी पलायन में गारंटी अधिनियम गांव में उपयोगी परिसंपत्तियां खड़ी करने का एक अवसर है। इसमें विशेष रूप से पर्यावरण रक्षा के क्षेत्र में वाटर रोड विकास भूमि को उर्वरा बनाने, भू-क्षरण रोकने, तालाबों के जीर्णोद्धार, वन संरक्षण तथा संबद्ध गतिविधियों जैसे श्रमोन्मुखी सार्वजनिक कार्य करने की बड़ी संभावना है। चौथे, सुनिश्चित रोजगार से गांवों में शक्ति संतुलन बदलने तथा अधिक समता आधारित सामाजिक व्यवस्था स्थापित होने की संभावना है। अंततः रोजगार गारंटी अधिनियम के रूप में ग्राम पंचायत तथा ग्राम सभाओं सादित पंचायती राजसंस्थाओं के सक्रिय तथा सशक्त बनाने का एक विशिष्ट अवसार सामने आया है। इससे इन संस्थाओं को एक नया उद्देश्य और उसे पूरा करने के लिए वित्तीय संसाधन प्राप्त होगा।
राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम
- राज्य सरकारें प्रत्येक वित्तीय वर्ष में प्रत्येक परिवार को, जिसके वयस्क सदस्य अकुशल शारीरिक श्रम करना चाहे। कम से कम 10 दिन का गारंटीशुदा वेतन रोजगार मुहैया कराएंगी।
- संपूर्ण ग्रामीण योजना और काम के बदले अनाज योजना को सम्मिलित कर लिया गया।
- केंद्रीय सरकार ने वेतन की दर कृषि मजदूरों के न्यूनतम मजदूरी के आधार पर लागू की।
- आवेदक को 15 दिनों के भीतर रोजगार दिया जाता है, अन्यथा उसे बेरोजगारी भत्ता दिया जाता है।
- केंद्रीय रोजगार गारंटी परिषद का गठन किया जाएगा।
- पंचायत जिले भीतर योजना के कार्यान्वयन की देख-रेख उसे मॉनीटर करने हेतु जिला स्तरीय समिति गठित करेगी।
- इस योजना के लिए राज्य सरकारें प्रत्येक ब्लॉक के लिए एक प्रोग्राम अधिकारी की नियुक्ति करेगी।
- केंद्रीय सरकार राष्ट्रीय गारंटी निधि स्थापित करेगी।
- गरीब लोगों में, जिन्हें न्यूनतम वेतन पर काम की जरूरत है, वे योजना के अंतर्गत काम करेंगी।