Hindi Essay-Paragraph on “सबै दिन जात न एक समान”, “Sab din hot na ek saman” 200 words Complete Essay for Students of Class 9, 10 and 12 Exam.
सबै दिन जात न एक समान
परिवर्तन सृष्टि का नियम है। जीवन में आज दुख है तो कल सुख अवश्य मिलेगा। धूप के साथ छाया अवश्य होगी। ओस से भीगे पत्ते कुम्हला जाते हैं, कलियाँ फूल बनती हैं और फूल मुरझाकर झड़ जाते हैं। पतझड़ और वसंत एक साथ नहीं आते। जो बालक है कल जवान होगा और फिर बूढ़ा होकर मृत्यु को प्राप्त करेगा। जीवन में सुख-दुख, उतार-चढ़ाव, आना-जाना लगा रहता है। संसार की कोई शक्ति इसे रोक नहीं सकती। कुछ लोग चढ़ती के दिनों में फूले-फूले फिरते हैं। उनके अभिमान का ठिकाना नहीं रहता। परंतु फिर उन्हें नीचा देखना पड़ता है। पैसा, रूप, विद्या और गुण प्राप्त कर अभिमान नहीं करना चाहिए। सुख और दुख एक-दूसरे के पूरक हैं। यदि दुख न होता तो सुख का किंचित मूल्य न रहता। जो दुख को पाकर विचलित नहीं होगा, पुन: सुख पाने की आशा रखेगा, वही सुख पाएगा। संसार में सब के जीवन में ऊँच-नीच आते हैं यह देखकर शिक्षा ग्रहण करनी चाहिए। वही मनुष्य विवेकशील है जो दुख में यह सोचकर धैर्य रखता है कि सुख भी आएगा तथा सुख की घड़ी में यह सोच लेता है कि दुख भी आएगा।
( कुल शब्द – 200 )