Hindi Essay, Paragraph on “शराब एक सामाजिक कलंक ”, “Sharab ek Samajik Kalank” 200 words Complete Essay for Students of Class 9, 10 and 12 Exam.
शराब एक सामाजिक कलंक
Sharab ek Samajik Kalank
शराब एक अभिशाप
शराब के दुष्परिणाम
निष्कर्ष
शराब एक सामाजिक कलंक है। शराब मनुष्य की विचार-शक्ति तथा स्वास्थ्य को नष्ट करती है। वास्तव में शराब सब बुराइयों की जड़ है। शराबी समझता है कि वह शराब पीता है, परंतु वास्तव में शराब उसे पीती है। सच्ची बात तो यह है कि शराब व्यक्ति को ही नहीं अपितु समुचे समाज के स्वास्थ्य तथा नैतिकता का भी पान करती है। शराब रिश्वत-खोरी और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देती है। वह अनेक बार देश की सुरक्षा के लिए भी खतरा बन जाती है। शराब पीने की आदत मन-मस्तिष्क को विकृत कर देती है। शराब की लत ने न जाने कितने परिवारों को नष्ट किया है, कितने लोगों की सुख-शांति को लूटा है तथा कितने ही लोगों की जवानी को दीमक बनकर चाटा है। एक शराबी सारे समाज पर बोझ बनकर जीता है। वह अपनी पत्नी की जान का शत्रु होता है तथा अपने बच्चों का खून पीता है। जो मनुष्य शराब के नशे में मदहोश होता है, उसकी सूरत उसकी माँ को भी बुरी लगती है। शराब पीने वाले व्यक्ति का दृष्टिकोण कभी संतुलित नहीं हो सकता। गांधी जी शराब को चोरी और व्यभिचार से भी अधिक निंदनीय समझते थे क्योंकि शराब इन दोनों की जननी होती है।