Hindi Essay, Paragraph on “राजनीति और मानव-समाज”, “Rajniti aur Manav Samaj” 200 words Complete Essay for Students of Class 9, 10 and 12 Exam.
राजनीति और मानव-समाज
Rajniti aur Manav Samaj
छल-छद्म का पर्याय राजनीति
समस्याओं की जननी
निष्कर्ष
राजनीति एक ऐसा खेल है जिसने समूचे मानव समाज को प्रभावित तथा दूषित किया है। आज जीवन का कोई क्षेत्र ऐसा नहीं बचा है जहाँ राजनीति ने छल-छद्म का जाल न बिछाया हो। राजनीति भाई-भाई के बीच घृणा के बीज बोती है, धर्म के नाम पर मनुष्य को भ्रमित कर देती है तथा समाज को खंडित करने में कोई कसर नहीं छोड़ती। राजनीतिज्ञ समाज तथा राष्ट्र की उन्नति में रुचि नहीं रखता, उसका अंतिम लक्ष्य स्वयं की उन्नति होता है। राजनीतिज्ञ स्वार्थ सिद्धि के लिए सीधी-सादी बात को अनेक बार बड़ा पेचीदा बना देता है। भारत की अनेक समस्याएँ इसका जीता-जागता प्रमाण हैं। भारत की अनेक समस्याएं, जिन का भाषा, प्रांतीय सीमा अथवा नहरों के पानी से संबंध है, राजनीतिज्ञों द्वारा पैदा की हुई है। अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में जो तनाव पैदा होता है, रंग-भेद की नीति को बढ़ावा मिलता है अथवा युद्ध के बादल मँडराने लगते हैं, उसके मूल में भी राजनीति होती है। मानव-मानव के बीच कोई भेद नहीं है, उनमें भेद उत्पन्न करने वाली राजनीति है। राजनीतिज्ञों के दुषित प्रभाव से बचकर हम इस धरती को स्वर्ग बना सकते हैं। स्वयं को नीलाम करने वाले अवसरवादी राजनीतिज्ञों के दुष्प्रभाव से समाज को बचाना हमारा कर्तव्य है।