Hindi Essay, Paragraph on “भ्रष्टाचार: एक सामाजिक समस्या”, “Bhrashtachar Ek Samajik Samasya” 150 words Complete Essay for Students of Class 9, 10 and 12 Exam.
भ्रष्टाचार: एक सामाजिक समस्या
Bhrashtachar Ek Samajik Samasya
भ्रष्टाचार की वर्तमान दशा
सुविधाओं की इच्छा
उत्प्रेरक कारक
भ्रष्टाचार का अर्थ है-अनैतिक व्यवहार। किसी भी कार्य को वैधानिक तरीके से न करना भी भ्रष्टाचार कहलाता है। भारत में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। न्याय प्रशासन, शिक्षा संसद आदि हर जगह भ्रष्टाचार ने अपने पाँव फैला लिए हैं। सरकारी दफ्तरों में फाइल ही रिश्वत से खुलती है। पुलिस रिश्वत लेकर अपराध का चरित्र ही बदल देती है। इसका परिणाम यह है कि समाज में निराशा का भाव बढ़ता जा रहा है। जनता को न्याय की उम्मीद नहीं है। नेता अपने भ्रष्ट कार्यों को कानून की आड़ में वैध ठहराते हैं। आम व्यक्ति को कोई राह नहीं दिखाई देती। प्रेस से बहुत उम्मीद थी, परंतु आज उसका चरित्र भी बदल गया है। वे भी पैसे लेकर मामले उछालते हैं। भ्रष्टाचार का सफाया तभी हो सकता है जब समाज का प्रबुद्ध वर्ग एकजुट होकर इसके खिलाफ कार्य करें तथा नई पीढ़ी को संघर्ष के लिए तैयार करें।