Hindi Essay, Paragraph on “परीक्षा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता”, “Pariksha Pranali me Sudhar ki Avyashayakta” 200 words Complete Essay for Students.
परीक्षा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता
Pariksha Pranali me Sudhar ki Avyashayakta
परीक्षा की उपादेयता
सुधार की आवश्यकता
निष्कर्ष ।
पाठ्यक्रम में निर्धारित पुस्तकों को अच्छी तरह पढ़कर अच्छे अंकों में परीक्षा पास कर लेने से किसी व्यक्ति की योग्यता की सही जाँच नहीं हो सकती। परीक्षाओं में सदैव प्रथम स्थान प्राप्त करने वाला व्यक्ति अनेक बार जीवन की दौड़ में पिछड़ जाता है। स्कूली परीक्षाएँ तो केवल इस तथ्य को उजागर करती हैं कि कौन व्यक्ति कुछ बातों को कितने समय तक अपनी स्मृति में रख सकता है। परीक्षाओं में आजकल जो कुछ हो रहा है, वह किसी से छिपा नहीं है। वैसे भी शिक्षा में यदि किसी सुधार की आवश्यकता है तो वह परीक्षा से संबंधित होना चाहिए, क्योंकि यह परीक्षा प्रणाली मनुष्य को पंगु बना देती है, इससे उसकी सोचने-समझने की शक्ति मंद पड़ जाती है और उसके पूर्ण विकास में बाधा उपस्थित होती है। अंग्रेजी के महान साहित्यकार ओस्कर बाइल्ड अपनी कक्षा में प्रतिभाशाली छात्र समझे जाते थे, किंतु परीक्षाओं में वह अच्छा परिणाम नहीं दिखा पाते थे। कबीर, सूर, तुलसी, कालिदास, शेक्सपियर। इत्यादि महान साहित्यकारों ने कोई बताए कौन-सी परीक्षा पास की थी? मनुष्य की योग्यता का मापदंड परीक्षाएँ नहीं अपितु इस बात में निहित है कि वह जीवन और जगत की समस्याओं का समाधान कैसे खोजता है।