Hindi Essay, Paragraph on “कारगिल विजय दिवस 26 जुलाई”, “Kargil Vijay Diwas – 26 July” 600 words Complete Essay for Students of Class 9, 10 and 12 Exam.
कारगिल विजय दिवस 26 जुलाई
Kargil Vijay Diwas – 26 July
कारगिल का भौगोलिक परिचय
पाकिस्तानियों का कारगिल पर आक्रमण
भारत की विजय और पाकिस्तान की पराजय।
कारगिल कश्मीर का एक अत्यंत संवेदनशील एवं महत्त्वपूर्ण क्षेत्र है। इस क्षेत्र में बर्फ की पहाड़ियाँ हैं। यह क्षेत्र पाकिस्तान की सीमा रेखा को स्पर्श करता है। अत: सामरिक दृष्टि से यह अत्यंत महत्त्व रखता है। पिछले कुछ वर्षों में पाकिस्तान की सेना इस क्षेत्र में गोलाबारी करती रही है। इस क्षेत्र में बसे कुछ गाँव पाकिस्तानी आक्रमण का निरंतर शिकार होते रहे हैं। भारतीय सैनिक इस क्षेत्र में वर्ष के लगभग छह महीने रहते थे। सर्दी के मौसम में वे इन पहाड़ियों से अपनी मोर्चाबंदी हटा लेते थे। पाकिस्तानी सैनिकों ने हमारी इस दुर्बलता का लाभ उठाया और पिछले वर्ष (1999) कारगिल क्षेत्र की अधिकांश पहाड़ियों पर कब्जा कर लिया। इन पहाड़ियों को शत्रु-सैनिकों से मुक्त कराने के लिए हमारी सेना ने पिछले वर्ष ‘आपरेशन विजय’ नामक अभियान शुरू किया। भारत के रणबांकुरे वीर सैनिकों ने इस क्षेत्र को शत्रुओं से मुक्त कराने के लिए भीषण युद्ध किया। पाकिस्तानी सेना इस क्षेत्र की पहाड़ियों के ऊपरी भाग में मोर्चा जमाए हुए थी। अतः प्रारंभ में हमारे सैनिको को अधिक हानि उठानी पड़ी। इस भीषण युद्ध में सरकारी आंकड़ों के अनसार लगभग तीन सौ पचास सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए। इन वीर जवानों ने अपने देश की मार्यादा की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। हमारे रक्षा मंत्री श्री जॉर्ज फर्नाडीस सैनिकों का मनोबल बढ़ाने के लिए हम क्षेत्र में अनेक बार गए। इस युद्ध में पाकिस्तान के छह सौ से अधिक सैनिक मृत्यु के गहवर में समा गए। अमेरिका के दबाव से पाकिस्तान को अपनी सेना कारगिल से वापिस बुलानी पड़ी। पूरे विश्व के समक्ष पाकिस्तान का अपमान हुआ। वहाँ की जनता इस भीषण पराजय के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को दोषी मानने लगी। कुछ समय पश्चात नवाज शरीफ को अपदस्थ कर दिया गया। उन्हें आजीवन कारावास का दंड मिला और उनकी समस्त सम्पति जब्त कर ली गई। कारगिल के युद्ध में सैनिकों के प्रति संपूर्ण भारत की सहानुभूति दिखाई दी। भारतीय जनता ने आर्थिक सहयोग देकर सैनिकों का मनोबल बढ़ाया। इस युद्ध में पाकिस्तान की भीषण पराजय हुई और भारत के गौरव में वृद्धि। हमारी सेना ने पिछले वर्ष ‘आपरेशन विजय’ नामक अभियान शुरू किया। भारत के रणबांकुरे वीर सैनिकों ने इस क्षेत्र को शत्रुओं से मुक्त कराने के लिए भीषण युद्ध किया। पाकिस्तानी सेना इस क्षेत्र की पहाड़ियों के ऊपरी भाग में मोर्चा जमाए हुए थी। अतः प्रारंभ में हमारे सैनिको को अधिक हानि उठानी पड़ी। इस भीषण युद्ध में सरकारी आंकड़ों के अनसार लगभग तीन सौ पचास सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए। इन वीर जवानों ने अपने देश की मार्यादा की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। हमारे रक्षा मंत्री श्री जॉर्ज फर्नाडीस सैनिकों का मनोबल बढाने के लिए हम क्षेत्र में अनेक बार गए। इस युद्ध में पाकिस्तान के छह सौ से अधिक सैनिक मृत्यु के गहवर में समा गए। अमेरिका के दबाव से पाकिस्तान को अपनी सेना कारगिल से वापिस बुलानी पड़ी। पूरे विश्व के समक्ष पाकिस्तान का अपमान हुआ। वहाँ की जनता इस भीषण पराजय के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को दोषी मानने लगी। कुछ समय पश्चात नवाज शरीफ को अपदस्थ कर दिया गया। उन्हें आजीवन कारावास का दंड मिला और उनकी समस्त सम्पति जब्त कर ली गई। कारगिल के युद्ध में सैनिकों के प्रति संपूर्ण भारत की सहानुभूति दिखाई दी। भारतीय जनता ने आर्थिक सहयोग देकर सैनिकों का मनोबल बढ़ाया। इस युद्ध में पाकिस्तान की भीषण पराजय हुई और भारत के गौरव में वृद्धि।