Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Ek Park Ka Drishya”, “एक पार्क का दृश्य” Complete Essay for Class 9, 10, 12 Students.
एक पार्क का दृश्य
Ek Park Ka Drishya
पार्क शहर की शोभा है और आवश्यकता भी। यह खासकर शहरों और महानगरों का वह स्थान है जहाँ लोग आकर प्रकृति की सुंदरता का नजारा लेते हैं। गाँवों में इसकी कोई आवश्यकता नहीं है। घनी आबादी वाले क्षेत्रों में इससे मनोरंजन भी होता है और पर्यावरण की सुरक्षा भी।
छोटे कस्बे, छोटे शहर और महानगर में इसकी संख्या में अंतर होता है। छोटे शहरों में एक या दो पार्क होते हैं जबकि महानगरों में सैकड़ों होते हैं।
पार्क में तरह तरह के पेड़-पौधों को सुरक्षा प्रदान की जाती है। मजबूत और सुरक्षित चारदीवारी के अंदर पार्क को सजाकर रखा जाता है। इसके रख-रखाव का खर्च सरकार उठाती है। इसके अंदर कहीं-कहीं फव्वारे भी लगे होते हैं जो विशेष रूप से रात की जगमगाती रोशनी में चार चाँद लगाते हैं। कहीं-कहीं बच्चों के लिए पार्क बनाए जाते हैं जिसमें केवल बच्चों के खेलने-कूदने के खाली स्थान रहते हैं और खेल के अनेक प्रकार के साधन उपलब्ध रहते हैं।
लोग पार्क का आनंद विशेष रूप से प्रात:काल तथा संध्या के समय लेते हैं। पार्क की उपयोगिता ग्रीष्मकाल में अधिक महसूस होती है। शिशिर ऋतु में भी धूप सेवन का यह अच्छा साधन है। यहाँ बच्चे-बूढ़े-जवान सभी उम्र के लोग आते-जाते हैं।
कुछ पार्क सार्वजनिक रूप से खुले रहते है। कुछ प्रतिबंधित होते हैं जहाँ निर्धारित समय के भीतर लोग आ-जा सकते हैं। कुछ पार्कों के अंदर प्रवेश के लिए टिकट की व्यवस्था भी रहती है। पार्क में जवान लोग शारीरिक व्यायाम भी करते हैं। बूढ़े लोग प्रात:भ्रमण करते हैं।
पार्क हमारे लिए बहुत उपयोगी हैं। पार्क और शहर का घना संबंध है। यदि पार्क न हो तो शहरों में जीवन एकदम नीरस हो जाएगा।