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Hindi Essay on “School me Mera Antim Din” , ”स्कूल में मेरा आखिरी दिन” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

स्कूल में मेरा आखिरी दिन

School me Mera Antim Din

मिलना तथा बिछड़ना जीवन के दो महत्त्वपूर्ण अंग हैं। किसी से मिलना हमेशा हमें नई उम्मीदें होती हैं। हम हमेशा नई चीज़ों की उम्मीद करते हैं तथा चाहते हैं कि हमारे नए रिश्ते समय के साथ और खिल उठे। दूसरी तरफ बिछड़ना हमेशा दर्द देता है। यह हमारे दिल को उदास कर देता है। हमें कई बार ऐसा लगता है कि सारी दुनिया ही हमने खो दी है। कुछ समय के लिए चीजें असहनीय लगती हैं। कुछ ऐसा ही हमारे साथ मेरे स्कूल के आखिरी दिन हुआ था।

आखिरी दिन बारहवीं तथा ग्यारहवीं के विद्यार्थी हाल कमरे में एकत्रित किए गए। ग्यारहवीं के विद्यार्थियों ने हमें विदायगी पार्टी दी। सारे कमरे को खूबसूरत फूलों से सजाया गया था। प्रधानाचार्य के समक्ष यह सारा कार्यक्रम आयोजित किया गया। कई अध्यापकों को भी आमंत्रित किया गया था। सीनियर विद्यार्थियों को फूलों के गुलदस्ते दिए गए। सभी अपने-अपने स्थान पर बैठ गए। एक विद्यार्थी ने मंच संभाला।

स्कूल को विदा कर जाने वाले विद्यार्थियों ने पुराने समय की यादें ताज़ा की। उन्होंने स्कूल के प्रधानाचार्य तथा अध्यापकों की प्रशंसा की। उन्होंने यह शपथ ली कि चाहे जीवन में वे कहीं भी चले जाएँ, कभी भी अपने विद्यालय को नहीं भूलेंगे। उन्होंने अपने से छोटे विद्यार्थियों को यह प्रेरणा दी कि वे अपने स्कूल का नाम रोशन करें। विदायगी के गीत गाए गए। दिल को छूने वाले भाषण दिए गए। भावुक विद्यार्थियों की आँखों से आंस बहने लगे।

अंत में मुख्याध्यापक ने विद्यार्थियों को संबोधित किया। उन्होंने विद्यार्थियों को स्कूल की परंपराओं को बनाए रखने का मशवरा दिया। वे चाहते हैं कि विद्यार्थी स्कूल को हमेशा याद रखें और आने वाले समय में स्कूल की तरक्की में अपना योगदान दें। वे स्कूल में बिताए गए समय के दौरान उनके अच्छे बर्ताव के लिए उन्हें धन्यवाद देते हैं। जाने वाले विद्यार्थियों को उनके जूनियर विद्यार्थी तोहफे देते हैं। सबसे अंत में चाय नाश्ते का आयोजन किया गया। विद्यार्थी भरे मन से अपने-अपने घरों के लिए विदा हो गए।

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