Hindi Essay on “Qutab Minar” , ”कुतुबमीनार ” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
कुतुबमीनार
Qutab Minar
प्रस्तावना-भारत की सबसे ऊंची मीनार के नाम से विख्यात कुतुबमीनार 238 फीट ऊंची बहुत प्राचीन इमारत है। यह राजधानी दिल्ली में रेलवे स्टेशन से 11 मील दूर दक्षिण में महरौली के पास स्थित है। प्राचीन काल में इस इमारत की सात मंजिलें थीं जिनमें से अब केवल पांच मंजिलें शेष हैं। इन पांच मंजिलों तक पहुंचने के लिए 378 सीढ़ियों को चढ़ना पड़ता है। पांचवीं मंजिल से दिल्ली का शहरी दृश्य भली-भांति देखा जा सकता है।
कुतुबमीनार का निर्माता – कुतुबमीनार का निर्माण गुलाम वंश के शासक कुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा 12वीं शताब्दी में प्रारम्भ हुआ, परन्तु यह मीनार उसके शासन काल में पूरी नहीं हो सकी, जिसकी वजह से उसके उत्तराधिकारी इल्तुतमिश ने इसे पूरा करवाया था |
कुतुबमीनार की विशेषता-यह मीनार लाल पत्थरों से बनी है जिसमें कुरान की आयतें तथा मौहम्मद गौरी और कुतुबुद्दीन की प्रशंसा की गयी है। इस मीनार के आस-पास पुराने समय के खण्डहर चारों ओर फैले हुए हैं। इस मीनार तथा इन खण्डहरों को देखने के लिए हजारों दर्शक देश-विदेश से सैर-सपाटे को यहां आते हैं। कुतुबमीनार के पास एक लोहे का स्तम्भ भी स्थित है, जिसकी विदेशी बहुत प्रशंसा करते हैं। इसकी एक विशेषता यह है कि अभी तक इस लोहे के स्तम्भ में जंग नहीं लगा है। इसे ‘भीम की कीली” भी कहा जाता है।
उपसहार-कुतुबमीनार, प्राचीन ऐतिहासिक इमारत होने के कारण, इतिहासकारों एवं पुरातत्व विभाग के लोगों के लिए भी खासा आकर्षण का केन्द्र है। वे वहां आते हैं और इस इमारत की निर्माण कला, पत्थरों की नक्काशी और तराश को देखकर उस काल की सभ्यता, संस्कृति और उस समय की राज-व्यवस्था के बाबत नई-नई जानकारी प्राप्त करते हैं। इस तरह हम कह सकते हैं, कुतुबमीनार हमारे देश के लिए एक ऐतिहासिक धरोहर है |