Home » Languages » Hindi (Sr. Secondary) » Hindi Essay on “Mere Janamdin Ki Party” , ”मेरे जन्मदिन की पार्टी” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

Hindi Essay on “Mere Janamdin Ki Party” , ”मेरे जन्मदिन की पार्टी” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

मेरे जन्मदिन की पार्टी

Mere Janamdin Ki Party

Hindi-Essay-Hindi-Nibandh-Hindi

Essay No. 01

जन्मदिवस पार्टी यद्यपि पाश्चात्य सभ्यता की देन मानी जाती है। लेकिन किसी दूसरी सभ्यता का कोई ऐसा कार्य जिससे खुशी और प्रेम मिलता हो तथा उसके करने से आनंद आता हो, उसे करने में अपनी संस्कृति तथा सभ्यता की कोई हानि नहीं बल्कि लाभ होता है। अपने अंदर छिपे प्रेम, हर्ष-उल्लास के कारण जन्मदिवस पार्टी को सामान्यतः भारतीय संस्कृति में मान्यता मिल गई है।

मेरा नाम राजीव कुमार है। मेरा जन्मदिन 21 मई को आता है। मेरे माता-पिता मेरा जन्मदिन अवश्य मनाते हैं। इस बार मेरे कक्षा में प्रथम आने की खुशी में पिता जी ने इस उत्सव को और अधिक उल्लास के साथ मनाने का फैसला किया था। मेरे मित्रों के अलावा पड़ोस के लोग तथा हमारे अपने रिश्तेदार इस अवसर पर भी आमंत्रित थे। पार्टी का समय सभी की सुविधानुसार सायं 7 बजे रखा गया। सामने के पार्क में व्यवस्था की गई। पार्क में कनातें लगवाई गईं।

कुर्सियों की व्यवस्था की गई। गर्मी को देखते हुए पापा ने पंखों तथा ठंडे पानी की विशेष व्यवस्था की थी। सभी लोग सही समय पर आ गए थे। पूजा-पाठ के साथ मेरे जन्मदिन की पार्टी आरंभ हो गई। सभी लोग पूजा-पाठ में सम्मिलित हुए। पंडित जी ने मुझे नेक मनुष्य बनने का आशीर्वाद दिया। माता-पिता ने उपहार में मुझे नई साइकिल दी, साथ ही हमेशा लगनशील छात्र बने रहने की सलाह भी। सभी दोस्तों तथा परिचितों ने मुझे जन्मदिवस की शुभकामना दी तथा उपहार दिए। इतने सारे उपहार पाकर मैं बहुत खुश था। बड़े लोगों ने मुझे आशीर्वाद दिया। फिर मैंने केक काटा। उसके बाद सभी भोजन पंडाल की ओर गए। जहाँ सभी लोगों ने अपनी-अपनी पसंद का खाना खाया। खाने के बाद दोस्तों ने कविताएँ और चुटकुले सुनाए। यह कार्यक्रम रात दस बजे तब चला। मैंने इस पार्टी का पूरा आनंद लिया।

 

 

मेरे जन्मदिन की पार्टी

Mere Janamdin Ki Party

Essay No. 02

प्रस्तावना-  मेरे जन्मदिन की पार्टी, मेरे जीवन में आने वाली अचम्भित कर देने वाली कुछ घटनाओं में से एक है।

हाईस्कूल की परीक्षा के सभी पेपरों को दे चुकने के बाद मैं अपने सामाजी के यहां कानपुर छुट्टियां बिताने चला गया था।

30 मई को संध्या की गाडी़ से मैं घर पहुंच रहा हूं, यह सूचना मैंने घर वालों को पहले से दे दी थी। 30 मई का दिन ही मैंने वापसी का इसलिए निश्चित किया था क्योंकि उस दिन हाईस्कूल का रिजल्ट आने वाला था। मैं अपनी परीक्षा की सफलता में माता-पिता और भाई-बहनों को भी शामिल करना चाहता था।

सरप्राइज पार्टी- स्टेशन से रिक्शा पकड़कर घर पहुंचते- पहुंचते दिन ढल गया था। घर के द्वार पर पहुंचा तो सन्नाटा-सा पसरा हुआ था। मैं अचरज में पडा़। रिक्शे से सामान उठाकर द्वार पर आया। भिड़के हुए द्वार को दबाव डाल खोलकर जैसे ही अन्दर दाखिल हुआ, हर्षित समवेत् स्वर कानों में गूंज पडा़- ‘‘हैप्पी बर्थ डे अमित….. हैप्पी बर्थ डे…..।’’

उस स्वर में मेरे माता-पिता भाई-बहनों कुछ और निकट के सम्बन्धियों के स्वर शामिल थे।

मैं अचनाकर सबको देखने लगा। समवेत् तालियां बज उठी थी। गुब्बारे फूट पडे़ थे। छुटकी ( मेरी छोटी बहन उर्मी ) ने बढ़कर मेरे हाथ में स्टील का चाकू थमा दिया था-खींचकर  मुझे सामने मेज पर ले जाने लगी-जहां केक सजा रखा था। केक पर मेरा नाम अंकित था। पन्द्रह मोमबत्तियां जल रही थीं।

मैं हर्ष-उल्लास में भरा, मुदित भाव से मुस्कराता हुआ बढ़कर केक छुरी चला बैठा। मां ने बढ़कर मुझे केक खिलाया। फिर दोस्तों में केक बंटा।

दोस्तों ने बधाइयां दीं। मैंने सबका धन्यावाद अदा किया।

सच बात यह थी कि यह मेरा पहला जन्मदिन मनाया जा रहा था । गरीब परिवार का होने के कारण मुझे स्कूल के फार्म वगैरह के काॅलमों में लिखते समय जन्मदिन की बात याद आती याद आती थी कि 30 मई को मेरा जन्म हुआ था।

अविस्मरणीय घटना- इस बार मां-बाप, भाई-बहनों को राजी कर दोस्तों ने मेरा जन्मदिन मनाने का निर्णय ले लिया था, वह भी इस तरह चैंका देने वाले ढ़ग से। क्या मैं इसे जीवन में कभी भूल सकता हूंघ् केक खाने के बाद घर में खाने-पीने की पार्टी चली। दोस्तों ने गिफ्ट दिये। मां-बाप, भाई-बहनो ने स्नेह और आशीर्वाद दिये।

उपसंहार- और जन्मदिन की पार्टी का आनन्द उस समय दोगुना हो गया जब मेरे दोस्त उमेश ने इन्टरनेट से निकालकर मेरा रिजल्ट लाकर दिया। मैं फस्र्ट डिवीजन से उत्तीर्ण हो गया था।

 

 

About

The main objective of this website is to provide quality study material to all students (from 1st to 12th class of any board) irrespective of their background as our motto is “Education for Everyone”. It is also a very good platform for teachers who want to share their valuable knowledge.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *