Hindi Essay on “Mera Priya Khel Karate” , ”मेरा प्रिय खेल : कराटे” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
मेरा प्रिय खेल : कराटे
Mera Priya Khel Karate
‘कराटे’ एक युद्ध कला है। किंतु इस कला की शुरुआत कब, कहां और कैसे हुई, इस बारे में प्रामाणिक जानकारी नहीं है। इस संबंध में कईं कहानियां प्रचलित हैं।
कहा जाता है कि कराटे का जन्म भ्ज्ञारत के केरल राज्य में हुआ। चूंकि हम भारतीय मार-पीट में ज्यादा विश्वास नहीं करते, इसलिए कराटे पर विशेष ध्यान नहीं दिया जाता। कराटे वास्तव में काफी खतरनाक खेल है। थोड़ी सी असावधानी से हाथ, पैर, गर्दन, नाक तक टूट सकती है। भारत में इसका सही ढंग से प्रचार-प्रसार नहीं हुआ तो धीरे-धीरे लोग कराटे को भूलते गए।
ऐसा कहा जाता है कि छठी शताब्दी में बोधिधर्म नाम का एक बौद्ध भिक्षु था। बौधिधर्म अपने धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए चीन की यात्रा पर गया हुआ था। चीन में उसने आवश्यकता से अधिक अनुशासन देखा। वहां के लोगों की जिंदगी मशीनी बनकर रह गई थी। उनका स्वास्थ्य हमेशा खराब रहता था।
बौद्ध भिक्षु बौधिधर्म को चीन के लोग काफी अजीब लगे। उसने वहां दो पुस्तकें तैयार की थीं। पहली पुस्तक का नाम प्राणायाम और दूसरी का नाम शक्तिवद्र्धन था। उन पुस्तकों में शरीर स्वस्थ कैसे हो और स्वस्थ शरीर के क्या-क्या लाभ हैं-ये सारीी बातें बताई गई हैं। उस पुस्तक में यह भी बताया गया है कि शरीर की सारी शक्ति किसी भी अंग में कैसे संचित प्रवाहित की जा सकती है।
उन दोनों पुस्तकों से चीन के लोागें को बड़ा ही लाभ मिला। पुस्तकों में बताई गई बातों को वहां के लोगों ने ध्यान से पढ़ा और समझा। इससे लोग बड़े ही शक्तिशाली होने लगे। वे अपनी सुरक्षा स्वंय करना सीख चुके थे। किसी भी हथियार का सहारा लेना वे अपना अपमान समझते थे। वे जिस ढंग से अपने शत्रुओं पर प्रहार करते हैं, उस ढंग को कराटे का नाम दिया गया।
कराटे उसे कहते हैं, जिसमें लोग बिना किसी हथियार के दुश्मन से अपनी सुरक्षा आसानी से कर लेते हैं और शत्रु को परास्त कर देते हैं।
इस तरह कराटे जापान, यूरोप, संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस तथा संसार के अन्य देशों में भी पहुंचा। आज तो स्थिति यह है कि संसार के कोने-कोने में कराटे का प्रशिक्षण दिया जाता है।
संसार में जापान कराटे के लिए सर्वाधिक प्रसिद्ध देश है। संसार का सर्वश्रेष्ट का नाम है यागामूचा (जापान)।