Hindi Essay on “Mera Bachpan” , ”मेरा बचपन” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
मेरा बचपन
Mera Bachpan
बचपन जीवन का सुनहरा हिस्सा होता है। इस समय एक बच्चे को अधिक से अधिक ख्याल तथा प्रेम मिलता है। वह ईश्वर के बहुत नजदीक होता है। वह मासूम तथा शुद्ध होता है। वह भविष्य की चिंताओं से पूर्ण रूप से मुक्त होता है। उसकी सभी इच्छाएँ बिना देरी के पूर्ण हो जाती हैं। वह जीवन की बुराइयों से कोसों दूर होता है। उसके मन में किसी के प्रति कोई बुरा विचार नहीं होता। वह सभी प्रकार की आज़ादियों का आनंद उठाता है। वह अपने परिवार के सदस्यों में आकर्षण का केंद्र होता है।
मेरा बचपन मुझे कभी नहीं भूल सकता। मुझे अपने पुराने अच्छे दिनों को याद करना बहुत पसंद है। बचपन में सभी मुझे बहुत अधिक प्रेम करते थे। मैं सभी काम अपनी मर्जी से करता था। कोई मुझसे कुछ काम करने को नहीं कहता था। मेरे मां-बाप मुझे कभी अकेला नहीं छोड़ते थे। जब भी मैं कहीं जाता था तो हमेशा कोई न कोई मेरे साथ होता था। मेरी दादी-मां रात को मुझे परियों की कहानियां सुनाया करती थीं।
बचपन में मेरी हर इच्छा फटाफट पूरी कर दी जाती थी। मेरे पिता जी मेरे लिए नए-नए खिलौने लाया करते थे।
मेरी माता सदा यह ध्यान रखती थीं कि मेरे कपड़े अच्छे से पहने हैं या नहीं। हर दोतीन महीनों के पश्चात् मेरी माता मुझे नए कपड़े लेकर देती थी। मेरे बड़े भाई-बहन हमेशा मेरा ध्यान रखते थे। वे बाज़ार से मेरे लिए मिठाइयां लाया करते थे। मेरा जन्म दिन उनके लिए मस्ती तथा हर्ष भरा दिन होता था।
बचपन में मैं थोड़ा शरारती था। कई बार मैं पड़ोस के बच्चों से झगड़ा करता था। मैं उन्हें अपने खिलौने छेड़ने नहीं देता था। जब मेरे बड़े भाई-बहन पढ़ने में व्यस्त होते थे, मैं उनके कमरे में चला जाता था। उनकी किताबें तथा कापियां खराब कर देता था। पर वे कभी मुझसे नाराज़ नहीं हए। मझे आज भी याद है कि कैसे मैंने अपने घर का टैलीविज़न खराब कर दिया था?
अफसोस! मेरा बचपन अब जा चुका है। केवल उस समय की यादें ही बची हैं। यह यादें मुझे आनंद एवं दर्द देती हैं जब भी मैं इन्हें याद करता हूँ।
bohot hi acha lga pdh k, bchpan ydd aagya apna.