Hindi Essay on “Kisi Match ka Aankhon Dekha Varnan” , ” किसी खेल (मैच) का आँखों देखा वर्णन” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
क्रिकेट मैच का आँखों देखा हाल
Cricket Match ka Aankhon dekha haal
निबंध नंबर :- 01
पिछले हफ्ते हमने रामजस स्कूल के साथ एक सद्भावना मैच खेला। ये तालकटोरा मैदान में खेला गया। दोनों टीमें मैदान में पहुँच गई। दोनों टीमों के कप्तानों ने टॉस किया। सिक्का हवा में उछाला गया। हमारे कप्तान ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी करने का निणर्य लिया।
हमारे अग्रिम खिलाड़ी अपनी पारी शुरु करने गए। यह 40 ओवरों का सीमित मैच था। हमने पहले चार ओवरों में ही 10 दौड़ों पर 2 विकेट गंवा दिये। राहुल ओर रमन ने अच्छी बल्लेबाज़ी की। वे स्कोर को 20 ओवरों में 160 पर ले गए। तब राहुल को पीछे से लपक लिया गया। जल्दी ही L.B.W. करार दे दिया गया। तब फिर पांचवीं विकेट की भागेदारी ने स्कोर 200 रनों तक पहुँचा दिया। पिछले पांच ओवरों में हमारी टीम ने शीघ्र ही चार विकेट खो दीं। आखिरी जोड़ी आऊट नहीं हुई और चालीस ओवरों में अन्तिम स्कोर 260 हो गया।
तब आधे घण्टे की छुट्टी हो गई। हमने अपना खाना खाया। हमारे प्रशिक्षक ने कप्तान और दूसरे खिलाड़ियों से खेल के तरीकों के बारे में विचार- विर्मश किया। मैच 2 बजे फिर शुरू हो गया। रामजस के अग्रिम खिलाड़ियों ने खेल ध्यान से खेलना शुरु किया। वे 10 ओवरों में स्कोर को 50 तक ले गए। जल्द उनमें एक रन आऊट हो गया। अगला नया आने वाला खिलाड़ी अपनी विकट गंवा बैठा उन्होंने बावन रनों पर 2 विकटें गंवा दीं। हमारा स्पिनर, रमन, गेंदबाजी पर लगाया गया। उसने अपनी लाईन और लैन्थ से रनों को रोके रखा। निखिल ने बहुत बढ़िया गेंदबाजी की। उसने 10 रनों के लिए 2 बल्लेबाज़ वापिस भेज दिए। अब स्कोर 88 पर चार आऊट थे। उनकी पांचवी विकेट पर 60 रनों की भागीदारी हुई। जब उनका एक और खिलाड़ी रन आऊट घोषित हुआ तो उनका स्कोर 148 था। स्कोर जल्द ही बत्तीस ओवरों में पांच विकट पर 200 हो गया। इस स्तर पर लग रहा था कि हम मैच हार जाऐंगे। परन्तु तब हमारे फील्डरों ने अच्छा काम किया, उन्होंने केवल 22 गेंदों में 3 अच्छे कैच लपके। तब हमारा कप्तान गेंदबाजी के लिए आया। पहले ही ओवर में उसने एक बल्लेबाज को L.B.W. कर दिया। पांच ओवर और एक विकेट पर रामजस स्कूल को जीतने के लिए 26 रनों की आवश्यकता थी। हमारी टीम को जीत के अवसर अच्छे लग रहे थे। आखिरी ओवर में दूसरी टीम को जीतने के लिए 10 रनों की ज़रुरत थी। पर जैसे कि किस्मत हमारे साथ थी उनके अन्तिम खिलाड़ी की, रमन की पहली गेंद पर ही बीच का गिल्ली उखड़ गई।
हमारी टीम के प्रशंसक खुशी से उछलने लग पड़े। यह एक अच्छी तरह लड़ा गया और जीता गया मैच था। खिलाड़ियों ने आपस में हाथ मिलाए और इकट्ठे चाय पी।
निबंध नंबर :- 02
किसी खेल (मैच) का आँखों देखा वर्णन
भारत-इंग्लैंड एकदिवसीय क्रिकेट-श्रंखला का पाँचवाँ मैच
2 सितंबर, 2007 को भारत-इंग्लैंड एकदिवसीय क्रिकेट-श्रंखला का पाँचवाँ मैच होना था | इससे पहले भारत टेस्ट क्रिकेट-श्रंखला जीत चूका था | बदले में इंग्लैंड ने 3-1 से एकदिवसीय श्रंखला में बढ़त ले ली थी | भारत पर ‘करो या मरो’ का संकल्प सवार था |
भारत की शुरुआत-बैटिंग पारी
टॉस इंग्लैंड ने जीता | भारत को बल्लेबाजी के लिए उतरा गया | विश्व की सबसे प्रसिद्ध सलामी जोड़ी-यानि सचिन और सौरव बल्लेबाजी के लिए उतरे | भारत के दो-दो यशस्वी भूतपूर्व कप्तान संग-संग जूझ रहे थे | सचिन ने एक-एक करके इंग्लैंड के सभी गेंदबाजों जो धुन डाला | उन्होंने प्रसिद्ध गेंदबाज लेविस के छठे ओवर में चार चौके जड़ दिए | उधर गांगुली भी फार्म में आ गए | उन्होंने मिड आन के ऊपर से चक्का मारा तो कप्तान कोलिनबुड खुद गेंदबाजी करने लगे | सलामी जोड़ी ने 116 रन बना डाले | यह उनकी विश्व-रिकार्ड बनाने वाली 19वीं शतकीय पारी थी | कोलिनबुड की गेंद पर सचिन लपके गए | उधर पनेसर की गेंद पर छक्का मारने के प्रयास में सौरव भी लपके गए | उसके बाद युवराज सिंह ने छक्के-चौकों की आतिशी बल्लेबाजी से 72 रन बनाकर सबको मंत्रमुग्ध कर लिया | भारत पर रन बनाने का भुत इतना सवार था कि कप्तान राहुल रन आउट हो गए | एक खाली गेंद पर ही खिलाडियों ने भागकर दो रन बना लिया | अंतिम गेंद पर भी चौका जड़ा गया |
इंग्लैंड की पारी
इससे पहले कि इंग्लैंड की पारी शुरू होती, बारिश शुरू हो गई | बारिश रुकी तो इंग्लैंड को 45 ओवेरों में 311 रन बनाने का लक्ष्य दिया गया | इंग्लैंड के बल्लेबाज शुरू से ही आक्रामक खेल खेले | उन्होंने साढ़े छ: रन प्रति ओवर की गति बनाकर राखी कि ज़हीर खान के एक ओवर में सचिन ने हाथ में आई कैच छोड़ दी | भारत को झटका लगा | परंतु सात रन पर उनके सलामी बल्लेबाज कुक को विकेटकीपर धोने ने कैच-आउट कर दिया | उसके बाद आए बेल ने शानदार पारी खेली | दुर्भाग्य से सौरव गांगुली और अजित अगरकर ने हाथ में आए दो कैच और छोड़कर गेंदबाजों को और निराश कर दिया | यहाँ तक कि खीझ में आकर ज़हीर खान ने गेंद को पैर की ठोकर मारकर एक अतिरिक्त रन दे दिया |
अगले ही क्षण धोनी ने बेल को खूबसूरती से स्टंप आउट कर दिया | अगले ही ओवर में धोनी ने विकेट के पीछे एक और कैच लपका | तीन विकेट गिरते ही भारत का उत्साह बढ़ गया | वह दिन मानो धोनी के नाम था | उसने तीन और कैच लपके | इस प्रकार उसने एक ही मैच में 6 विकेट लेकर विश्व-रिकार्ड की बराबरी कर ली | इधर इंग्लैंड के कप्तान कोलिनबुड उन्मादी क्रिकेट खेलकर भारत के गेंदबाजों की धज्जियाँ उड़ा रहे थे | उन्होंने सभी दिशाओं में हवाई छक्के लगाए | 91 रनों की बेहतरीन पारी खेलते हुए वे बावड ही थे कि फिर से बारिश शुरू हो गई | अभी 39 ओवर हुए थे और इंग्लैंड ने 8 विकेट पर 242 रन बना लिए थे | निश्चित रूप से यह मैच भारत की झोली में था | निर्णायकों ने डकवर्थ लुईस नियम के अनुसार भारत को बिजयी घोषित कर दिया | इस प्रकार आगामी दो मैचों का संघर्ष और भी रोचक हो गया | भारत ने श्रंखला जीतनी है तो उसे अपने दोनों मैच जीतने होंगे |
स्मरणीय बातें
इस मैच में सचिन-सौरव की सलामी बल्लेबाजी और छोड़ी हुई कैचें और एक युवराज और कोलिनबुड के रोमांचक छक्के याद रहेंगे | सबसे ज्यादा यद् रहेंगी धोनी की 5 शानदार कैचों और एक स्टंप | सौरव ने गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों में सुंदर प्रद्शन किया | इसलिए उन्हें मैन ऑफ़ द मैच घोषित क्या गया |
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