Hindi Essay on “Hamara Rashtriya Dhwaj” , ”हमारा राष्ट्रध्वज” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
हमारा राष्ट्रध्वज
Hamara Rashtriya Dhwaj
निबंध नंबर:- 01
प्रत्येक राष्ट्र की नीति राष्ट्रों से पृथक और विशिष्ट होती है। उसमें कई बातें ऐसी भी होती हैं, जो केवल उसी राष्ट्र की नीति में पाई जाती हैं। प्रत्येक राष्ट्र का प्रतीक राष्ट्रध्वज अन्य सब राष्ट्रों से पृथक और विशिष्ट होता है। किसी भी देश का राष्ट्रध्वज अपने पूरे देश का प्रतीक होता है।
किसी राष्ट्रध्वज में राष्ट्र की धार्मिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक परंपराओं तथा भावनाओं का समावेश होता है।यही कारण है कि कपड़े का यह टुकड़ा पूरा राष्ट्र बन जाता है। इसकी परिभाषा की प्रचीनाता ध्वज पौराणिक नामों से स्पष्ट हो जाती है। पुरातनकाल के बाद गुप्त साम्राज्य की विजयिनी वैजयंती और सम्राट आशोक के धर्म-विजय की पताका, वीर शिवाजी का भगवा ध्वज आदि इतिहास के पन्नों पर आज भी गर्व से फहरा रहे हैं।
ब्रिटेन का यूनियन बैंक का हंसिया-बालीवाला झंडा, पाकिस्तान का आधे चांद एंव तारे का झंडा अपने-अपने राष्ट्र के गौरव का प्रतीक है।
जब कोई विजेता किसी देश को जीत लेता है तब वह अपने राष्ट्र का झंडा उस विजित देश राजकीय भवनों पर लगा देता है। इससे लोगों की समझ में अपने आप आ जाता है कि फलां देश पर अमुक राष्ट्र अथवा व्यक्ति का आधिपत्य है।
अपने देश के अथवा विदेश के किसी महापुरुष के निधन पर राष्ट्रध्वज झुका दिया जाता है, जिसका अभिप्राय शोक का प्रदर्शन होता है। ऐसे ही राष्ट्रीय पर्वों के अवसर पर राष्ट्रध्वज नए सिरे सं सजाकर हर्षोल्लास के साथ फहराकर राष्ट्र के प्रति सम्मान प्रदर्शित किया जाता है। हाथीदांत अथवा कीमती धातु पर बने राष्ट्रध्वज दूसरे देशों के महान व्यक्तियों की भेंट करने की प्रथा भी प्रचलित है।
तिरंगा हमारे देश का राष्ट्रध्वज है ओर उसके बीचोबीच चौबीस तीलियों वाला चक्र अंकित है। आजाद की लड़ाई के दौरान तिरंगे झंडे का जन्म हुआ था। आरंभ में लाल, हरा और सफेद-इन तीन रंगों का मिश्रण था और सफेद कपड़े पर चरखा अंकित था। चरखे का अभिप्राय स्वावलंबन से था। लाल, हरा, सफेद-ये तीन रंग भी हिंदू, मुसलिम और अन्य भारतवासियों की संस्कृति के प्रतीक थे। बाद में इसमें कुछ सुधार किया गया। लाल रंग की जगह केसरिया स्वीकार किया गया, चरखे की जगह चक्र अंकित किया गया। रंगों की व्याख्या पहले वर्ग के आधार पर की जाती थी, अब मानव के भौतिक गुणों से उसका संबंध जोड़ा जाता है। केसरिया को साहस और त्याग, सफेद को शांति और सच्चाई तथा हरे को श्रद्धा, प्रगति और विश्वास का प्रतीक माना जाता है। इन सबसे बढक़र तिरंगे झंडे का महत्व भारतीयों में जागृति और स्फूर्ति का संचार करने में है।
आज स्वतंत्र भारत में राष्ट्रीय पर्वों पर राष्ट्राध्यक्षों एंव अधिकारियों द्वारा तिरंगा झंडा फहराकर इसका सम्मान किया जाता है।
देश के प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है कि वह तिरंगे की शान बनाए रखे और इसे पूरा सम्मान दे।
हमारा राष्ट्रीय ध्वज
निबंध नंबर:- 02
प्रत्येक देश का अपना-अपना राष्ट्रीय ध्वज होता है। हमारे देश का राष्ट्र-ध्वज तिरंगा झंडा है। हमारे तिरंगे में तीन रंग हैं। इसी तिरंगे झंडे के नीचे हमने अपनी आजादी की लड़ाई लड़ी। इस आजादी के लिए हमारे अनेक नेताओं ने अपने जीवन का उत्सर्ग किया। हमारा यह तिरंगा-झंडा उन वीरों की याद दिलाता है, जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिये।
हमारे राष्ट्र-ध्वज में तीन पट्टियाँ हैं
ऊपर की पट्टी केसरिया रंग की, बीच की पट्टी सफेद रंग की और नीचे की पट्टी हरे रंग की है। हरा रंग प्रकृति की सुंदरता और समृद्धि का प्रतीक है। केसरिया रंग त्याग और वीरता का प्रतीक है। सफेद रंग शांति का प्रतीक है। बीच में नीले रंग का अशोक चक्र है।
अशोक महान हमारे देश के शक्तिशाली एवं शांतिप्रिय सम्राट थे। अशोक चक्र प्रगति, सत्य, अहिंसा, त्याग और सर्वधर्म समानत्व का प्रतीक है। अशोक चक्र में 24 लकीरें हैं।
हमारा राष्ट्र ध्वज हमें प्रेरित करता है कि हम अपने देश को समृद्ध बनावें। अपने त्याग और परिश्रम के द्वारा देश में अमन चैन और शांति बनाये रखें। अहिंसा और सत्य हमारे जीवन के मूल सिद्धान्त हों। सर्वधर्म समानत्व की भावना का देश में प्रसार हो।
आज हमारा राष्ट्र-ध्वज सभी राजभवनों पर लहराता है। 26 जनवरी और 15 अगस्त को विशेष सम्मान के साथ ध्वजारोहण का कार्य सम्पन्न होता है। इन समारोहों के अवसर पर प्रायः सभी कार्यालयों, शिक्षा संस्थाओं में प्रातःकाल बड़े सम्मान के साथ राष्ट्र ध्वज फहराया जाता है। उसे सलामी दी जाती है। इन दो अवसरों पर देश की जनता भी अपने घरों और वाहनों पर राष्ट्र-ध्वज लगा सकती है। सार्यकाल सूर्यास्त होने पर राष्ट्र-ध्वज को उतारकर सुरक्षित रख लिया जाता है।
राष्ट्र-ध्वज हमारे सम्मान का प्रतीक है। प्रेरणा का स्रोत है। हमें अपने कर्तव्यबोध की ओर ले जाने का सबल माध्यम है।
हमारा राष्ट्र-ध्वज हमारे देश की शान है। इसकी रक्षा के लिए हमारे असंख्य देशवासियों ने अपने प्राणों की बाजी लगा दी। इसकी रक्षा करना हमारा पावन कर्तव्य है।