Hindi Essay on “Ek Bus Conductor ” , ”एक बस कंडक्टर” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
एक बस कंडक्टर
Ek Bus Conductor
एक बस कंडक्टर बहुत आम पहचान होती है। वह बस के अन्दर या बस स्टैंड पर देखे जा सकते हैं। वह यात्रियों से भरी बस को चलाने के लिए ड्राईवर की सहायता करता है। वह यात्रियों को टिकट प्रदान करता है तथा इस चीज़ का ध्यान रखता है कि कोई बिना टिकट के सफर न कर रहा हो। बस का ड्राईवर तब तक बस नहीं चलाता जब तक कंडक्टर लंबी सीटी नहीं बजाता।
आमतौर पर कंडक्टर ने खाकी वर्दी पहनी होती है। वह अपनी टिकट तथा पैसे वाला बैग कंधे पर टांगे रखता है। उसके पास एक पंचिंग मशीन भी होती है। वह यात्री से यात्री तक जाकर पूछता है कि वे कहा जाना चाहते हैं। वह महिला यात्रियों को अलग सीट भी प्रदान करवा देता है। यदि कभी उसके पास छुट्टे पैसे न हों तो वह यात्रियों से ही उसे न भूलने को कह देता है। वह यात्रियों को उनके स्थान पर पहुंचने से पहले सारा लेन-देन साफ कर देता है।
कंडक्टर अधिकतर समय बस में खड़ा होकर ही व्यतीत करता है। वह ध्यान रखता है कि बस सभी जगहों पर रुके। जब कोई स्टापेज आता है तो वह घोषणा कर देता है कि जो यात्री यहां उतरना चाहते हैं वे खिड़की के पास चले जाएं। जब सभी यात्री उतर जाते हैं तो वे नए यात्रियों को अन्दर आने देता है। कई बार वह जरूरत से अधिक यात्रियों को अन्दर बुला लेता है जिससे बस में अधिक भीड़ हो जाती है।
कंडक्टर को विभिन्न प्रकार के लोगों का सामना करना पड़ता है। वह अधिकतर शांत तथा नर्म रहने का प्रयास करता है। किन्तु कई बार वह अपना आपा खो बैठता है। वह यात्रियों से झगड़ा कर लेता है तथा गलत भाषा का प्रयोग कर बैठता है। ऐसा तब होता है जब उसे लगे कि कोई उसे धोखा देने की कोशिश कर रहा है। वह सभी यात्रियों से एक समान व्यवहार करता है। अपने कार्य को आसानी तथा अच्छे तरीके से करने के लिए कंडक्टर को मीठा तथा नर्म बोलना चाहिए।