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Hindi Essay on “Deshatan ” “Yatra Ka Mahatav” , ” देशाटन या यात्रा का महत्व ” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

देशाटन

या

देश-विदेश की सैर

या

यात्रा का महत्व

निबंध नंबर :- 01

देश +अटन इन दो शब्दों में संधि होने से बना है एक नया शब्द – देशाटन। ‘देश’ किसी ऐसे विशेष भू – भाग को कहा जाता है, जिसे प्रकृति ने अपने विभिन्न और विविध रूपों वाले, विभिन्न और विविध प्रकार की सम्पत्तियों से संपन्न बनाया होता है। उन्हीं के कारण  एक ही देश का भाग या प्रान्त दूसरे भाग या प्रान्त से अलग कहलाता है। इसे हम प्रकृति द्वारा देश का भोगोलिक विभाग और वैविधय भी कहलाता है, जो अपने आप में संपूर्ण एवं महतवपूर्ण हुआ करता है।

देशाटन में दूसरा मुख्या शब्द है – ‘ अटन’ जिस का सामान्य अर्थ है , घूमना -फिरना और तरह – तरह के दृश्यों का अवलोकन करना। इस प्रकार ‘देश ‘ और ‘ अटन’ से मिलकर बने इस शब्द ‘ देशाटन ‘ का अपना व्यापक और विशेषयज्ञ अर्थ हो जायेगा प्राकृतिक और भौगोलिक विभिन्नताओं – विविधताओं से संपन्न अपने देश के अलग – अलग भू -भागों, प्रांतों का भ्रमण करके वहां के रूप – रंग, रहन -सहन, रीती – नीतियों, आदि को दर्शन करना उन्हें निकट से देख सुनकर वहां की विशेष्यज्ञाताओं को  जानना। जहाँ तक सीमित या व्यापक अर्थों में देशाटन के उद्देश्य प्रयोजन या लाभ आदि का प्रश्न है वह चाहे अपने देश के विभिन्न भागों या प्रांतों का किया जाये अथवा संसार के विभिन्न देशों का उनमे समानता ही रहती है। व्यक्ति दोनों दशाओं में  समान रूप से लाभान्वित होता है, जबकि देशाटन से विभिन्न देशों की विशेषताएं देखि और समझी जा सकती है।

अटन या भ्रमण चाहे देश में किया जाये चाहे सारी धरती पर बसे देशों में, अनेक लाभ निश्चित रूप से प्राप्त हुआ करे हैं। देशाटन से मनोरंजन का पहला प्रमुख एवं स्वास्थ्य लाभ तो हुआ ही करता है, व्यक्ति के मन- मष्तिस्क में जो अनेक प्रकार  की जिज्ञासाजन्य कृतियां रहा करती हैं, उनका हल भी होता है। इसी प्रकार जैसे कि कहावत बनी हुई है ऊँठ को अपनी उचाई की वास्तविकता का एहसास तभी हो जाता है, जब वह पहाड़ के निचे से गुजरता होता है अर्थात अपने – आप को बड़ा विद्वान  ज्ञानवान और जानकार मानने वाला व्यक्ति देश – विदेश में घूम कर जान पता है कि वास्तव में वह कितना अल्पज्ञ है। इस प्रकार देशाटन व्यक्ति के अपने सम्बन्ध में पास रखे गए भ्रम – निवारण का भी एक कारन बनकर उसे जीवन की वस्तविक धरातल पर ले अपने का सुखद, शांतिप्रद कारण बन जाया करता है।

देशाटन करने वाला व्यक्ति प्रकृति के विभिन्न और विविध स्वरूपों के साथ साक्षात्कार कर पाने का सौभाग्य भी सहज ही प्राप्त कर लेता है। वह देख पाता है कि प्रकृति ने कहीं तो हरी – भरी और बर्फानी पर्वतमालाओं से धरती को ढक रखा है। वहां  की पर्वतमालाओं की बर्फ – ढंकी चोटियां इतनी ऊँची हैं कि उन्हें पार कर पाना यदि संभव नहीं तो कठिनतम कार्य आवश्यक है। इसी प्रकार कहीं रूखी – सूखी गरम  और नंगी पर्वतमालाएं हैं जहाँ छितराये पेड़ – पौधें, वनस्पतियों आदि स्वयं भी छाया  के  लिए तरसा करती हैं लम्बे – चौड़े, धुल – माटी आँखों – सिर में झोंकने को आतुर रेतीले टीलों  वाले रेगिस्तान दिखाई देकर प्रकर्ति की बनावट कर आश्चर्य करने को बाध्य कर दिया करते हैं कहीं आर – पार , दृष्टि रेगिस्तान दिखाई देकर प्रकृति की  बनावट कर आश्चर्य करने को बाध्य कर दिया करते हैं कहीं आर – पार, दृष्टि सीमा के भी उस पार तक फैले सागर – जल का विस्तार अपनी उत्ताल तरंगों से मन को मोह लिया करता है।

इसी प्रकार कहीं तो हमेशा बसंत का गुलज़ार रहता है और कहीं सर्दी के प्रकोप से पल भर के लिए मुक्ति नहीं मिल पाती। कहीं वर्षारानी की रिमझिम पायल बोर कर देने की सीमा तक बजती रहती है और कहीं सख़्त गर्मी से व्याकुल चेतना उसकी  कुछ बौछारें पाने को तरस जाती हैं। देशाटन करके ही इन विविधताओं को जाना और अनुभव किया जा सकता है। देशाटन करते समय विभिन्न रंग – रूप और बनावट वाले लोग तो देखने – सुनने को मिलता ही हैं। उनके रंग – बिरंगे वेश – भूषा, रहन  – सहन, रीती – रिवाजों, उत्सव – त्योहारों, भाषा- बोलियों, सभ्यता, संस्कृतियों के रूप भी उजागर होकर मन को  मुग्ध कर लिया करते हैं । इस सबसे अटन करने वाला व्यक्ति विभिन्न और विविध जानकारियो का चलता – फिरता ज्ञान भंडार बन जाया करता है । वह सुख – दुःख की हर स्तिथि का सामना कर पाने में समर्थ, उदार- ह्रदय सबकी सहायता करने को हमेशा तत्पर रहना भी सीख  लेता है । इसलिए अवसर और सुविधा जुटाकर देश – विदेश का अटन अवश्य  करना चाहिए । मानवीयता को  विस्तार देशाटन का सर्वाधिक श्रेष्ठ लाभ  कहा – माना जा सकता है ।

 

यात्रा का महत्त्व

निबंध नंबर :- 02

यात्राएँ तथा सफ़र बहुत रोमांचित करते हैं। ये हमें नए स्थानों पर जाने तथा नए लोगों मिलने का अवसर प्रदान करते हैं। जो जानकारी हमें इससे मिलती है वह सीधी तथा कभी नभलने वाली होती है। हम चीजों की हर बारीकी को समझ लेते हैं। इससे हमें जो अनुभव प्राप्त होता है वह बढ़िया तथा साफ होता है। इसलिए हमें शिक्षा के लिए यात्रा को अपने जीवन का एक भाग बना लेना चाहिए।

नए स्थानों पर यात्रा करने से हमारी परीक्षण शक्ति बढ़ जाती है। जब हम नए स्थान पर जाते हैं तो हम उसे पूर्ण रूप से समझ पाते हैं। हमारे मन में एक ऐसी तस्वीर बन जाती है जिसे हम कभी भी भुला नहीं पाते। जिन स्थानों पर हम नहीं जाते उसके बारे में भी जानने का हमारा रुझान बढ़ जाता है। हम अपनी आंखों तथा दिमाग का पूरा प्रयोग करते हैं। इसके फलस्वरूप हम दिमागी रूप से सतर्क तथा चुस्त बनते हैं।

यात्रा हमें नए लोगों से मिलने तथा उनके जीवन जीने के ढंग को जानने में मदद करती है। इस प्रकार ऐसे लोगों से मिलना जो अलग भाषाएँ बोलते हैं तथा अलग-अलग प्रकार के वस्त्र पहनते हैं, बहुत ही खूबसूरत लगता है। हमें नए दोस्त बनाने का अवसर मिलता है। हमें लगता है कि हम मानवता नाम के एक बड़े परिवार का हिस्सा हैं। हमारे मन में एक-दूसरे के लिए सांत्वना तथा अपनापन जागता है।

यात्रा हमें प्रकृति के समीप लेकर जाती है। हम प्रकृति को हर रूप में देख पाते हैं। हमें बड़े-बड़े ऊँचे पहाड देखने को मिलते हैं। खूबसूरती, रंग तथा शांति जो कि इस प्रकृति में शामल है, हमारी आँखों को आनन्दित कर देते हैं। कुछ समय के लिए हम अपनी रोज की चिन्ताओं को भूल जाते हैं।

यात्रा हमारी जिन्दगी में जीवन तथा कला को लेकर आती है। जो भी जानकारी हमें ऐतिहासिक इमारतों, कला तथा चीजों के बारे में है वह केवल किताबी तथा अपूर्ण है। किन्तु यात्रा हमें सीधे हाथ जानकारी प्रदान करती है। हमें यह पता चलता है कि जीवन रोमांचपूर्ण है। ऐसे साहसिक उत्साह के लिए हमारा खाली घर बैठने का बिल्कुल मन करता। इस प्रकार यात्रा शिक्षण तथा मनोरंजन दोनों प्रदान करती है।

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