Hindi Essay on “Atal Bihari Vajpayee”, “प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी” Complete Hindi Nibandh for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी
Atal Bihari Vajpayee
जन्म एवं शिक्षा : भारतीय जनमानस की आस्था के केन्द्र, लोकप्रिय नेता, जननायक श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भारत के 14 वे प्रधानमंत्री के रूप में 19 मार्च 1998 को पद भार ग्रहण किया। श्री वाजपेयी का जन्म कविवर श्रीकृष्ण बिहारी वाजपेयी के यहाँ 25 दिसम्बर 1924 को ग्वालियर में हुआ था। इन्होंने ग्वालियर के विक्टोरिया कॉलेज (वर्तमान लक्ष्मीबाई कॉलेज) तथा कानपुर के डी०ए०वी० कॉलेज में शिक्षा पायी। राजनीतिशास्त्र में एम०ए० उपाधि धारक श्री वाजपेयी बहुआयामी प्रतिभा के धनी हैं। नेतृत्व कुशलता, वाकपटुता और वक्तृत्वता वाजपेयी जी के व्यक्तित्व के चमत्कारिक गुण हैं।
राजनीति में प्रवेश : श्री वाजपेयी जी ने भारत के स्वाधीनता संग्राम में खुलकर भाग लिया। फलतः 1942 में इन्हें जेल यात्रा करनी पड़ी। स्वाधीनता के बाद 1975 में लगाए गए आपात् काल के दौरान 1975 से 1977 तक इन्हें पुलिस की हिरासत में रहना पड़ा।
साहित्य और पत्रकारिता, श्री वाजपेयी जी की रुचि के विषय हैं। अपनी युवावस्था में इन्होंने राष्ट्रधर्म (हिन्दी दैनिक), (पंचजन्य) हिन्दी साप्ताहिक, दैनिक स्वदेश तथा दैनिक वीर अर्जुन का सम्पादन कर अपने प्रखर; किन्तु स्वतंत्र चिंतक होने का परिचय दिया।
मंत्री से प्रधानमंत्री : कवि और योग्य सांसद श्री अटल बिहारी वाजपेयी को संसदीय परम्पराओं, दायित्वों और कार्यों का दीर्घकालीन अनुभव है। आपने 1957 से 1977 तक संसद में जनसंघ के संसदीय दल का नेतृत्व किया। इनके जनता पार्टी में विलय के बाद आपने श्री मरारजी देसाई के मंत्रिमंडल में विदेश मंत्री का दायित्व सफलतापूर्वक सम्भाला और बाद में विपक्ष के नेता के रूप में संसद को अपनी विशिष्ट छवि से गौरवान्वित करते रहे।
सन 1992 में वाजपेयी जी को पद्म विभूषण से सम्मानित किया। गया। 1993 में कानपुर विश्वविद्यालय ने इन्हें डाक्टर ऑफ फिलासफी की मानद उपाधि से अलंकृत किया। 1994 में इन्हें सर्वश्रेष्ठ सांसद हेतु लोकमान्य तिलक तथा पंडित गोविंद वल्लभ पंत पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
श्री वाजपेयी राष्ट्रभाषा हिन्दी के प्रबल पक्षधर और पोषक हैं। आपने ही सर्वप्रथम संयुक्त राष्ट्रसंघ में भारतीय विदेश मंत्री के रूप में, राष्ट्रभाषा हिन्दी में अपने विचारों को अभिव्यक्त कर सच्चे भारतीय और प्रभुता सम्पन्न भारतीय गणराज्य के नागरिक होने का साक्ष्य प्रस्तुत किया।
उपसंहार : एकात्म मानववादी, आदर्शवाद के प्रति समर्पित वाजपेयी जी की भारत के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री के नाते विश्व राजनीति के पटल पर उपस्थिति सम्पूर्ण मानवता के लिए मंगल संकेत है।