Hindi Essay on “Asian Highway” , ”एशियन हाइवे” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
एशियन हाइवे
Asian Highway
एशिया महाद्वीप के 32 देशों को सड़क मार्ग से जोड़ने के लिए एशियन हाइवे परियोजना की परिकल्पना की गई। इस परियोजना का प्रारम्भ यूनेस्कैप (यूनाइटेड नेशंन इकनोमिक एण्ड सोशल कमीशन फाॅर एशियन एण्ड द पैसिफिक) की अगुआई में हुआ है। इस परियोजना को 32 देशों मंे से 27 देशों ने अपनी सहमति दे दी है। जुलाई 2005 से इस परियोजना पर अंतर्सरकारी समझौता लागू हो गया। इसके तहत 1,41,204 कि.मी. लम्बा राजमार्ग बनाया जाएगा, जिसमें भारत में 11,458 कि.मी. लम्बा राजामर्ग बनाया जाएगा, जिसमें भारत में 11,458 कि.मी. लम्बा राजमार्ग होगा। इस परियोजना पर आने वाले 18 बिलियन अमेरिकी डाॅलर का खर्च यूनेस्कैप, एशियाई विकास बैंक, विश्व बैंक, जापान बैंक फार इंटरनेशनल को आॅपरेशन जैसी बडी संस्थाएं मिलकर वहन करेंगी।
इस परियोजना की शुरूआत 1959 में हुई। इसके प्रथम चरण में 1960-1970 में इसमें उल्लेखनीय प्रगति हुई। 1975 में वितत्य सहायता रूकने से प्रगति धीमी पड़ गई। पुनः 1992 में युनेस्कैप ने इस पर अपनी सहमति दी। फिर 2003 में अन्र्तसरकारी बैठक में एशियन हाइवे नेटवर्क अंतसर्रकारी समझौता हुआ जिसमें 32 सदस्य देशों में 55 हाइवे रूट तय किए गए और इस पर एक, दो और अधिक लेन बनाने पर सहमति हुई। जिस 32 देशों मंे इस परियोजना को लागू किया जाना है वे देश हैः अफगानिस्तान, आर्मीनिया, अजरबैजान, बांग्लादेश, भूटान, कम्बोडिया, चीन, दक्षिण कोरिया, जार्जिया, भारत, इंडोनेशिया, ईरान, जापान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, नेपाल, पाकिस्तान, फिलीपींस, उत्तर कोरिया, रूस, सिंगापुर, श्रीलंका, ताजिकिस्तान, थाईलैंण्ड, तुर्की, तुर्कमेनिस्तान, उजबेकिस्तान और वियतनाम।
भारत में राष्ट्रीय राजमार्गो के विकास का कार्य जोरों पर है लेकिन इस एशियन हाइवे से सम्बद्ध सभी सदस्य देशों से गुजरने वाली सड़कों को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का बनाया जाना है। भारत में इस परियोजना का लाभ बिहार, उड़ीसा, पं. बंगाल और उत्तर-पूर्वी राज्यों को होगा। इस परियोजना के प्रभावी हो जाने से सदस्य देशों के आपसी व्यापार और पर्यटन को बढावा मिलेगा। भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में ’पर्यटन क्रांति’ का आगमन होगा और यह क्षेत्र आर्थिक और पर्यटन संबंधी गतिविधयों का एक महत्पूर्ण केन्द्र बन जाएगा।