Hindi Essay on “Ashiyai Khel Pratiyogita” , ”एशियाई खेल प्रतियोगिता” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
एशियाई खेल प्रतियोगिता
Ashiyai Khel Pratiyogita
भारत सैकड़ों वर्षों तक गुलाम रहा और इस गुलामी के कारण हम हर क्षेत्र में पिछड़ते चले गए। क्रीड़ा-क्षेत्र में भी हमारी यही स्थिति रही। लेकिन इन दिनों प्रत्येक क्षेत्र में हमारा विकास हो रहा है और खेलों में भी हम अब दुनिया से बहुत पीछे नहीं चल रहे हैं। बावजूद इस सब के, अन्तर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धाओं में हमारी उपलब्धि कम है। इसी भावना से आहत और प्रेरित होकर हमारे तत्कालीन लोकप्रिय प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू ने एशियाई खेल प्रतियोगता की नींव रखने में सक्रिय भूमिका निभाई। एशियाई खेल-प्रतियोगता को ही ’एशियाड’ कहा जाता है। हम भारतीयों के लिए तो यह और भी खुशी की बात हुई कि प्रथम एशियाड का आयोजन 4 मार्च 1952 ई. को भारत की धरती पर ही हुआ। ओलम्पिक व राष्ट्रमंडल खेलों के बाद यह विश्व का सबसे बड़ा क्रीड़ा-समारोह है। इस समारोह में एशिया महादेश के प्रायः सभी देशों के खिलाड़ी बिना जाति, लिंग, धर्म एवं रंग व भेद-भाव के हिस्सा लेते हैं। इसका आयोजन चार वर्षों के अन्तराल पर किया जाता है।
4 मार्च 1952 ई. को प्रथम एशियाड के आयोजन के अवसर पर पं. जवाहर लाल नेहरू द्वारा प्रसारित संदेश इस आयोजन के उ६ेश्य को स्पष्ट कर देता है। नेहरूजी के ये शब्द खेल और खिलाड़ियों के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं-
“खिलाड़ियों के इस अन्तर्राष्ट्रीय मिलन का एक और भी महत्वपूर्ण पहलू ह। इनमें अनेक देशों के युवा लोग शामिल होते हैं और इस प्रकार अन्तर्राष्ट्रीय मैत्री और सहयोग को बढ़ावा मिलता है। प्रत्येक खिलाड़ी को अपनी पूरी कोशिश करनी चाहिए, चाहे वह हारे, चाहे जीते। उसे दोष मुक्त होकर खेल की भावना से ही खेल खेलना चाहिए।“
सन् 1952 ई. के प्रथम एशियाड में मात्र 6 खेल ही खेले गए थे। प्रतियोगी देशों की संख्या भी मात्र ग्यारह ही थी। किन्तु वर्तमान में इस आयोजन में सम्मिलित खेलों की संख्या तीस से ऊपर हो चुकी है। इन खेलों में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्तर के विजेताओं को क्रमशः स्वर्ण, रजत एवं कांस्य-पदक प्रदान किया जाता है। पदक जीतना किसी भी खिलाड़ी एवं संबंधित देश कि लिए गौरव की बात है। इन दिनों एशियाई खेलों में चीन का वर्चस्व है। जापान दूसरे स्थान पर रहता है तथा भारत प्रायः पांचवें व सातवें स्थान पर रहता है।
अब तक दो बार-प्रथम और नौवें एशियाड की मेजबानी करने का सुअवसर भारत का मिल चुका है। नवें एशियाड को तो बड़ी धूमधाम से नई दिल्ली में आयोजित किया गया। 19 नवम्बर 1982 ई. को तत्कालीन राष्ट्रपति माननीय ज्ञानी जैल सिंह द्वारा इसका उद्घाटन हुआ और 4 दिसम्बर 1982 का उसी गरिमा के साथ इसका समापन भी किया गया। इस आयोजन का सफल बनाने के लिए दिल्ली में कुल सत्रह स्टेडियम तैयार किए गए। जिनमें जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, इन्द्रप्रस्थ स्टेडियम और तालकटोरा स्टेडियम उल्लेखनीय हैं।