Hindi Essay on “Adarsh Adhyapak ” , ” आदर्श अध्यापक” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
आदर्श अध्यापक
निबंध नंबर :- 01
अध्यापक और समाज में एक घनिष्ठ सम्बन्ध होता है | किसी भी समाज व् राष्ट्र की उन्नति उस देश के आदर्श, सुयोग्य तथा चरित्रवान अध्यापको पर निर्भर करती है | अध्यापक को राष्ट्र का निर्माता समझा जाता है | एक अध्यापक की तुलना हम सृष्टिकर्त्ता ब्रह्मा से भी कर सकते है | जैसे ब्रह्मा का कार्य संसार के प्रत्येक प्राणी और पदार्थ को बनाना है, उसी प्रकार उन सब बने हुए मनुष्यों को संसार के व्यवहार योग्य बनाना, सजा – संवार कर प्रस्तुत करना एक आदर्श अध्यापक का कार्य है | इन कार्यो को भली प्रकार पूरा करने के लिए अध्यापक को सुयोग्य चरित्रवान तथा कर्त्तव्य – परायण होना चाहिए |
हमारे देश भारत में प्राचीन काल में प्राय: आदर्श अध्यापक ही होते थे तथा उन्हें ही अध्यापन का कार्य सौपा जाता था | ऐसे अध्यापको का जीवन स्वार्थ तथा लोभ से दूर रहता था | उनका जीवन तपोमय तथा ह्रदय विशाल होता था | परन्तु आज हमे इसके विपरीत की स्थिति दिखाई पडती है | आज के आध्यापक में ऐसा कर पाने का गुण व् शक्ति नही रह गई है | उनकी मनोवृत्ति आम व्यवसायियों और दुकानदारों जैसी हो गई है जिनका मुख्य लक्ष्य धन – कमाना होता है | यह बहुत खेद की बात है | हमे अपनी विचारधारा में परिवर्तन कर आदर्श जीवन अपनाना चाहिए | क्योकि आदर्श अध्यापक ही राष्ट्र का सच्चा गुरु होता है | तथा मानव – जीवन को ऊचा उठाता है |
आदर्श अध्यापक में अनेक गुण विद्दमान होते है | वह प्रत्येक विद्दार्थी के साथ प्रेम का व्यवहार करता है | वह दिन, दुखी तथा असहाय विद्दार्थियो की आवश्यकतानुसार सहायता करना अपना कर्त्तव्य समझता है | वह सच्चे अर्थो में विद्वान होता है जिसे अपनी विद्वता पर अहंकार नही होता है | उसका अपने विद्दार्थियो के सम्मुख एक- एक पग आदर्श का होता है | वह सदैव अपने विद्दार्थियो के चरित्र – निर्माण में अपना जीवन लगा देता है | उसका ह्रदय परोपकारी होता है |
आदर्श अध्यापक कभी भी अपने कर्त्तव्य के मार्ग से विचलित नही होता है | वह समाज व राष्ट्र को ऐसी सम्पत्ति प्रदान करता है जिसे पाकर उस समाज व् राष्ट्र के प्राणी युगों तक शान्ति व् आनन्द प्राप्त करते रहते है | परन्तु खेद है कि आज के युग में ऐसे आदर्श अध्यापक बड़ी कठिनाई से मिलते है | परन्तु जिन राष्ट्रो तथा समाजो को ऐसे अध्यापक मिल जाते है वे सौभाग्यशाली होते है |
निबंध नंबर :- 02
आदर्श अध्यापक
An Ideal Teacher
एक आदर्श अध्यापक पूरी तरह पढ़ाने और सीखने के निमित्त समर्पित होता है। वह अपने विषय में अच्छी तरह प्रशिक्षित होता है। फिर भी वह और सीखता रहता है। वह अपने विद्यार्थियों के लिए प्रेरणास्रोत होता है। वह अपने विद्यार्थियों को कक्षा के अन्दर और बाहर प्रेरित करता है।
वह सच्च मार्गदर्शक होता है, वह अपने विद्यार्थियों को अच्छे कर्मों, पढ़ाई, स्वास्थ और सफाई के प्रति मार्गदर्शन करता है। वह सादा जीवन और उच्च विचार में विश्वास करता है। वह ऐसा कुछ नहीं करता जिससे आदर्श अध्यापक के वह अयोग्य हो जाए।
वह अपना जीवन विद्यार्थियों की सेवा के लिए समर्पित कर देता है। अपने सर्मपण से वह विद्यार्थियों के अनुसारण के लिए उदाहरण बनता है। उसके कार्य युवाओं को अच्छे व्यक्तित्व और भविष्य के ज़िम्मेवार नागरिक बनाते हैं।
वह अपनी इच्छा से अध्यापक बनता है। युवा छात्रों के माध्यम से देश के भाग्य का मार्गदर्शन करने की प्रगाढ़ इच्छा उसके हृदय में से आती है। वह कभी भी नौकरी के वेतन के बारे में शिकायत नहीं करता। वह सैदव केवल अपने विद्यार्थियों के परिणाम और व्यक्तित्व के विषय में चिन्तित रहता है। उसकी शिक्षा के प्रति भावना, उसके विद्यार्थियों को दूसरों से आगे जाने के लिए उत्साहित करती है।
उसे अपने विषय की गहराई से जानकारी होती है। वह अपनी कक्षा में, पढ़ाने वाले विषय को अच्छी तरह तैयार करके आता है। वह गृहकार्य को अच्छी तरह देखता है। वह अपने पढ़ाने के तरीकों को मज़ेदार बनाने की कोशिश करता है। उन के पास हमेशा समूचा ज्ञान होता है। विद्यार्थी हमेशा उन के पास अपनी समस्याएँ ले जाने में स्वतंत्र होते हैं। वह कभी नाराज़ नहीं होता। वह उनकी मुश्किलों को हल करने की कोशिश करता है। उसका चरित्र और व्यक्तित्व उसके विद्यार्थियों में आत्म-विश्वास और इज़्ज़त को प्रेरित करता है। वे उस पर विश्वास करते हैं। वह विद्यार्थियों के जीवन पर्यन्त उनका मार्गदर्शक बना रहता है। समाज और देश को एक आदर्श अध्यापक की सेवाओं को स्वीकारना चाहिए। उसका अपनी अथक और समर्पित देश की सेवा के लिए उचित सम्मान होना चाहिए।
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