Hindi Essay on “Bita Samay Haath Nahi Aata”, “बीता समय हाथ नहीं आता” Complete Paragraph, Nibandh for Students
बीता समय हाथ नहीं आता
Bita Samay Haath Nahi Aata
संकेत बिंदु –नाटककार का कथन –मनुष्य का जीवन अमूल्य –समय का सदुपयोग
प्रसिद्ध कवि एवं नाटककार का कथन है- “समय को मैंने नष्ट किया, अब समय मुझे नष्ट कर रहा है।” मनुष्य का जीवन अमूल्य है, जो संसार में विशिष्ट स्थान रखता है। समय किसी की प्रतीक्षा नहीं करता। प्रकृति के समस्त कार्य नियत समय पर होते हैं। समय की गति बड़ी तीव्र होती है, जो उससे पिछड़ जाता है वह सदैव पछताता रहता है। तुलसीदास ने ठीक ही कहा है “समय चूकि पुनि का पछताने, का वर्षा जब कृषि सुखाने।” अतः आवश्यकता है समय के सदुपयोग की। समय वह धन है जिसका सदुपयोग न करने से वह व्यर्थ चला जाता है। हमें समय का महत्त्व तब ज्ञात होता है जब दो मिनट विलंब के कारण गाड़ी छूट जाती है। जीवन में वही व्यक्ति सफल हो पाते हैं जो समय का पालन करते हैं। हमारे देश में समय का दुरुपयोग बहुत होता है। बेकार की बातों में व्यर्थ समय गँवाया जाता है। मनोरंजन के नाम पर भी बहुत समय गँवाया जाता है। बहुत से व्यक्ति समय गँवाने में ही आनंद का अनुभव करते हैं। यह प्रवृत्ति हानिकारक है। समय को खोकर कोई व्यक्ति सुखी नहीं रह सकता। जूलियस सीजर सभा में पाँच मिनट देर से पहुंचा और अपने प्राणों से हाथ धो बैठा। अपनी सेना के कुछ मिनट देर से पहुंचने के कारण नेपोलियन को नेल्सन से पराजित होना पड़ा। समय किसी की बाट नहीं देखता।
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