Gantantra Diwas ka Samaroh “गणतन्त्र दिवस का समारोह” Complete Hindi Essay, Nibandh for Class 8, 9, 10, 12 and Graduation and other classes.
गणतन्त्र दिवस का समारोह
भारत को 15 अगस्त, 1947 को स्वाधीनता प्राप्त हुई थी। हमें स्वतंत्रता के लिए बहुत संग्राम करना पड़ा। बहुत से लोगों ने अपने जीवन का बलिदान दिया। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान हज़ारों लोग जेल गए। तब हमारे नेताओं ने गणतंत्र सरकार की स्थापना का निर्णय लिया। कुछ महान नेताओं और शिक्षित लोगों ने भारत का नया संविधान बनाया। यह संविध न 26 जनवरी, 1960 से लागू हुआ और भारत एक गणतंत्र देश बना।
यह हमारे देश के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा दिवस था। तब से हम प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को इस दिन का समारोह मनाते है। यह पूरे देश में मनाया जाता है।
प्रत्येक वर्ष की भान्ति, इस वर्ष भी यह हमारे शहर में बड़ी धूम-धाम से मनाया गया। समारोह सुबह शुरु हो गया। लोग शहर में झुण्ड बनाकर घूम रहे थे। वे देशभक्ति के गीत गाते जा रहे थे। इस गीतों से सब के हृदय में अपने देश के प्रति गर्व भर गया। सरकारी समारोह पुलिस ग्राउड में मनाया गया। टैंट लगा दिए गए थे। आमन्त्रित अतिथियों के लिए कुर्सियों की बहुत-सी कतारे लगाई गईं थीं। एक छोटा-सा चबूतरा मुख्य अतिथि द्वारा परेड से सलामी लेने के लिए बनाया गया था।
सुबह से लोगों ने आना शुरु कर दिया था। वे सबसे बढ़िया वस्त्रों में आए थे। विद्यार्थी अपनी वर्दी में थे। स्काउट और एन.सी.सी. के कैडेट्स भी थे। पुलिसकर्मियों ने अपनी वर्दी पहनी हुई थी। हर कोई चुस्त लग रहा था। वे सभी तीन-तीन की कतारों में खड़े थे।
9.30 बजे राज्य के राज्यपाल पधारे। सभी उन के सम्मान में खड़े हो गए। वे चबूतरे पर चढ़े। उन्होंने राष्ट्रध्वज फहराया, राष्ट्रगान गाया गया। गॉर्ड ऑफ ऑनर भी पेश किया गया।
उसके बाद राज्यपाल ने छोटा परन्तु प्रभावी भाषण दिया। उन्होंने लोगों को संगठित रहने और तोड़ने वाली ताकतों से लड़ने को कहा। उन्होंने देश की प्रगति में भाग लेने को कहा। उन्होंने हर मूल्य पर देश की स्वतंत्रता बचाने के लिए कहा।
उसके बाद परेड शुरु हुई और हम शहर के मुख्य रास्ते पर से गए। कई स्थानों पर द्वार खड़े किए गए थे। लोग सड़कों के दोनों ओर, अपनी छतों और गलियारों में खड़े होकर परेड देख रहे थे। लोगों में बहुत जोश था। सरकारी इमारतों और महत्त्वपूर्ण स्थानों पर तिरंगा फहराता देखा जा सकता था। गणतन्त्र दिवस ने सब को राष्ट्र सम्मान से सराबोर कर दिया था।
यह समारोह नई दिल्ली में भी धूम-धाम से मनाया जाता है। यह विजय चौक से शुरू होकर लालकिले तक जाता है। सारा कार्यक्रम सभी टी.वी. चैनलों पर प्रसारित होता है। यहाँ भारत के राष्ट्रपति सलामी लेते हैं। विजय चौक के ऊपर हवाई जहाज़ तिरंगा बना कर उड़ते हैं। यह देखने योग्य दृश्य होता है।