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Dharmik Parv “धार्मिक पर्व” Complete Hindi Essay, Paragraph, Speech for Class 9, 10, 12 Students.

धार्मिक पर्व – विजयादशमी

प्रस्तावना

प्रत्येक त्योहार अपना धार्मिक, सामाजिक एवं ऐतिहासिक महत्व रखता है। विजयादशमी असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक है।

विजय श्री उन्हीं लोगों को प्राप्त होती है, जो पूर्ण निष्ठा और लगन के सा। अन्याय, अत्याचार एवं उत्पीड़न का सामना करते हैं। ‘सत्यमेव जयते’ ही भारतीय संस्कृति का निचोड़ है। इसी तारतम्य में विजयादशमी का त्योहार मनाया जाता है।

 

विजयादशमी के त्योहार की पृष्ठ भूमि

यह त्योहार आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाया जाता है। प्राकृतिक दृष्टि से भी यह समय अत्यन्त आकर्षक होता है। प्रकृति की अनुपम शोभा परिलक्षित होती है।

विजयादशमी की पृष्ठभूमि में अनेक पौराणिक गाथाएँ समाविष्ट हैं। विजयादशमी के दिन ही राम ने रावण का वध किया था। राक्षसों से उत्पीडित जनता ने संतोष की साँस ली थी। दैवी शक्ति ने दानवी शक्ति पर विजय प्राप्त की थी।

एक पौराणिक कथा और है जिसके अनुसार विजयादशमी के दिन राक्षसों के राजा महिषासुर का विनाश महाशक्ति दुर्गा ने किया था। दुराचारी रावण के समान ही राक्षसों के राजा महिषासुर के अत्याचार भी अपनी पराकाष्ठा पर पहुँच गये थे।

देवता उसके अत्याचारों से त्रस्त थे। देवताओं ने महाशक्ति दुर्गा से प्रार्थना की। देवी दुर्गा देवताओं पर किये गये अत्याचारों से बहुत दुःखी हुई और उन्होंने अपनी दैवी शक्ति से महिषासुर तथा शुम्भ, निशुम्भ आदि भयंकर राक्षसों का वध किया।

इस प्रकार विजयादशमी का त्योहार अन्याय पर न्याय की विजय का प्रतीक है। कृतज्ञ भारतवासी अन्याय और अत्याचारों से मुक्ति दिलाने वाले भगवान राम एवं महाशक्ति दुर्गा का विजयादशमी पर पूर्ण श्रद्धा के साथ स्मरण करते हैं एवं हर्षोल्लास के माध्यम से उनके प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते हैं।

 

विजयादशमी पर्व का वर्णन

विजयादशमी के कुछ दिन पूर्व से ही रामलीला का आयोजन होता है, जिसमें राम के जीवन की सम्पूर्ण कथा प्रस्तुत की जाती है। विजयादशमी के दिन जुलूस निकाला जाता है, जिसमें दुर्गा एवं राम के चरित्र से सम्बन्धित झांकियाँ प्रस्तुत की जाती हैं। रावण के पुतले का दहन किया जाता है। लोकनत्य, अभिनय, संगीत एवं वाद्ययंत्रों के माध्यम से जनमानस अपना हर्षोल्लास व्यक्त करते हैं।

जो लोग दुर्गा के उपासक हैं वे विजयादशमी के दस दिन पूर्व (प्रतिपदा) से नवमी तक नवरात्र व्रत रखते हैं। रामनवमी के दिन यज्ञ होता है। दुर्गा सप्तदशी के पाठ का पठन होता है।

बंगाल में इस अवसर पर दुर्गा पूजा का महोत्सव बड़े भव्य समारोह के साथ मनाया जाता है।

 

उपसंहार

 विजयादशमी का त्योहार हमारी सांस्कृतिक एकता का आधार है। अनेकता में एकता एवं पाप पर पुण्य की विजय का प्रतीक है। यह त्योहार हमें राम के आदर्शों पर चलने की प्रेरणा देता है।

साथ ही यह त्योहार हमें प्रेरणा देता है कि अन्याय का प्रतिकार करना मानवमात्र का धर्म है। यह त्योहार राष्ट्र में ऐसी चेतना का सृजन करता है, जिसके द्वारा राष्ट्र आततायियों के संहार की दृष्टि से सतत् जागरूक रहे।

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