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Archive by category "Hindi (Sr. Secondary)" (Page 313)
मेरे जीवन का लक्ष्य या उदेश्य Mere Jeevan ka Lakshya Top 5 Hindi Essay on ” Mere Jeevan Ka Lakshya” निबंध नंबर – 01 लक्ष्य का निश्चय – मैं दसवीं कक्षा का छात्र हूँ | मेरे मन में एक ही सपना है कि मैं इंजीनियर बनूँगा | लक्ष्यपूर्ण जीवन के लाभ – जब से मेरे भीतर यह सपना जागा है, तब से मेरे जीवन में अनेक परिवर्तन आ गये हैं |...
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June 21, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages13 Comments
मेरी प्रिय पुस्तक मेरी प्रिय पुस्तक – कुरुक्षेत्र – मेरी सबसे प्रिय पुस्तक है – रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की ‘कुरुक्षेत्र’ | यह युद्ध और शांति का समस्या पर आधारित है | इसमें महाभारत के उस प्रसंग का वर्णन है जब युद्ध के समाप्त होने पर भीषण शर-शय्या पर लेते हुए हैं | उधर पांडव अपनी जीत पर प्रसन्न हैं | परंतु धर्मराज युधिष्टर इतने लोगों की मृत्यु और बरबादी पर...
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June 17, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
निबंध नंबर : 01 पुस्तकों का महत्व पुस्तकें : हमारी मित्र – पुस्तकें हमारी मित्र हैं | वे अपना अमृत-कोष सदा हम पर न्योछावर करने को तैयार रहती हैं | अच्छी पुस्तकें हमें रास्ता दिखाने के साथ-साथ हमारा मनोरंजन भी करती हैं | बदले में वे हमसे कुछ नहीं लेतीं, न ही परेशान या बोर करती हैं | इससे अच्छा और कौन-सा साथी हो सकता है कि जो केवल कुछ देने...
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June 17, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages35 Comments
पुस्तकालय और उसका सदूपयोग पुस्तकालय-ज्ञान के मंदिर – पुस्तकालय ज्ञान के मंदिर हैं | उन्नति के सभी सूत्र पुस्तकालयों में रखी पुस्तकों में सुरक्षित हैं | कोई भी विकासेच्छु मनुष्य इनकी सहायता से मनवांछित उन्नति कर सकता है | आधुनिक पुस्तकालय – आधुनिक पुस्तकालय बड़े व्यवस्थित होते हैं | इनमें लाखों की संख्या में पुस्तकें संग्रहित होती हैं | सैंकड़ों पत्र-प्त्र्कायों आती हैं | आजकल इलेक्ट्रॉनिक साधन भी उपलब्ध...
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June 17, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages7 Comments
छात्र–अनुशासन Chatra Anushasan विचार–बिंदु-• अनुशासन का अर्थ और महत्त्व • अनुशासन की प्रथम पाठशाला परिवार • व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन के लिए अनुशासन आवश्यक • अनुशासन–एक महत्त्वपूर्ण जीवन–मूल्य। अनुशासन का अर्थ और महत्त्व–अनुशासन का अर्थ है-नियम के अनुसार चलना, नियंत्रण या व्यवस्था। विद्यार्थी और अनुशासन का परस्पर गहरा संबंध है। अनुशासन के बिना विद्या ग्रहण करने का कार्य नहीं किया जा सकता। अनुशासन की प्रथम पाठशाला परिवार–अनुशासन की पहली पाठशाला है-परिवार...
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June 17, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages4 Comments
मेरा आदर्श अध्यायक मेरे आदर्श अध्यायक – बचपन से अब तक मैं अनेक अध्यापकों के संपर्क में आया हूं | प्राय: सभी ने मुझे प्रभावित किआ है | परंतु जब मैं अपने आदर्श अध्यापक की खोज करने निकलता हूँ तो मुझे श्री विजयेंद्र जैन का स्मरण ही आता है | परम स्न्नेही – विजयेंद्र जैन की सबसे बड़ी खूबी यही थी कि वे सब विदेयार्थों से मित्रवत स्नेह रखते थे...
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June 17, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages1 Comment
आदर्श विद्यार्थी Adarsh Vidyarthi Essay No. 01 अर्थ – ‘विद्यार्थी’ का अर्थ है –’ विद्या प्राप्त करने वाला | ‘ किसी भी प्रकार की विद्या या कला या शास्त्र शीखने में लगा हुआ व्यक्ति विद्यार्थी है | विद्यार्थी’ के गुण – विद्यार्थी का पहला और सबसे आवश्यक गुण है – जिज्ञासा | जिसे कुछ जानने की इच्छा ही न हो, उसे कुछ भी पढ़ाना व्यर्थ होता है | जिज्ञासा-शून्य...
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June 17, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages9 Comments
आदर्श नागरिक आदर्श नागरिक का अर्थ – ‘आदर्श नागरिक’ से तात्पर्य है – एसा देशवासी, जिसका व्यवहार देश के ; तथा देशवासिओं के हित में हो | नागरिक तथा देश का अभिन्न संबंध – नागरिक और देश एक-दुसरे से पूरी तरह जुड़े हुए हैं | किसी देश के नागरिक ही उसका मान-सम्मान बढ़ाते या घटाते हैं | नागरिकों से ही देश की पहचान बनती है | देश के...
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June 17, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages1 Comment