Home » Languages » Hindi (Sr. Secondary) » Hindi Essay on “Kisi Film Ki Samiksha ” , ” किसी फिल्म की समीक्षा” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

Hindi Essay on “Kisi Film Ki Samiksha ” , ” किसी फिल्म की समीक्षा” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

किसी फिल्म की समीक्षा

     ‘चक दे इंडिया’ की कहानी – कल ही मुझे ‘चक दे इंडिया’ फिल्म देखने का सुअवसर मिला | इसमें मुख्य भूमिका शाहरुख खान ने निभाई है | इसकी कहानी खेल-राजनीति, खेल-भावना, सांप्रदायिक तनाव और जनता की लचर प्रतिक्रिया पर प्रश्नचिह खड़े करती है | फिल्म की कहानी इस प्रकार है –

     नायक शाहरुख खान भारतीय हॉकी टीम का कप्तान है | वह मुसलमान पठान है | पाकिस्तान के साथ खेलते हुए उसकी टीम 0-1 से पिछड़ रही है कि तभी भारतीय तेम को पैनल्टी स्ट्रोक का सुनहरा मौका मिलता है | कप्तान खान अधिक उत्साह और सावधानी में खुद स्ट्रोक लगाता है | दुर्भाग्य से निशाना चुकता है और भारत 1-0 से हार जाता है | मीडिया इस घटना को षड्यंत्र बनाकर पेश करता है | परिणामस्वरूप देश की जनता भड़क जाती है | देश भर में उपद्रव हो जाते हैं | खान के परिवार और मकान को उजाड़ डाला जाता है | वह रातोंरात गद्दार कहलाने लगता है तथा कहीं गुमनामी में खो जाता है |

     सात साल बाद वह भारत की नौसिखिया महिला हॉकी टीम का कोच बनकर सामने आता है | वह देखता है कि सभी खिलाड़ने अलग-अलग प्रांतों से हैं | उनकी भाषा, आदतें और भावनाएँ भी भिन्न हैं | वह बड़ी युक्ति से उनमें भारतीयता की भावना भरता है तथा उनमें कठोर अनुशासन लाने का प्रयास करता है | टीम की सभी खिलाड़ने चिढ़ जाती हैं | उनमें आपस में भी झगड़े हो जाते हैं | वे सभी खान को कोच-पद से हटाने के लिए आवेदन कर देती हैं | खान विदाई में सबको होटल में पार्टी देता है | वहीँ एक यवक द्वारा पंजाबी खिलाड़िन को छेड़ने पर पंजाबी खिलाड़िन उसे पीट देती है | होटल में हंगामा हो जाता है | कई युवक लड़कियों की ओर झपटते हैं तो सारी टीम मिलकर युवकों को पीट डालती है | इस प्रकार उनमें एकता सुदृढ़ हो जाती है |

     इस बीच हॉकी क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड तथा उनके प्रायोजक भी अड़ंगे डालते हैं | उन्हें हॉकी टीम की योग्यता पर भरोसा नहीं होता | परंतु खान उन युवतियों का मैच परुष हॉकी टीम के साथ करा देते हैं | उस मैच में लड़कियों का खेल देखकर सभी उत्साहित हो जाते हैं | वर्ल्ड कप में भारतीय टीम महला मैच 7-1 से हार जाती है | उसके बाद जीत की शुरुआत होती है जो अंत में वर्ल्ड कप जीतने तक चलती रहती है | भारत का व्ही मीडिया अब खान की पशंसा के पुल बाँध देता है |

     प्रभाव,दृश्य, पात्र, सवांद – यह फिल्म पूरी तरह रोमांचक और प्रभावशाली है | इसमें हिंसा, प्रतिक्रोध, खीझ, संघर्ष, साहस, एकता, उत्साह, हार-जीत के प्रभावशाली दृश्य फिल्माए गए हैं | शाहरुख खान का व्यक्तित्व बहुत प्रभावी एवं संवेदनक्षम बन पड़ा है | लड़कियों के हाव-भाव में प्रांतीयता की तुनक, चहक और महक भरपूर है | संवाद दिल को छूने वाले हैं |

     जीवन की वास्तविकता – यह फिल्म पूरी तरह यथार्थ है | मीडिया कैसे बेतुकी ख़बरों को उछालता है | जनता किस प्रकार अंधा गुस्सा और प्यार दिखाती है | खेल-राजनीति किस प्रकार गिरगिट की तरह रंग बदलती है | खिलाड़ियों में किस प्रकार प्रांतीय उन्माद पैदा होता है | कोच किन कठिनाईयों, तनावों और अपमानों का घूँट पीकर टीम-भावना को बनाए रखता है | टीम किस प्रकार हार-जीत के साथ डूबती-उतारती है – इसका फिल्मांकन बहुत कुशलता से हुआ है |

     प्रेरणा – इस फिल्म से हमें प्रेरणा मिलती है कि हम खिलाड़ियों के साथ सहानुभूति से व्यव्हार करें | अपनी सांप्रदायिक भावनाओं को उस पर न लादें | मीडिया जिम्मेदार बने | सबसे बढ़कर हम राष्ट्रिय एकता का व्यव्हार करें, प्रांतीयता का नहीं |

About

The main objective of this website is to provide quality study material to all students (from 1st to 12th class of any board) irrespective of their background as our motto is “Education for Everyone”. It is also a very good platform for teachers who want to share their valuable knowledge.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *