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Hindi Essay on “Mehangai” , ” महँगाई” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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Best 6 Hindi Essay on ” Mehangai” निबंध नंबर: 01  महँगाई Mahangai       महँगाई की समस्या – वर्तमान की अनेक समस्याओं में से एक महत्वपूर्ण समस्या है – महँगाई | जब से देश स्वतंत्र हुआ है, तब से वस्तुओं की कीमतें लगातार बढ़ती जा रही हैं | रोजमर्रा की चीजों में 150 से 250 गुना तक की कीमत-वृद्धि हो चुकी है |      महँगाई बढ़ने के कारण – बाज़ार में महँगाई...
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Hindi Essay on “Bharashtachar ” , ” सामाजिक जीवन में भ्रष्टाचार” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

सामाजिक जीवन में भ्रष्टाचार      भरष्टाचार का बढ़ता स्वरूप – भारत के सामाजिक जीवन में आज भ्रष्टाचार का बोलबाला है | यहाँ का रिवाज़ है – रिश्वत लो और पकड़े जाने पर रिश्वत देकर छुट जाओ | नियम और कानून की रक्षा करने वाले सरकारी कर्मचारी सबसे बड़े भ्रष्टाचारी हैं | केवल तीन करोड़ में देश के सांसदों को खरीदना और उनका बिकना भ्रष्टाचार का सबसे शर्मनाक दृश्य है |     ...
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Hindi Essay on “Berojgari ” , ” बेरोज़गारी : समस्या और समाधान” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

बेरोज़गारी : समस्या और समाधान             बेकारी की समस्या और अभिप्राय – आज भारत के सामने जो समस्याएँ कण फैलए खड़ी हैं, उनमें से एक चिंतनीय समस्या है – बेकारी | लोगों के पास हाथ हैं, पर काम नहीं है; प्रशिक्षण है, पर नौकरी नहीं है |             आज देश में प्रशिक्षित और अप्रशिक्षित-दोनों प्रकार के बेरोज़गारों की फौज़ जमा है | फैक्ट्रियों, सड़कों, बाज़ारों में भीड़ है | शहरों में...
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Hindi Essay on “Sampradayikta” , ” सांप्रदायिकता : एक अभिशाप ” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

निबंध नंबर : 01  सांप्रदायिकता : एक अभिशाप             सांप्रदायिकता का अर्थ और कारण – जब कोई संप्रदाय स्वयं को सर्वश्रेष्ठ और अन्य स्म्प्दयों को निम्न मानने लगता है, तब सांप्रदायिकता का जन्म होता है | दूसरी तरफ भी कम अंधे लोग नहीं होते | परिणामस्वरूप एक संप्रदाय के अंधे लोग अन्य धर्मांधों से भिड पड़ते है और सारा जन-जीवन लहूलुहान कर देते हैं | इन्हीं अंधों को फटकारते हुए महात्मा...
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Hindi Essay on “Shahri Jeevan mein Badhta Pradushan ” , ” शहरी जीवन में बढ़ता प्रदूषण ” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

शहरी जीवन  में बढ़ता प्रदूषण             शहरों का निरंतर विस्तार और बढ़ती जनसँख्या – आज की सभ्यता को शहरी सभ्यता को शहरी सभ्यता कह सकते हैं | यद्दपि  भारत की अधिकांश जनता गाँवों में बस्ती है किन्तु  उसके हृदयों में बसते – शहर बढ़ रहे है, साथ-साथ जनशंख्या भी तेजी से बढती रही है | हर वर्ष भारत में एक नया ऑस्ट्रेलिया और जुड़ जाता है |             शहरों में बढ़ते...
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Hindi Essay on “Pradushan, Ek Samasya ” , ” प्रदूषण : एक समस्या ” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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प्रदूषण : एक समस्या निबंध नंबर – 01             पर्यावरण का अर्थ – पर्यावरण का अर्थ है – हमारे चारों और का वातावरण | दुर्भाग्य से हमारा यही पर्यावरण आज दूषित हो गया है | प्रदूषण मुख्यत : तीन प्रकार का होता है – वायु-प्रदूषण, जल-प्रदूषण तथा ध्वनि-प्रदूषण |             प्रदूषण के कारण – प्रदूषण का जन्म अंधाधुंध वैज्ञानिक प्रगति के कारण हुआ है | जब से मनुष्य ने प्रकृति के...
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Hindi Essay on “Dahej Pratha ” , ” दहेज-प्रथा : एक गंभीर समस्या ” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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दहेज-प्रथा : एक गंभीर समस्या Dahej Pratha Ek Gambhir Samasya   निबंध नंबर – 01 दहेज का बदलता स्वरूप –  भारतीय नारी का जीवन जिन समस्याओं का नाम सुनते ही कॉप उठता है – उनमें सबसे प्रमुख है – दहेज | प्ररंभ में दहेज़ कन्या के पिता दुवरा स्वेच्छा-से  अपनी बेटी को दिया जाता था | विवाह के समय बेटी को प्रोमोपहार देना अच्छी परंपरा थी | आज भी इसे प्रेम-उपहार...
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Hindi Essay on “Chatra Aur Shikshak ” , ” छात्र और शिक्षक ” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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छात्र और शिक्षक           विचार–बिंदु-. घर–प्रारंभिक पाठशाला, माता–पिता प्रथम शिक्षक • विद्यालय में शिक्षक ही माता–पिता • शिक्षक का दायित्व : पढ़ाना, दिशा–निर्देशन, सत्कार्यों की प्रेरणा • छात्र का दायित्व, परस्पर संबंध • दोनों परस्पर अपने–अपने दायित्वों को समझें। घर–प्रारंभिक पाठशाला, माता–पिता प्रथम शिक्षक–पूरा जीवन एक विद्यालय है। हर व्यक्ति विद्यार्थी भी है और शिक्षक भी। कोई भी मनुष्य किसी से कुछ सीख सकता है। बच्चे के...
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