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Archive by category "Hindi (Sr. Secondary)" (Page 256)
पुरस्कार वितरण समारोह Pustak Vitran Samaroh प्रस्तावना- हमारे विद्यालय में पुरस्कार वितरण समारोह इस वर्ष 20 फरवरी को मनाया गया था। लोक सभा पीठ से मेरठ के नवनिर्वाचित सांसद ने समारोह की अध्यक्षता करने की सहमति प्रदान की। वितरण की तैयारियां- पुरस्कार वितरण समारोह की तैयारियों के लिए काॅलेज में सफेदी की गयी तथा काॅलेज को भली-भाँति सजाया गया। अध्यक्ष महोदय शाम को 3 बजे आये। स्वागत समिति द्वारा उनका अभिनन्दन...
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January 30, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
शिक्षा में खेलकूद का स्थान Shiksha me Khelkud ka Sthan खेल- खेल मनुष्य की जन्मजात प्रवृति है। यह प्रवृति बालकों, युवकों और वृद्धों तक में पायी जाती है। खेल के द्वारा मनुष्य का शरीर स्वस्थ रहता है। स्वस्थ मनुष्य अपने जीवन में अपने कार्यों को अच्छी तरह से पूरा कर सकता है। शिक्षा- प्राचनीकाल में शिक्षा का उद्देश्य मोक्ष-प्राप्ति था। इस शिक्षा को पाने का अधिकारी वहीं होता था, जो शारीरिक...
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January 30, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages4 Comments
वृक्षों का महत्व Importance of Trees Essay No. 01 प्रस्तावना- हमारे जीवन में वृक्षों का बहुत महत्व है। वृक्ष हमारे देश की प्राकृतिक सम्पदा हैं। इन्हें पेड़ों के झुण्ड, जंगल के रूप मंे जाना जाता है। वृक्ष हमें कच्ची साम्रगी-उधोगांे के लिए लकड़ी देते हैं। पेड़ बाढ़ों और भूमि के कटाव को रोकते हैं। इनसे आंखों को भाने वाली हरियाली मिलती है। पेड़ हमें अनेक प्रकार की कच्ची सामग्री, जैसे रबड़,...
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January 30, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages17 Comments
अनुशासन Anushasan निबंध नंबर : 01 प्रस्तावना- अनुशासन से अभिप्राय है कि नियमों का पालन करना, अर्थात् जो राष्ट्र या समाज जितना अधिक अनुशासित होगा, वह उतना ही अधिक उन्नतिशील एवं धन-धान्य से परिपूर्ण होगा। अनुशासन से तात्पर्य किसी मनुष्य द्वारा अपने से श्रेष्ठ और उच्च पदस्थ व्यक्ति अथवा अधिकारी के आदेश का पालन करने से होता है अर्थात् माता-पिता, गुरूजनों, सेनापतियों तथा अधिकारियों के आदेश मानना ही अनुशासन है।...
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January 30, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
वन्य जीव संरक्षण Vanya Jeev Sanrakshan प्रस्तावना-भारत में हिमालय की ऊंची पर्वतीय एवं तराई वाली जमीन, पठारी प्रदेश एवं दलदली क्षेत्र तक सभी तरह की परिस्थियां पायी जाती हैं। यही कारण है कि यहां अनेक प्रकार की वनस्पतियां एवं प्राणी पाये जाते हैं। विलुप्तियां- प्राचीन काल में पृथ्वी पर सरीसृपों एवं डाइनोसोरों का विलुप्तीकरण प्राकृतिक प्रक्रिया का अंग समझा जाता था परन्तु वर्तमान में इनके वर्तमान में इनके विलुप्तीकरण का कारण...
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January 30, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages2 Comments
बाढ़ की चुनौती Badh ki Chunauti प्रस्तावना- जल प्रकृति का वह तरल पदार्थ है, जो मनुष्य के लिए जीवन स्वरूप है क्योंकि न तो जल के बिना रचना सम्भव है और न ही जीवन उसके बिना चल सकता है। मनुष्य के अलावा पृथ्वी पर रहने वाले सभी छोटे-बड़े जीव, पेड़-पौधे और वनस्पतियां आदि सभी का जीवन जल है। जल के बिना सभी मनुष्यों एवं जीव-जन्तुओं की मृत्यु सम्भव है, परन्तु यही...
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January 30, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
लोकतन्त्र Loktantra प्रस्तावना- लोकतन्त्र का प्रत्यक्ष सम्बन्ध लोकशक्ति से है और लोकशक्ति चुनावों के द्वारा ही उजागर होती है। लोकतन्त्र में चुनावों का होना ही उसकी शक्ति का एक लक्षण है। विश्व में कई सरकारें चुनावों के माध्यम से गिराई व बनाई जा चुकी हैं। चुनाव के द्वारा ही जनता की राय प्रकट होती है। जनता जिस सरकार को अत्यधिक पंसद करती है उसे ही वह अपना बहुमूल्य वोट देकर जिताती...
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January 30, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
हरित क्रान्ति Harit Kranti प्रस्तावना- हरित क्रान्ति से तात्पर्य एक ऐसी क्रान्ति से है, जो देश को खाद्य पदार्थों की दृष्टि से आत्मनिर्भर बनाती है। इस धरती पर अकेला भारत ही एक ऐसा देश है, जो कृषि-प्रधान देश के नाम से विख्यात है। लेकिन जब यही देश विदेशी आक्र्रमणों, जनसंख्या के तेजी से बढ़ने के नवीनतम उपयोगी औजारों व अन्य साधनों के प्रयोग न होने तथा विदेशी शासकों की सोची-समझी...
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January 30, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment