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Bhiksha, “भिक्षा” Hindi motivational moral story of “Swami Swatantranand” for students of Class 8, 9, 10, 12.
भिक्षा
Bhiksha
स्वामी स्वतन्त्रानन्द भिक्षार्थ गाँव के सभी घरों में घूमते हुए एक स्त्री के घर पहुँचे। स्त्री स्वामी जी को क्रोधित स्वरों में गाली देती हुई बोली-“क्या कमाने की शक्ति नहीं है, जो भिक्षा मांग रहे हो ?” स्वामी मौनी बने चले गये। कुछ दिनों बाद पुनः उसी स्त्री के घर आये, भिक्षा मांगी। स्त्री दोनों हाथों में राख भरकर लाई और स्वामी जी के मुंह पर डाल कर घर में चली गयी। स्वामी जी के मौन रहने पर राह में चलती एक महिला ने स्वामी जो से पूछा, “आपने उस स्त्री को कुछ भी क्यों नहीं कहा ?” स्वामी ने कहा, “वह देना सीख रही है। पहले दिन गाली दी, दूसरे दिन राख दी। अब देती-देती कभी भिक्षा भी देगी। “