A Visit to A Hospital “अस्पताल का दौरा” Complete Hindi Essay, Nibandh for Class 8, 9, 10, 12 and Graduation and other classes.
अस्पताल का दौरा
A Visit to A Hospital
अस्पताल को सब जानते हैं। वहाँ बीमार और घायल लोगों का इलाज़ या भर्ती की जाती है। वहाँ कोई भी अपनी मर्जी से नहीं जाना चाहता। यह ऐसा स्थान है जहाँ हम एक बार से अधिक जरुर जा चुके होते हैं।
अस्पताल सरकारी और गैर-सरकारी होते हैं। निजी अस्पताल बेहतर सेवा प्रदान करते हैं पर हर कोई उसका खर्चा वहन नहीं कर सकता। आजकल कुछ निजी अस्पताल बिना कारण टैस्ट करवा कर पैसा निकलवाने की कोशिश करते हैं। सरकारी अस्पतालों में खर्चा नाम मात्र होता है। केवल अस्पताल के बाहर कैमिस्ट से दवाएँ खरीदनी पड़ती हैं। आम आदमी के लिए सेवाएँ निशुल्क होती हैं। हर वर्ग के मरीज़ इलाज के लिए यहाँ आते हैं। सारा दिन लोग अपने रिश्तेदारों को देखने आते रहते हैं। कुछ अस्पतालों में मिलने का समय नियम होता है।
एक बार मैं एक सरकारी अस्पताल में गया। मेरा मित्र पिछले महीने वहाँ दाखिल हुआ था। उसकी एक दुर्घटना में टाँग टूट गई थी। वह आपातकालीन वार्ड में ले जाया गया। डॉक्टरों ने उसकी जाँच की और उसके घावों पर मरहम पट्टी की। तब उसे एक्स-रे के कमरे में भेजा गया क्योंकि उन्हें डर था कि उसकी टाँग की हड्डी टूट गई है। उसे जनरल वार्ड में भेज दिया गया। जब मैं वार्ड में पहुँचा तो उसकी टाँग पर फ्लास्तर चढ़ाया हुआ था। जब उसने मुझे देखा तो मुसकुराने लगा। अत्यन्त पीड़ा के बावजूद वह पहले की तरह मुसकुरा रहा था। उस वार्ड में और भी मरीज़ थे। उन में से कुछ आने वालों की तरफ देख रहे थे। कुछ उन से बातें कर रहे थे। कुछ बेआराम महसूस कर रहे थे। कुछ बिस्तर पर इधर-उधर पलट रहे थे।
अस्पताल से बाहर आते समय मैंने कुछ रिश्तेदारों को तनाव में देखा। शायद उनके सम्बन्धी को ऑप्रेशन थियेटर में भेजा गया था। बाकी मरीजों के अनेकों सम्बन्धी गुट बना कर बाग में और बरामदों में बातें कर रहे थे। डॉक्टर और नर्सों एक मरीज से दूसरे मरीज़ की तरफ जाते नज़र आ रहे थे। वे अपने द्वारा या दूसरे डॉक्टरों द्वारा बनाए गए चार्टो को देख रहे थे। वे मरीज़ों से उनका हाल पूछ रहे थे।
अन्त में मैं बाहरी दरवाज़े पर पहुँचा और मैं राहत महसूस कर रहा था। मैंने ईश्वर से अपने मित्र की अस्पताल से जल्दी छुट्टी और तेजी से ठीक होने के लिए प्रार्थना की।