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A Journey by Train “रेल द्वारा यात्रा” Complete Hindi Essay, Nibandh for Class 8, 9, 10, 12 and Graduation and other classes.

रेल द्वारा यात्रा

A Journey by Train

मेरी बड़ी बहन मुम्बई में पूणे में रहती है। वह वहाँ काम करती हैं। मुझे उस के साथ छुट्टी मनाने का बुलावा मिला। मैंने मुम्बई-पुणे मेल में टिकट आरश्रित की जाने के दिन मैं रेलवे स्टेशन पर पहुँच गया। गाड़ी प्लैटफार्म पर थी। मैं उस पर चढ़ गया। और अपनी सीट ढूँढी। यह खिड़की के पास थी।

गार्ड ने सीटी बजाई और गाड़ी चल पड़ी। मैंने लेटने की कोशिश की पर सो नहीं सका। गाड़ी की हरकत ने मुझे रात को भी जगा कर रखा।

गाड़ी कई स्टेशनों पर रुकी। हर स्टेशन पर कुछ यात्री नीचे उतरे और कुछ यात्री ऊपर चढ़ गए। गाड़ी पुलों और नदियों के ऊपर से गुजरी। हमारे डिब्बे में कुछ युवा लोगों का दल था। वे खूब मज़ा कर रहे थे। वे बातें कर रहे थे, गा रहे थे और हंस रहे थे। उन्होंने ताश भी खेली।

हमारी गाड़ी सुबह एक छोटे से सुन्दर से स्टेशन पर रुकी। क्योंकि गाड़ी स्टेशन से कुछ दूरी पर रुकी थीं मैं स्टेशन का नाम नहीं पढ़ सका। कुछ दूरी पर पहाड़ियों और बादल नज़र आ रहे थे। हवा ताज़ा और ठण्डी थी। दृश्य बहुत सुन्दर था और बहुत सारे पेड़ थे। पक्षी उन पर चहचहा रहे थे और गाड़ी के रास्ते के साथ ताजे फूल खिले हुए थे। मैंने एक बूढ़े हुए तरबूज़ देख कर मेरे मुँह में हुए देखा। पके आदमी को तरबूज़ बेचते पानी आ गया। मैंने एक छोटा-सा तरबूज़ खरीद लिया। जब मैं बैठ कर उसे खा रहा था मैं प्रकृति के खूबसूरत दृश्य और आवाज़ों को सराहना किए बिना नहीं रह सका।

तभी गाड़ी को सिग्नल मिला और वह स्टेशन से चल पड़ी। मैं जल्दी से झपट कर गाड़ी पर चढ़ गया। मैं अपनी सीट पर बैठा और जल्द सो गया। एक घण्टे के बाद मैं उठाने गया। मैंनें अपना बिस्तर इकट्ठा किया। में गया और ताज़ा हुआ। जब मैं सीट पर वापिस आया तो देखा नाश्ता दिया जा रहा था। मैंने हल्का नाश्ता किया। यात्रा समाप्त होने स्नानगृह वाली थी। सभी यात्री उतरने के लिए तैयार को रहे थे। वे अपना सामान बांध रहे थे। यात्रा शान्त और सौम्य थी। कोई दुर्घटना नहीं हुई। जल्दी पुणे का स्टेशन आ गया और हम सब ट्रेन से नीचे उतर गए।

मेरी बहन मुझे लेने आई हुई थी। वह मुझे देख कर बहुत खुश हुई। हम स्टेशन से बाहर आए, टैक्सी ली और बीस मिनट में उसके घर पहुँच गए।

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