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Posts tagged "Hindi essays" (Page 216)
विजयदशमी Vijaydashmi या दशहरा Dussehra निबंध नंबर : 01 त्योहारों के बहुआयामी स्वरूप वाले इस देश में विजयदशमी या दशहरा सारे देश में किसी-न-किसी रूप में मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहारों में से एक हैं। यह वर्षो ऋतु की समाप्ति पर ही मनाया जाता है। इस दिन लोग गन्ना अवश्य चखते हैं, अत: किसी-न-किसी स्तर इसे ऋतु की नई फसल के साथ जुड़ा हुआ त्योहार भी कहा ही जा सकता है।...
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July 10, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages1 Comment
दीपावली Dipawali या दीवाली Diwali ऋतु-परिवर्तन के अवसर पर मनाया जानेे वाला प्रकाश और उज्जवलता का पुण्य पर्व दीपावली। हमारे देश में अत्यंत प्राचीन कला से जिन त्योहारों को सामूहिक स्तर पर मनाने की परंपरा है, दीपावली या दिवाली उनमें सर्वप्रमुख है। यह आनंद और प्रकाश का त्योहार है। अज्ञान, अन्याय, अत्याचार और अंधकार के विरुद्ध ज्ञान, न्याय और प्रकाश की अभूतपूर्व विजय का त्योहार है। भारत में मनाए...
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July 8, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
हमारे राष्ट्रीय पर्व Hamare Rashtriya Parv या हमारे राष्ट्रीय त्योहार Hamare Rashtriya Tyohar उत्सव-आनंद मनाना मानव का जन्मजात स्वभाव है। यह स्वभाव पर्व और त्योहारों के मनाने के रूप में ही प्रत्यक्ष व्यंजित हुआ करता है। पर्व और त्योहार किसी भी देश की आंतरिक ऊर्जा, आनंद की भावना और जीवन की जीवंतता के परिचायक हुआ करते हें। भारत को इस बात का गोरव प्राप्त है कि यहां आंतरिक ऊर्जा...
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July 8, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages2 Comments
हमारे पड़ोसी देश Hamare Padosi Desh निबंध नंबर : 01 कहावत है कि अच्छा पड़ौसी साभाज्य से ही मिला करता है। भारत महान परंपराओं वाला एक महान देश रहा और आज भी है। कभी इसका स्वरूप एंव आकार-प्रकार सुदूर तक फैला हुआ बड़ा ही विशाल ओर सुविस्तृत था। आज के पड़ोसी कहे जानेव ाले बहुत से देश कभी विशाल भारत के ही प्रांत एंव अंग थे। समय के साथ-साथ कुछ तो...
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July 8, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
खुली अर्थनीति : प्रभाव और भविष्य Khuli Arthniti : Prabhav Aur Bhavishya किसी भी देश, उसकी सरकारी, कारोबार का आधार वहां की देश एंव जनहित में सुविचारित और निर्धारित अर्थनीति ही हुआ करता है। अर्थनीति का सुविचारित होना ही मात्र अच्छा नहीं हुआ करता, उसके अनुसार सही ढंग से चलने पर ही उसके सुपरिणाम सामने आया करते हैं। सुपरिणाम वही कहे और माने जाते हैं, जिनसे मात्र गिने-चुने लोगों का ही...
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July 7, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
दल-बदल : समस्या और समाधान Dal-Badal : Samasya Aur Samadhan ‘दल-बदल’ वाक्य-खंड का सामान्य अर्थ है, एक समूह को छोडक़र दूसरे में जा मिलना। परंतु इस खंड वाक्य का एक विशेष निहितार्थ भी है। वह है निष्ठा का बदलना। अर्थात वैचारिक एंव भावनात्मक स्तर पर पहली निष्ठा का समाप्त होकर नहीं निष्ठा का आ जाना। यह समूह या निष्टा परिवर्तन का सूचक खंड-वाक्यय मुख्य रूप से राजनीति-क्षेत्र की देन है, अत:...
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July 7, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
भारत-श्रीलंका संबंध Bharat-Sri Lanka Sambandh निबंध नंबर :- 01 आज का हमारा पड़ोसी देश श्रीलंका अतीत काल से कभी विशाल भारत का ही एक भाग हुआ करता था। खैर, आज अतीत के उन भूले-बिसरे खंडों में झांकने की आवश्यकता नहीं। ऐसा करने का प्रयास ही व्यर्थ है। आज श्रीलंका भी भारत के समान ही एक प्रभूसत्ता संपन्न स्वतंत्र देश है। उसका अपना स्वतंत्र संवधिान और अपनी ही स्वतंत्र शासन व्यवस्था है।...
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July 7, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
गुट-निरपेक्ष आंदोलन और भारत Gut-Nirpeksh Andolan Aur Bharat विश्व के राजनीतिक-मंच पर भारत गुट-निरपेक्ष आंदोलन का जनक और प्रवर्तक है, इसे सभी मुक्त भाव से स्वीकार करते हैं। 15 अगस्त 1947 के दिन जब लंबे संघर्ष के बाद भारत ने स्वतंत्रता प्राप्त की थी, तब तक इसकी विदेश नीति के मानदंड यहां राज्य कर रही ब्रिटिश सरकार द्वारा ही निर्धारित किए जाते थे। भारत के स्वतंत्रता-प्राप्ति तक विश्व मुख्यत: दो...
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July 7, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment