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Posts tagged "Hindi Essay" (Page 83)
श्री गुरू गोबिन्द सिंह Shri Guru Gobind Singh आपका जन्म 22 दिसम्बर, 1666 को पटना में हुआ था। आपके पिता श्री गुरु तेग बहादुर जी और माता गुजरी थी। छह वर्ष की आयु में ही वे अपने द्वारा बसाए गए नगर श्री आनन्दपुर साहिब जिला रोपड़ में आ गए थे। नौ वर्ष की आयु में लाहौर के हरियश की कन्या जीतो से इनका पहला विवाह हुआ। अठारह वर्ष की आयु...
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January 18, 2021 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
लोहड़ी Lohri पंजाब की धरती उत्सवों तथा त्यौहारों की धरती है। यही धरती जहा एक ओर धन-वैभव से भरपूर है, वहीं दूसरी ओर उत्सवों एवं त्यौहारों द्वारा लोगों को एक आदर्श का मीठा सन्देश भी देती है। लोहडी उत्तर भारत का एक लोकप्रिय त्यौहार है। आपसी प्रेम और भाईचारे की उदाहरण कायम रखने वाला एक अनूठा पर्व है लोहडी जोकि प्रतिवर्ष 13 जनवरी को (अथवा मकर संक्रान्ति से एक दिन...
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January 18, 2021 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
मेरा प्रिय त्योहार दीपावली Mera Priya Tyohar Diwali जलें दीप से दीप। फैले सर्वत्र प्रकाश। रहें मिलकर सभी सद्भावना से। सर्वत्र समृद्धि का हो विस्तार ।। हमारा देश अनेक पर्यों एवं त्योहारों का देश है। भिन्न-भिन्न समयों पर देश में भिन्न-भिन्न पर्व एवं त्योहार मनाए जाते हैं। उनमें मेरा सबसे प्रिय त्योहार दीपावली है। दीपावली शब्द का अर्थ है -‘दीपों की पंक्तियां’। जहाँ भी दीप जलाए जाते हैं, वहीं से...
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January 18, 2021 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
छुट्टी का दिन Chutti ka Din छुट्टी का दिन भी क्या मज़े का दिन होता है ? दफ्तरों, कारखानों या दुकानों में काम करने वाले लोग सभी इस दिन की महिमा समझते हैं। बेचारे किसान दिहाडी करने वाले लोग, रिक्शा या टैक्सी चलाने वाले या घर के कामकाज में बंधी स्त्रियां इस दिन का महत्व जान ही नहीं पाते क्योंकि उनको कभी छुट्टी होती ही नहीं। विद्यार्थियों के लिए भी...
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January 18, 2021 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
मेरी दिनचर्या My Daily Routine भले ही देखने में यह प्रकृति स्वतंत्र है परन्तु सारी सृष्टि एक नियम में बंधी है जैसे पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमती हुई सूर्य का चक्कर लगाती है जिससे रात-दिन बनते है. ऋतएं बनती-बदलती हैं। मानव जीवन भी एक क्रम में बंधकर चलता है और विकास की कई अवस्थाओं को पाता है। सबसे पहले बचपन आता है फिर लहलहाता यौवन तथा फिर शक्तिहीन बुढ़ापा तथा...
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January 18, 2021 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
आदर्श नागरिक Aadharsh Nagrik साधारण भाषा में किसी देश में रहने वाले व्यक्ति को नागरिक कहते हैं। सीमित शब्दों में नगर में रहने वाले व्यक्ति को नागरिक और गांव में रहने वाले को ग्रामीण कहते हैं। परन्तु आज गांव या शहर में रहने वाला प्रत्येक व्यक्ति देश का नागरिक है। आदर्श-नागरिक राष्ट्र की शान होता है। आदर्श नागरिक वह है जो पढ़ा लिखा, योग्य, परिश्रमी, उत्साही और निस्वार्थी हो। देश...
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January 18, 2021 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
मेरा पड़ोसी Mere Padosi मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। समाज में रह कर ही वह अपने व्यक्तित्व का सम्पूर्ण विकास कर सकता है। उसके सम्पूर्ण विकास में उसके वातावरण का बड़ा महत्व होता है। देखना यह है कि जहां वह रह रहा है वहां उसे कौन-कौन सी सुख सुविधाएँ मिल रही हैं ? उसने जैसा जीवन जीने की कामना की है-वह पूरी हो रही है ? संसार में हर प्राणी...
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January 18, 2021 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
सिनेमा का समाज पर प्रभाव Cinema ka Samaj par Prabhav सिनेमा विज्ञान की देन है। कैमरे और बिजली के आविष्कार ने इसके जन्म में सहायता दी। 1860 के लगभग इस दिशा में प्रयत्न आरम्भ हो गए थे। सर्वप्रथम मूक चलचित्र आरम्भ हुए। छोटी-छोटी फिल्में होती थी जिन में संवाद नहीं होते थे, लिखे हुए टाइटल होते थे। 1917 में पहली बोलने वाली फिल्म बनी। अभी भी इस क्षेत्र में नए-नए...
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