Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Sanchar Kranti”, ”संचार क्रान्ति” Complete Hindi Nibandh for Class 8, 9, 10, Class 12 and Graduation Classes
संचार क्रान्ति
Sanchar Kranti
तकनीकी में प्रगति होने के कारण ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ का विचार अब सार्थक होता जा रहा है। संचार के आधुनिक साधनों के द्वारा अब दूरी पर स्थित स्थान दिन प्रतिदिन समीप लगने लगे हैं। उन्होंने संसार के भिन्न-भिन्न तथा सुदूर स्थित स्थानों पर रहने वाले व्यक्तियों के बीच अलगाव की भावना को मिटा दिया है। समाचारों, विचारों और भावनाओं के आदान-प्रदान द्वारा आज समूची मानवता एक ही परिवार के सदस्यों की भांति सख और दुःख में साझीदार रहती है। निस्संदेह धड़ाबंदी और खनी दश्मनी झलकती है, परन्तु वह तो परिवारों में भी पाई जाती है। युद्धरत दलों के बीच संचार के प्रसार द्वारा वे विलुप्त हो सकती हैं।
घुड़सवारों और कबूतरों के माध्यम से मानव ने दूर स्थानों पर समाचार भेजना प्रारम्भ किया था। 1850 में इंग्लैंड और फ्रांस के बीच टेलीग्राफ़ का पहला तार डाला गया था, जिसके द्वारा यूरोप के प्रमुख नगरों को लन्दन से जोड़ने में सहायता मिली थी। तत्पश्चात् 1895 में मारकोनी द्वारा किए गए रेडियो के आविष्कार ने तथा 1896 में ऊंची निरन्तरता वाले बे-तार के टेलीग्राफ के आविष्कार ने बीसवीं शताब्दी के प्रारम्भ में दूरसंचार को प्रोत्साहन दिया। एलेक्जेण्डर ग्राहम बेल द्वारा 1876 में किया गया इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक टेलीफोन का आविष्कार इस क्षेत्र में एक प्रमुख तथा उल्लेखनीय उपलब्धि थी। उसी के टेलीफोन का सुधरा हुआ रूप साधारण जनता के लिए अब भी सामान्य संचार का साधन है।
परन्तु संचार के तीव्रतर चैनलों की व्यापारिक लाभों के लिए आधुनिक प्रतिस्पर्धा पूर्ण जगत की मांग है और उपग्रहों द्वारा संचार इस मांग का समाधान है। अन्तरिक्ष में कृत्रिम उपग्रह स्थापित किए जाते हैं और पृथ्वी की घुमाव-गति के समान उनकी गति को नियंत्रित करके स्थिरता का प्रभाव (Geostationary effect) प्राप्त किया जा सकता है। इन उपग्रहों में लगे हुए यन्त्र समूचे विश्व में टेलीफोन और टी.वी. के संकेतों का आदान-प्रदान कर सकते हैं। उपग्रहों के माध्यम से विश्वव्यापी प्रमुख घटनाओं का सजीव टेलीकास्ट किया जा सकता है और अन्तर्राष्ट्रीय टेलीफोन कॉल की जा सकती हैं। उपग्रहों के विशाल छातों के नीचे टी.वी. क्रियान्वयन का दूरगामी प्रभाव हो सकता है। इसके कार्यक्रमों के वाणिज्यीकरण ने इस संचार साधन को सोने की खान बना दिया है । अब दर्शक लोग सूचना तथा मनोरंजन उपलब्ध कराने वाले विभिन्न कार्यक्रम देख सकेंगे।
समाचार भेजने और प्राप्त करने हेतु सैनिक बल रडार का प्रयोग करते हैं। अधिकांश समाचार-पत्र और समाचार एजेंसियां टेलीप्रिंटरों द्वारा जुड़ी हुई होती हैं जो उनके पास छपे हुए समाचार भेजती हैं।
अब हम संचार के क्षेत्र में क्रान्ति के युग से गुजर रहे हैं। टेलीफोन, टेलीग्राफ, रेडियो और दूरदर्शन ने संचार को तीव्र तथा सुगम बना दिया है। उन्होंने संसार को संकुचित कर दिया है और हमें दैवी शक्ति प्रदान की है जिसका हम बच्चों की भांति प्रयोग करते हैं।
अब टेलैक्स द्वारा निजी संचार संचार से जुड़े हुए टेलीप्रिंटर, छपे हुए समाचारों का आदान-प्रदान कर सकते हैं। फैक्स से संदेशों को तस्वीरों तथा वास्तविक प्रारूप के साथ, एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेज सकते हैं। यह महँगा संचार साधन है जिसके लिए दोनों सिरों पर फैक्स मशीन का होना आवश्यक है। अब लिखित सूचनाओं को विद्युत के सहारे कम्प्यूटर की मदद से विद्युत गति से एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाना सम्भव हो गया है। अब इलेक्ट्रानिक डाटा इन्टरचार्ज (E.D.I.) के माध्यम से व्यापार में अपने भागीदार से सीधा सम्पर्क करके व्यापार सम्बन्धी सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जा सकता है। 1970 के करीब भारत में सीमित पैमाने पर दिल्ली में चलती-फिरती टेलीफोन सेवा शुरू की गई। इसके लाभ पक्ष तथा भारतीय व्यापारियों की बढ़ती हुई इच्छा को ध्यान में रखते हुए सरकार ने चार महानगरों में सेलूलर टेलीफोन सेवा शुरू कर दी है।
संचार विभाग ने बीस नगरों में उन कम्पनियों की सूची तैयार कर ली है जिन्होंने पेजिंग प्रणाली चलाने के लिए अनुमति दी है। पेजिंग प्रणाली द्वारा पेज स्क्रीन पर स्टॉक मार्किट के मूल्यों से लेकर मौसम सम्बन्धी रिपोर्ट तक कुछ भी प्राप्त किया जा सकता है। महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (एम.टी.एन.एल.) द्वारा सर्वप्रथम 1992 में बम्बई में रेडियो पेजिंग सेवा का संचालन हुआ। 14 जनवरी , 1995 को AIR द्वारा रेडियो पेजिंग सेवा का शुभारंभ किया गया है । इस सुविधा द्वारा चलते हुए (on move) व्यक्तियों के पास अंशदायी व्यक्ति संदेश भेजने में समर्थ होंगे। समूचे एशिया में इस तकनीकी का प्रयोग करने वाली आकाशवाणी (AIR) पहली संस्था है। इंटरनैट (कम्प्यूटर संजाल) ने टेलीफोन की लाइनों तथा कम्प्यूटरों द्वारा हमारे विशाल संसार को किसी गांव की तरह छोटा बना दिया है।
वी. एस. ए. टी. सेवा, वाइस मेल, इरीडियम नेटवर्क, इनमेर सेट और ग्राम सेट सेवाओं का भी हमारे नगरों में निकट भविष्य में शुभारम्भ होने वाला है। हमें पूर्ण आशा है कि संचार के सुधरे हुए (विकसित) साधन भारत को उन्नति के शिखर पर ले जाएंगे और उसकी जनता की आवश्यकताओं की पूर्ति करेंगे।