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Archive by category "Languages" (Page 4)
भारत में जातिवाद और चुनावी राजनीति Bharat mein Jativad aur Chunavi Rajniti यह बिल्कुल सत्य तथ्य है कि कोई भी प्रजातांत्रिक प्रणाली धार्मिक और जातिवादी प्रभावों से उन्मुक्त नहीं है। चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों का भाग्य उनके द्वारा प्राप्त साम्प्रदायिक मतों से सीधे जुड़ा होता है। सभी राजनीतिक पार्टियाँ चतुराई से अपने जातिवादी और अन्य संकीर्ण पूर्वाग्रहों को छिपाकर अपने चुनाव घोषणा-पत्रों में किए गए वादों को पूरा करने का वचन...
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May 13, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
तिरस्कृत भारतीय प्रजातंत्र Tiraskrit Bhartiya Prajatantra अधिकारों की असमानता और अवसरों की असमानता से ही क्रांतियों की पृष्ठभूमि बनती रही है। राजतंत्र और अभिजात वर्ग की समाप्ति के बाद राजनैतिक समानता के सिद्धान्त का जन्म हुआ। यह निःसंदेह महान सामाजिक आदर्श है। जॉर्ज बर्नार्ड शॉ के अनुसार, “यह केवल एक वर्ग नहीं बल्कि सम्पूर्ण जनसंख्या के महानतम उपलब्ध कल्याण के उद्देश्य वाली एक सामाजिक व्यवस्था है।” ऐसा विश्व जिसमें लोगों की...
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May 13, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
सभ्यता और कविता Sabhyata aur Kavita जिस युग में वाणिज्य और उद्योग सर्वोच्च सत्ता पर आसीन हों, विज्ञान और प्रोद्योगिकी रहन-सहन व विचारों के ढंग को निर्धारित करते हों, वहाँ कविता को कोई व्यक्ति पर ऐसे प्रीतिकर शौक के रूप में देखेगा जिसे शालीन लोग उस समय लिखते हैं जब उनके पास ‘मनोरंजन का और कोई तरीका’ नहीं होता। थोड़ी गहनता से देखने पर भी हमारी सोच नहीं बदलेगी और सभ्यता...
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May 13, 2024 evirtualguru_ajaygour10th Class, Hindi (Sr. Secondary)No Comment
भारत में पर्यटन का विकास Bharat mein Paryatan ka Vikas आधुनिक विश्व में पर्यटन सबसे तेजी से फैलने वाला और सबसे ज्यादा लाभप्रद उद्योग है। अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटन में परोक्ष रूप से निर्यात व्यवसाय भी शामिल है। इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि कुछ और उद्यमी देशों ने इस फैलते हुए उद्योग को धन उगाहने के रूप में ले लिया है। हाल के वर्षों में भारत भी इस सच्चाई से अवगत हो...
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May 13, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
भारत की वर्तमान शिक्षा-प्रणाली के गुण और दोष Bharat ki Vartman Shiksha-Pranali ke Gun aur Dosh यद्यपि समय-समय पर भारत में शिक्षा प्रणाली में तालमेल लाने के लिए समय के अनुसार सुधार किये जाते रहे हैं किन्तु यह अभी भी काफी हद तक पुरानी और अविकसित है। हम अभी भी इस शिक्षा प्रणाली द्वारा अधिकांश लिपिकों और सफेदपोश श्रमिकों की फौज ही तैयार कर रहें है जिसे करीब एक सौ पछहत्तर...
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May 13, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
क्या छात्रों को राजनीति में हिस्सा लेना चाहिए? Kya Chatra ko Rajniti me hissa lena chahiye? राजनीति को दुर्जनों का अन्तिम आश्रय कहा जाता है। वह व्यक्ति जिसे सभ्य समाज ने अस्वीकार कर दिया हो या वह जो अपने आप को समाज के मानदण्डों और मूल्यों के अनुकूल नहीं बना सका हो प्रायः राजनीति में हिस्सा लेता है। अधिकतर राजनीतिज्ञ, आत्मकेन्द्रित, चरित्रहीन और तुच्छ होते हैं। आज समाज में व्याप्त बहुत-सी...
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May 13, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
गंगा नदी Ganga Nadi भारत की सभी नदियों में गंगा सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण है। यह लगभग 2500 किमी लम्बी है। हिन्दुओं की ऐसी धारणा है कि यह भागीरथी द्वारा स्वर्ग से धरती पर उतारी गई थी इसलिए वे इसका काफी आदर करते हैं। यह गंगोत्री से निकलती है। हिमालय से गुजर कर यह हरिद्वार के मैदानी इलाकों में प्रवेश करती है। इलाहाबाद में इसमें यमुना नदी भी मिल जाती है। यहाँ...
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May 13, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
मेरे जीवन का सबसे दुःखद दिन Mere Jeevan ka Sabse Dukhad Din जिन्दगी विभिन्न घटनाओं और परिणामों के योग के अतिरिक्त और कुछ नहीं है। इनमें से कुछ घटनाएँ और परिणाम हमें प्रसन्नता और सन्तोष प्रदान करती हैं। हम उन्हें अपनी स्मृति में संजोये रखना चाहते हैं, जबकि कुछ ऐसी होती हैं जो उदासी और निराशा लाती हैं। हर व्यक्ति ऐसी घटनाओं को भूल जाना चाहता है। किसी दिन का महत्त्वपूर्ण...
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May 13, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
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