Home » Languages » Archive by category "Hindi (Sr. Secondary)" (Page 26)

Pradarshani ki Yatra “प्रदर्शनी की यात्रा” Complete Hindi Essay, Nibandh for Class 8, 9, 10, 12 and Graduation and other classes.

Hindi-Essay-Hindi-Nibandh-Hindi
प्रदर्शनी की यात्रा पिछले अक्तूबर में मैं प्रगति मैदान में ‘भारती अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मेला’ देखने गया। यह ‘भारतीय व्यापार मेला प्राधिकरण’ द्वारा आयोजित किया गया। विश्व से और भारत से बहुत सारे लोग इस में भाग लेने आए हुए थे। लाखों भारतीय और विश्व के लोगों द्वारा देखा गया। मेरे कुछ मित्र भी मेरे साथ गए थे। हम मेले में तीन बजे पहुँचे। टिकट की खिड़की पर लम्बी कतारें थीं। प्रवेश...
Continue reading »

Mandir ki Yatra “मन्दिर की यात्रा” Complete Hindi Essay, Nibandh for Class 8, 9, 10, 12 and Graduation and other classes.

Hindi-Essay-Hindi-Nibandh-Hindi
मन्दिर की यात्रा पिछले महीने मैं बिरला मन्दिर गया। यह मन्दिर मार्ग पर स्थित है। मेरे माता-पिता भी मेरे साथ थे। हमने प्रवेश द्वार पर अपने जूते उतारे और उन्हें रैक पर रखा। हमें रैक के नम्बर वाला टिकट मिला। हमने अपने हाथ धोए और कुछ सीढ़ियाँ चढ़े। बरामदा चकोर आकार के सफेद और काले संगमरमर का बना था। यह साफ-सुथरा था तब हम कुछ गज चले। वहाँ पर देवी और...
Continue reading »

Circus ki Sair “सर्कस की सैर” Complete Hindi Essay, Nibandh for Class 10, 12 and Graduation and other classes.

Hindi-Essay-Hindi-Nibandh-Hindi
सर्कस की सैर दशहरे की छुट्टियों में एक बहुत बड़ी सर्कस हमारे शहर में आई। इसने अपना बड़ा तम्बू लाल किले मैदान के पास में जमाया। हर रोज़ तीन शो होते थे। हमारे परिवार ने पिछले शुक्रवार को सर्कस जाने का निश्चय किया। हम सर्कस में शाम को छः बजे पहुँचे। वहाँ बहुत भीड़ थी। हमने अपनी टिकटें खरीदीं और अन्दर जाकर पिछली पंक्ति में अपनी सीटों में बैठ गए। अन्दर...
Continue reading »

How I Spent my last Sunday “मैंने पिछला रविवार कैसे बिताया” Complete Hindi Essay, Nibandh for Class 10, 12 and Graduation and other classes.

Hindi-Essay-Hindi-Nibandh-Hindi
मैंने पिछला रविवार कैसे बिताया यदि काम ही काम करें और खेलें कूदें नहीं तो जीवन नीरस हो जाता है। पिछले रविवार हमारी कक्षा दिल्ली के चिड़ियाघर में गई। यह पुराने किले के पास मथुरा रोड पर है। हम चिड़ियाघर अपनी स्कूल की बस में गए। चिड़ियाघर में प्रवेश के लिए टिकट लगती है। दिन के 11.30 बज गए थे। हमने चिड़ियाघर में प्रवेश किया। दिन बहुत खुशनुमा था। हमने विभिन्न...
Continue reading »

Mera Priya Adhyapak “मेरा प्रिय अध्यापक” Complete Hindi Essay, Nibandh for Class 10, 12 and Graduation and other classes.

Hindi-Essay-Hindi-Nibandh-Hindi
मेरा प्रिय अध्यापक या अध्यापक, जिन्हें मैं सबसे अधिक पसन्द करता हूँ मैं नौंवी कक्षा में पढ़ता हूँ। मेरी कक्षा में छ: अध्यापक पढ़ाते हैं। वे सभी मेहनती तजुर्बेकार, और दक्ष हैं। उनका हम सब आदर करते हैं। परन्तु श्रीरॉय वे अध्यापक हैं, जो मुझे सब से अधिक पसंद हैं। वे हमें अंग्रेजी पढ़ाते हैं। वे पैंतीस वर्ष के युवा हैं। वे सम्मानवीय परिवार से आते हैं। वे देखने में अच्छे,...
Continue reading »

Mere Dada Ji “मेरे दादा जी” Complete Hindi Essay, Nibandh for Class 10, 12 and Graduation and other classes.

Hindi-Essay-Hindi-Nibandh-Hindi
मेरे दादा जी मेरे दादाजी सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। वे पैंसठ साल के करीब हैं। वे शक्तिशाली और सेहतमंद हैं। वे शक्तिवान और जागरुक हैं। वे सुबह नियमित रूप से सैर करने जाते हैं। वे प्रातः पांच बजे उठते हैं और एक घण्टा सैर करते हैं। यही उन के अच्छे स्वास्थ्य का रहस्य है। वे स्वच्छता को पसंद करते हैं। हमेशा साफ-सुथरे रहते हैं। नहाने के बाद वे आधा घण्टा पूजा करते...
Continue reading »

The Person I Dislike Most “मुझे सबसे बुरा लगने वाला आदमी” Complete Hindi Essay, Nibandh for Class 10, 12 and Graduation and other classes.

Hindi-Essay-Hindi-Nibandh-Hindi
मुझे सबसे बुरा लगने वाला आदमी हमें कुछ लोग अच्छे लगते हैं। हम किसी को एक बहुत पसंद करते हैं। इसी तरह वह आदमी जिसे मैं सबसे अधिक नापसंद करता हूँ, वह मेरा साथ वाला पड़ोसी है। वह श्रीलाल है। वह पैंतीस साल का अविवाहित व्यक्ति है। वह बहुत चतुर है इसलिए लोग आसानी से उस पर विश्वास कर लेते हैं। परन्तु वह एक बदमाश है। वह लोगों से कभी किसी...
Continue reading »

Mera Sabse Pasandida Vyakti “मेरा सबसे पसन्दीदा व्यक्ति” Complete Hindi Essay, Nibandh for Class 10, 12 and Graduation and other classes.

Hindi-Essay-Hindi-Nibandh-Hindi
मेरा सबसे पसन्दीदा व्यक्ति मित्र रखना अच्छी बात है। जीवन दोस्त या दोस्तों के बिना मज़ेदार नहीं होता। यहाँ तक कि राजाओं के भी मित्र हैं। अपनी खुशियाँ और दुःख मित्र के साथ बांटे जा सकते हैं। लेकिन सच्चा दोस्त पाना इतना आसान नहीं है। मैं भाग्यशाली हूँ कि मेरा एक सच्चा मित्र है। वह मेरा सहपाठी, राजा है। उसमें सच्चे मित्र के सभी सद्गुण हैं। वह मेरा सबसे अच्छा मार्गदर्शक...
Continue reading »