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Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Aadarsh Vidyarthi”, “आदर्श विद्यार्थी” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation Classes.

आदर्श विद्यार्थी Aadarsh Vidyarthi                 विद्या प्राप्त करने वाला विद्यार्थी कहलाता है। आदर्श विद्यार्थी वह है जो स्वभाव से ही विद्यानुरागी और विद्या व्यसनी हो। पढ़ना उसका शौक हो और ज्ञानार्जन उसका लक्ष्य।                 इस शब्द से मन की आँखों के सामने एक ऐसे व्यक्ति का चित्र उभरता है जो विनम्र, सुशील, परिश्रमी, सत्यवादी और आज्ञाकारी हो। जो समय पर विद्यालय जाता हो, वहाँ मन लगाकर पढ़ता हो, पाठशाला से घर...
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Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Aaj ke Vidyarthi ke Samne Chunotiyan”, “आज के विद्यार्थी के सामने चुनौतियाँ” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation Classes.

आज के विद्यार्थी के सामने चुनौतियाँ Aaj ke Vidyarthi ke Samne Chunotiyan                 आज का विद्यार्थी कल का नेता है। वहीं राष्ट्र का निर्माता है। वह देश की आशा का केन्द्र है। विद्यार्थी जीवन में वह जो सीखता है, वही बातें उसके भावी जीवन को नियंत्रण करती है। इस दृष्टि से उसे विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का पालन करना अनिवार्य हो जाता है।                 ‘विद्यार्थी’ शब्द विद्या $ अर्थी के योग...
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Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Bhagya Aur Purusharth”, “भाग्य और पुरूषार्थ” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation Classes.

भाग्य और पुरूषार्थ Bhagya Aur Purusharth                   इस संसार में कुछ व्यक्ति भाग्यवादी होते हैं और कुछ केवल अपने पुरूषार्थ पर भरोसा रखते हैं। प्रायः ऐसा देखा जाता है कि भाग्यवादी व्यक्ति ईश्वरीय इच्छा को सर्वोपरि मानते हैं और अपने प्रयत्नों को क्षीण मान बैठते हैं। ये विधाता का ही दूसरा नाम भाग्य को मान लेते हैं। भाग्यवादी कभी-कभी अकर्मण्यता की स्थिति में भी आ जाते हैं। उनका कथन होता...
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Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Garmi ki Ek Dopahar”, “गर्मी की एक दोपहर” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation Classes.

गर्मी की एक दोपहर Garmi ki Ek Dopahar                   जून का महीना था। गर्मी चरम सीमा पर थी। ऐसी ही गर्मी की एक झुलसा देने वाली दोपहर थी। सूरज बुरी तरह तमतमा रहा था। धरती तवे की तरह जल रही थी। लू चल रही थी। घर से बाहर निकलना कठिन प्रतीत होता था। गर्मी सभी को झुलसा रही थी। मनुष्यों के साथ-साथ पुशु-पक्षी तथा पेड़-पौंधें भी गर्मी की मार झेलने...
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Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Badalte Samaj me Mahilaon ki Stithi”, “बदलते समाज में महिलाओं की स्थिति” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation Classes.

बदलते समाज में महिलाओं की स्थिति Badalte Samaj me Mahilaon ki Stithi भारतीय समाज में प्रारंभ से ही नारी का महत्त्वपूर्ण स्थान रहा है। यह देवी तथा पूज्या है। मनु के शब्दों में ‘‘य़त्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता’’  अर्थात् जहाँ नारी का सम्मान होता है, वहाँ देवता निवास करते हैं। नारी तथा पुरूष एक-दूसरे के पूरक हैं। एक के अभाव में दूसरे का व्यक्तित्व अपूर्ण है। नारी राष्ट्र की निर्माता...
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Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Ek Ghar Bane Nyara”, “एक घर बने न्यारा” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation Classes.

एक घर बने न्यारा Ek Ghar Bane Nyara                 आज के युग में प्रत्येक व्यक्ति अपना एक घर बनाने का इच्छुक रहता है। वह एक न्यारा घर बनाना चाहता है। रोटी, कपड़ा और मकान मनुष्य की मूलभूत आवश्यकताएँ हैं। गरीब से गरीब व्यक्ति भी अपना घर बनाने को उत्सुक रहता है। यह ठीक है कि प्रत्येक व्यक्ति की अपनी-अपनी आर्थिक सीमाएँ होती हैं। सभी अपनी सीमा को ध्यान में रखकर अपने...
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Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Desh ka Nirman Aur Yuva Pidhi”, “देश का निर्माण और युवा पीढ़ी” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation Classes.

देश का निर्माण और युवा पीढ़ी Desh ka Nirman Aur Yuva Pidhi                 जब समाज निर्माण के संदर्भ में युवा-पीढ़ी की भूमिा की चर्चा की जाती है तो स्वभावतः अनेक प्रश्न उत्पन्न होने लगते हैं। इनमें महत्वपूर्ण प्रश्न यह है कि युवा पीढ़ी में किन व्यक्तियों को रखा जाए। आज सामान्य रूप  से युवा-पीढ़ी के अन्तर्गत विद्यालय, महाविद्यालय तथा विश्वविद्यालय में शिक्षा प्राप्त करने वाले युवक-युवतियों  को लिया जाता है, किन्तु...
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Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Vevahik Jeevan me Bdhta Tanav”, “वैवाहिक जीवन में बढ़ता तनाव” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation Classes.

वैवाहिक जीवन में बढ़ता तनाव Vevahik Jeevan me Bdhta Tanav                 वर्तमान समय में वैवाहिक जीवन उतना सुखी नहीं रह गया है जितना पहले हुआ करता था। अब वैवाहिक जीवन में निरंतर तनाव बढ़ता जा रहा है। पति-पत्नी के संबंधों की मधुरता निरंतर घटती-मिटती जा रही है। यह तनाव क्यों बढ़ रहा है, इसके कारणों पर हमें विचार करना होगा।                 आज का जीवन उतना सरल नहीं रह गया है। हमारी...
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