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Archive by category "Hindi (Sr. Secondary)" (Page 190)
अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को एक पत्र लिखिए, जिसमें विद्यालय में क्लर्क के रिक्त स्थान के लिए आवेदन किया गया हो। सेवा में, श्रीमान् प्रधानाचार्य जी, राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, ग्वालियर। विषय : क्लर्क के पद हेतु आवेदन। मान्यवर, सविनय निवेदन है कि मुझे तीन दिन पहले ही विश्वस्त सूत्र से ज्ञात हुआ है कि हमारे विद्यालय में एक क्लर्क का रिक्त स्थान है। इस पद के लिए...
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January 17, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
आर्थिक सहायता के लिए अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को एक प्रार्थना पत्र लिखिए। सेवा में, श्रीमान् प्रधानाचार्य जी, रा. सीनियर सैकेण्डरी विद्यालय, सदर बाजार, जबलपुर। श्रीमान् जी, सविनय निवेदन यह है कि मैं आपके विद्यालय की दसवीं कक्षा का छात्र हैं। मेरे पिताजी का 3 साल पहले देहान्त हो गया था, जब हम छोटे-छोटे थे। माताजी ने बड़ी मेहनत से सिलाई का काम करके हमारा पालन-पोषण किया। अब माताजी का...
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January 17, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
प्रधानाचार्य को चरित्र-सम्बन्धी प्रमाण-पत्र प्रदान करने के लिए एक प्रार्थना-पत्र लिखिए। सेवा में, श्री प्रधानाचार्य जी, डी. ए. वी. हायर सेकेण्डरी स्कूल, जवलपुर। मान्यवर, सविनय दिवेदन इस प्रकार है कि मैंने आपके विद्यालय से 19 में हायर सैकेण्डरी । परीक्षा द्वितीय श्रेणी में उत्तीर्ण की थी। जब मैंने पी.टी.आई. का कोर्स कर लिया है। मुझे विद्यालय में नौकरी मिल रही है। जिस कारण मुझे दो महत्वपूर्ण व्यक्तियों से चरित्र-प्रमाण-पत्र...
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January 17, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
अपने प्रधानाचार्य को छात्रवृत्ति के लिए आवदेन-पत्र लिखिए और उसमें अपने घर की आर्थिक स्थिति को भी स्पष्ट कीजिए। सेवा में, श्रीमती प्रधानाचार्य जी, राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, ग्वालियर माननीय महोदया, नम्र निवेदन है कि मैं आपके विद्यालय की कक्षा 10वीं की छात्रा हूँ। मेरे पिताजी एक कपड़े की दुकान पर काम करते हैं। उनकी मासिक आय 500 रु. है। उन्हें इस थोड़ी-सी । आय से पांच सदस्यों की उदर-पूर्ति...
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January 17, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
भाग्य और पुरुषार्थ Bhagya Aur Purusharth हमारे समाज में दो प्रकार की मान्यताएँ प्रचलित हैं- पहली भाग्यवाद तथा दूसरी पुरुषार्थवाद। भाग्यवादियों का विचार है कि किस्मत में जो कुछ लिखा है वह सब मिल जाएगा। ऐसे व्यक्ति न तो कोई काम करते हैं और न ही किसी काम के प्रति उनमें कोई उत्साह जागता है। दूसरी श्रेणी के व्यक्ति पुरुषार्थवादी होते हैं जिनका ध्येय है प्रमाद को छोड़ कर्मरत रहना। कर्म...
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December 5, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
नैतिक शिक्षा का महत्व Naitik Shiksha ka Mahatva निबंध नंबर :- 01 ‘नैतिकता’ से अभिप्राय है-आचरण की शुद्धता तथा आदर्श मानवीय मूल्यों को अपनाना। सत्य, अहिंसा, प्रेम, सौहार्द, बड़ों का सम्मान, अनुशासन-पालन, दुर्बल एवं दीन-हीनों पर दया तथा परोपकार आदि गुणों को अपनाना ही नैतिकता का वरण करना है। सभी प्राणियों में ईश्वर का नूर देखना, न्याय-पथ पर चलना, शिष्टाचार का पालन करना- कुछ ऐसे मूल्य हैं जिनका वर्णन प्रत्येक धर्मग्रंथ...
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December 5, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
माता-पिता की शिक्षा में भूमिका Mata Pita ki Shiksha me Bhumika माता-पिता संतान के जन्मदाता ही नहीं, सब कुछ होते हैं। भारतीय परंपरा तो माँ के चरणों में स्वर्ग मानती है ।भारतीय परम्परा मई अभिभावकों की अहम् भूमिका रही है-बच्चे के व्यक्तित्व-निर्माण में। आज भारतीय जीवन में पाश्चात्य सभ्यता के प्रभाव से भौतिकवादी बुधिप्रधान दृष्टिकोण व्याप्त हो रहा है। सामाजिक परिवेश में परिवर्तन आ रहा है। आज माता-पिता की संतान से...
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December 5, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
समय का सदुपयोग Samay ka Sadupyog समय की परख ० समय के सम्मान से ही सफलता • समय की पालक प्रकृति एक बार महात्मा गांधी से किसी ने पूछा कि “जीवन की सफलता का श्रेय आप किसे देते हैं–शिक्षा, शक्ति । अथवा धन को।” उत्तर मिला-“ये वस्तुएँ जीवन को सफल बनाने में सहायक अवश्य हैं, परंतु सबसे महत्त्वपूर्ण । है-समय की परख। जिसने समय की परख करना सीख लिया उसने...
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December 5, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment