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Archive by category "Hindi (Sr. Secondary)" (Page 10)
अनुशासन Anushasan अनुशासन का तात्पर्य है अपने प्रति शासन अर्थात् किसी ऐसे व्यक्ति या विशेष अधिकारियों के आदेश के विरुद्ध कोई ऐसा कार्य न करना जो राष्ट्रहित में न हो। यदि जीवन में अनुशासन न हो तो अराजकता फैल जायेगी, जीवन अस्त-व्यस्त हो जायेगा और कोई कार्य योजना से नहीं हो पायेगा। किसी एक कार्य का दूसरे से कोई सम्बन्ध नहीं रहेगा जिससे किसी कार्य का भी निष्पादन सही प्रकार से...
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May 9, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
मेरे जीवन का लक्ष्य Mere Jeevan Ka Lakshya व्यक्ति के लिए आदर्श जीवन का एक लक्ष्य होना चाहिए क्योंकि, बिना किसी लक्ष्य के जीवन वैसा ही है जैसा बिना पतवार के जहाज; और किसी लक्ष्य का चुनाव करना भी एक कठिन कार्य है। अलग-अलग व्यक्तियों की, उन रुचियों और इच्छाओं के अनुसार, भिन्न-भिन्न महत्त्वाकांक्षाएँ होती हैं क्योंकि कोई भी कार्य अच्छा या बुरा नहीं होता, केवल निजी धारणाएं ही उन्हें ऐसा...
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May 9, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
सूचना प्रौद्योगिकी: संचार का भविष्य Suchna Prodyogiki – Sanchar ka Bhavishya बीसवीं सदी की समाप्ति के लगभग 23 वर्ष पूर्व से ही सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में काफी तेज प्रगति हुई। इसके बावजूद, इलेक्ट्रॉनिक्स का विस्तार टीवी के धरातल से परे होने जा रहा है। टीवी भी अगले कुछ वर्षों में अतीत की वस्तु बन सकता है। वैज्ञानिक संसार की महानतम खोजों में से एक खोज टेलीविजन ने पिछले लगभग 30...
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May 9, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
टेलीविजन – शिक्षा और मनोरंजन के साधन के रूप में Television – Shiksha aur Manoranjan ke Sadhan ke roop mein आधुनिक मानव की विकासधारा में शिक्षा के साथ-साथ मनोरंजन के क्षेत्र में होने वाले विज्ञान के विभिन्न चमत्कारों में टेलीविजन का प्रमुख स्थान है। इसने मानव के दृष्टिकोण को ही बदल दिया है और आज यह मानव का एक विश्वासपात्र सेवक बन गया है। जे.एल.बेयर्ड, टेलीविजन का आविष्कार करने वाले वैज्ञानिक,...
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April 29, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
विज्ञान एवं नीतिशास्त्र Vigyan evm Nishastrikaran वस्तुतः विज्ञान तथा नीतिशास्त्र एक सिक्के के दो पहलू हैं। यदि सूक्ष्म अवलोकन किया जाये तो स्पष्ट होता है कि इनके क्षेत्र भिन्न हैं और ये स्पष्ट रूप से एक-दूसरे की समस्याओं के निवारक हैं, किंतु काफी निकट से अवलोकन करने पर हम देखेंगे कि सामान्य मत के विपरीत विज्ञान और नीतिशास्त्र न तो दो भिन्न ध्रुव हैं और न ही ये एक-दूसरे के विरोधी...
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April 29, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
विज्ञान एक अच्छा सेवक या क्रूर स्वामी Vigyan Ek Accha Sewak Ya Krur Swami वैज्ञानिक परिवर्तनों की प्रवाहमय धारा में विस्फोटकों तथा संक्रामक बीमारियों ने विश्व जनमानस को भयभीत कर दिया है। कुछ लोगों का मानना है कि यह वैज्ञानिकों के अथक प्रयासों का ही परिणाम है कि अब व्यक्ति प्रकृति के हाथों का एक खिलौना नहीं रह गया है अपितु धरती, आकाश और जल, तीनों का स्वामी बन गया है।...
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April 29, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
दैनिक जीवन में विज्ञान Dainik Jeevan mein Vigyan विज्ञान ने मानव को बहुत कुछ दिया है। मानवीय इतिहास में, मानव जीवन में विज्ञान के आगमन से बड़ी कोई और घटना घटित नहीं हुई है। जिस समय विज्ञान का उदय हुआ था उस समय विश्व अज्ञान, दुःखों और कठिनाइयों से भरा हुआ था। विज्ञान ने हमारी समस्याओं को कम कर दिया। वर्तमान समय में इसके विकसित यंत्र निष्ठावान सेवक के रूप में...
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April 29, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
वायु प्रदूषण – मानव जाति के लिए एक खतरा Vayu Pradushan – Manav Jati ke liye ek Khatra आज के युग में मानव जाति के सामने दो बड़े खतरे हैं। पहला है शोर का संकट और दूसरा वायु प्रदूषण। वायु-प्रदूषण औद्योगिक क्षेत्रों में कारखानों, मिलों, वर्कशापों आदि द्वारा छोड़े जाने वाले धुंए से उत्पन्न होता है। स्वास्थ्य और जीवन के लिए यह एक बहुत बड़ा खतरा बन गया है। वायु प्रदुषण...
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April 29, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
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