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Posts tagged "Moral Stories" (Page 3)
जिन खोज, तिन पाइयाँ Jin Khoi, Tin Paiya एक बार बालक दादू अपने मित्रों के साथ खेल रहा था कि एक साधु वहाँ आया और उसने बालक दादू के मुख पर पान की पीक डाल दी। अबोध बालक की समझ में कुछ नहीं आया। बाद में संसार के प्रति उसे विरक्ति हो गई। वह संसार की अनित्यता और नश्वरता का विचार कर घर त्यागने की बात सोचता, पर उसे अमल में...
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January 24, 2023 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
जिस तन लागे, सो तन जाने Jis tan lago, So tan jane “अरे नामू! तेरी धोती में तो खून लगा हुआ है! कहीं चोट तो नहीं लगी?” माँ ने बेटे से पूछा । “हाँ, माँ! मैंने अपने पैर पर कुल्हाड़ी से वार किया है।” नामू ने उत्तर दिया। माँ ने धोती सरकायी तो पाया कि बेटे के पैर की चमड़ी छिली हुई है; बोली, “मूर्ख! कहीं कोई अपने ही पैर पर...
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January 24, 2023 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
झूठ की कमाई Jhooth Ki Kamai हजरत अबूबक्र मुसलमानों के पहले खलीफा थे। हजरत मुहम्मद साहब के बाद खलीफा के रूप में उन्हें ही चुना गया था। एक बार उनके एक गुलाम ने, जो कि उनका शिष्य था, उन्हें खाने के लिए मिठाई दी। उन्होंने जब मिठाई खायी तो उन्हें वह बड़ी ही स्वादिष्ट लगी। इन्होंने गुलाम से पूछा कि उसने इतनी बढ़िया मिठाई कहाँ से पायी? गुलाम ने बताया कि...
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January 24, 2023 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
हिकमत Hikmat महाराष्ट्र के संत गाडगे महाराज नांदेड़ जिले में स्थित एक ग्राम में गए। तब उस इलाके पर निजाम का अधिकार था और उसने हरि-कीर्तन पर पाबंदी लगा दी थी, क्योंकि उसे डर था कि कहीं इससे जाति-द्वेष न फैले; मगर इसके बावजूद गाडगे महाराज ने कीर्तन की घोषणा कर दी। उनका कीर्तन सुनने के लिए लोग झुंड के झुंड एकत्रित होने लगे । बात पुलिस तक जा पहुँची और...
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January 24, 2023 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
विश्व-प्रेम Vishva-Prem स्वामी दयानंद ने फर्रुखाबाद में नगर के किनारे एक झोंपड़ी में अपना डेरा डाला था। कैलास नामक एक युवक की उन पर बड़ी श्रद्धा थी। एक दिन वह उनके पास आया और उसने अंदर आने की अनुमति माँगी। दयानंद हँसते हुए बोले, “यदि कैलास इस छोटे-से झोंपड़े में प्रवेश कर सकता है, तो उसे अवश्य आना चाहिए।” अंदर आते ही वह बोला, “स्वामीजी ! आज मैं आपके पास किसी...
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January 24, 2023 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
सच्ची उपासना Sachi Upasana एक बार गुरु नानक सुल्तानपुर पहुँचे। वहाँ उनके प्रति लोगों की श्रद्धा देख वहाँ के काजी को ईर्ष्या हुई। उसने सूबेदार दौलतखाँ के खूब कान भरे और शिकायत की कि वह कोई पाखंडी है, इसीलिए आज तक नमाज पढ़ने कभी नहीं आया।” सूबेदार ने नानकदेव को बुलावा भेजा, किन्तु उन्होंने उस ओर ध्यान नहीं दिया। जब सिपाही दुबारा बुलाने आया, तो वे उसके पास गए। उन्हें देखते...
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January 24, 2023 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
व्यर्थ की जिज्ञासा Vyarth ki Jiggyasa एक बार मलुक्यपुत्र गौतम बुद्ध के पास आकर बोला, “भगवन् ! आपने आज तक यह कभी नहीं बताया कि मृत्यु के उपरांत पूर्ण बुद्ध रहते हैं या नहीं?” इस पर बुद्धदेव बोले, “हे मलुक्यपुत्र! मुझे यह बताओ कि भिक्षु होते समय क्या मैंने तुमसे यह कहा था कि तुम मेरे ही शिष्य बनना ?” मलुक्यपुत्र ने नकारात्मक उत्तर दिया । तब बुद्धदेव बोले, “यदि किसी...
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January 24, 2023 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
गला सत्य का घोटिन, खुसामद बचन न उतारो Gala Satya ka Ghotin, Khusamad Bachan na Utaro कवि श्रीपति निर्धन थे, मगर निर्भीक और आत्मसम्मानी थे। भिक्षा में जो कुछ पाते, उसी से अपना जीवन-निर्वाह करते थे। पत्नी गरीबी से त्रस्त हो चुकी थी। उसने अकबर की प्रशंसा सुनी, तो पति को उनके पास भेजा। उनकी भक्तिपरक रचनाओं से बादशाह संतुष्ट हो गया और उसने उन्हें अपने दरबार में रख लिया। उनकी...
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January 24, 2023 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
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