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Hindi Essay, Paragraph on “The Kashmir Problem”, “कश्मीर समस्या” 1000 words Complete Essay for Students of Class 9, 10 and 12 Examination.

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कश्मीर समस्या The Kashmir Problem विश्व में ‘धरती का स्वर्ग’ के नाम से विख्यात कश्मीर आज बहुत अशांत है। स्वर्ग का तात्पर्य होता है, जहां शांति हो, वैभव हो। कवि कल्हड़ ने ठीक कहा है, “यहां जैसी विद्या, ऊंचे-ऊंचे ग्रह, केशर, हिममिश्रित शीत जल और घर-घर दाक्षा तो स्वर्ग में भी दुर्लभ हैं।” किंतु धरती के स्वर्ग कश्मीर की स्थिति आज बिलकुल विपरीत है। सर्वत्र अशांति, हिंसा, बलात्कार और प्रदर्शनों को...
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Hindi Essay, Paragraph on “Gut-Nirpekshta”, “गुट-निरपेक्षता” 700 words Complete Essay for Students of Class 9, 10 and 12 Examination.

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गुट-निरपेक्षता Gut-Nirpekshta    द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद संसार में दो प्रमुख शक्तियां उभर कर सामने आईं। ये शक्तियां थीं-अमेरिका और रूस। दोनों में एक-दूसरे से अधिक शक्तिशाली बनने की होड़ थी। दोनों अधिक-से-अधिक आग्नेय और परमाणु अस्त्र बनाने में संलग्न थे। दोनों स्वतंत्र राष्ट्रों को अपने-अपने खेमे में लेने के लिए आतुर थे। भारत के स्वतंत्र होने के बाद अनेक अफ्रीकी और 52 एशियाई देश स्वतंत्र हुए। इन नव स्वतंत्र देशों...
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Hindi Essay on “Rashtra Nirman me Vidhyarthiyo ka Yogdan”, “राष्ट्र निर्माण में विद्यार्थीयों का योगदान ” Complete Hindi Essay, Paragraph, Speech for Class 7, 8, 9, 10, 12 Students.

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राष्ट्र निर्माण में विद्यार्थीयों का योगदान Rashtra Nirman me Vidhyarthiyo ka Yogdan निबंध संख्या :- 01  किसी भी राष्ट्र की उन्नति का आधार और प्रतिष्ठा उसकी भावी पीढ़ी पर होता है । जो बासी हो गया, जीर्ण हो गया, समयातीत हो गया, उस फूल को डाल से चिपके रहने का कोई अधिकार नहीं है। यही सोचकर शायद कविवर जयशंकर प्रसाद जी ने ठीक ही कहा है- प्रकृति के यौवन का श्रृंगार...
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Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Jahan Sumati Tahan Sampati Nana”, “जहाँ सुमति तहँ संपत्ति नाना” Complete Essay for Class 10, Class 12 and Graduation Classes.

जहाँ सुमति तहँ संपत्ति नाना Jahan Sumati Tahan Sampati Nana सुमति अर्थात अच्छी बुद्धि। बुद्धि ही हमें सुमार्ग या कुमार्ग की ओर ले जाती है। चोर, लुटेरे, डाकुओं की बुद्धि तीव्र हो सकती है किंतु उनकी सोच की दिशा गलत होती है। ऐसी बुद्धि काम, क्रोध, मद, लोभ, मोह के वशीभूत होकर कुकर्मों की ओर प्रेरित करती है। परिणामतः पूरा जीवन नष्ट हो जाता है। इसके विपूरीत जिनकी बुद्धि सही-गलत, उचित-अनुचित...
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Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Sab Din Rahat Na Ek Saman”, “सब दिन रहत न एक समान” Complete Essay for Class 10, Class 12 and Graduation Classes.

सब दिन रहत न एक समान Sab Din Rahat Na Ek Saman समय नदी की धारा के समान है जो निरंतर आगे बढ़ता जाता है। बीते समय को किसी कीमत पर भी लौटाया नहीं जा सकता। समय की इस परिवर्तनशीलता को समझना जीवन को सही ढंग से जीने के लिए परम आवश्यक है। जो यह सच जान लेता है वह सुख आने पर अहंकारी नहीं बनता और दुख आने पर निराशा...
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Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Ka Barkha Jab Krishi Sukhane” , “का बरखा जब कृषि सुखाने” Complete Essay for Class 10, Class 12 and Graduation Classes.

का बरखा जब कृषि सुखाने Ka Barkha Jab Krishi Sukhane खोया धन परिश्रम से पुनः प्राप्त किया जा सकता है, खोया स्वास्थ्य भी उचित चिकित्सा व संतुलित, पौष्टिक भोजन से पाया जा सकता है, किन्तु एक बार जो समय निकल गया उसे अपना सर्वस्व देकर भी नहीं लौटाया जा सकता। फ़सल को सही वक्त पर पानी चाहिए, यदि उस समय नहीं मिला है हर कार्य का एक समय होता है, वह...
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Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Dev-Dev Aalasi Pukara” , “दैव-दैव आलसी पुकारा” Complete Essay for Class 10, Class 12 and Graduation Classes.

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दैव–दैव आलसी पुकारा Dev-Dev Aalasi Pukara प्रगति के मार्ग का सबसे बड़ा बाधक है-आलस्य। व्यक्ति तन-मन से स्वस्थ, समर्थ और सक्षम होते हुए भी यदि प्रयत्न न करे तो सफल नहीं हो सकता। तन की शिथिलता आलस्य है तो मन की शिथिलता को प्रमाद कहते हैं। आलसी और प्रमादी व्यक्ति को न अपनी असफलता अखरती है और न ही उन्नति पाने का उनमें उत्साह जगता है। न वे कुछ नया सीखना...
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Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Jab Aave Santosh Dhan” , “जब आवै संतोष धन, सब धन धूरि समान” Complete Essay for Class 10, Class 12 and Graduation Classes.

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जब आवै संतोष धन, सब धन धूरि समान Jab Aave Santosh Dhan Best 4 Hindi Essay on “Jab Aave Santosh Dhan” निबंध नंबर :- 01  ‘हरि अनंत, हरिकथा अनंता’ की भाँति हमारी इच्छाओं का भी कोई अंत नहीं होता। एक इच्छा पूरी होती नहीं कि दूसरी इच्छा पैदा हो जाती है। पूरा जीवन हम इच्छाओं के मूकड-जाल में फंसे रहते हैं। इच्छाओं के इस असीम सागर को पार करना तो किसी...
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