Home »
Posts tagged "Hindi Nibandh" (Page 12)
पर्वतराज हिमालय Parvatraj Himalaya हिमालय शब्द हिम+ आलय शब्दों के योग से बना है जिसमें हिम का अर्थ बर्फ और आलय का अर्थ घर अर्थात् हिमालय शब्द का अर्थ बर्फ का घर है। हिन्दू लोग इस पर्वत को बहुत ही आदर की दृष्टि से देखते हैं क्योंकि उनका मानना है कि इस पर्वत की चोटी पर शिव और पार्वती रहते हैं। ऐसा विश्वास किया जाता है कि हिमालय की पुत्री...
Continue reading »
January 24, 2021 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
रमणीक स्थल की यात्रा Ramneek Sthal ki Yatra रमणीक स्थलों की यात्रा विद्यार्थियों के लिए बड़ी सुखद होती हैं। इन रमणीक स्थलों पर पहुंच कर हम स्वयं मानों इन्हीं का अंग बन जाते हैं। वह स्थल जीवित होकर हमारे सामने साकार हो उठता है। ऐसी यात्राओं द्वारा हम अपने देश के कोने-कोने को सही दृष्टि से देखते हैं, अपनी शक्ति और निर्बलता को पहचानते हैं। भारत एक प्राचीन देश है...
Continue reading »
January 24, 2021 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
टेलीविज़न और उसकी उपयोगिता Television aur Uski Upyogita Essay No. 01 जान-विज्ञान के हर क्षेत्र में प्रगति कर रहे वैज्ञानिकों ने अनेक अदभत सफलताएँ प्राप्त की हैं। टैलीविज़न भी ऐसी ही एक उपलब्धि है। टैली का अर्थ है दर और विजन का अर्थ है दृष्टि अर्थात् ऐसा उपकरण जिसके द्वारा दर घटने वाली घटनाएँ भी देखी जा सकें। हिन्दी में इसका दूरदर्शन’ नाम अत्यन्त उपयुक्त है। स्काटलैंड के एक वैज्ञानिक ने...
Continue reading »
January 13, 2021 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
जब आवै संतोष धन, सब धन धूरि समान Jab Aave Santosh Dhan Best 4 Hindi Essay on “Jab Aave Santosh Dhan” निबंध नंबर :- 01 ‘हरि अनंत, हरिकथा अनंता’ की भाँति हमारी इच्छाओं का भी कोई अंत नहीं होता। एक इच्छा पूरी होती नहीं कि दूसरी इच्छा पैदा हो जाती है। पूरा जीवन हम इच्छाओं के मूकड-जाल में फंसे रहते हैं। इच्छाओं के इस असीम सागर को पार करना तो किसी...
Continue reading »
October 31, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
पुस्तकालय Pustkalaya Essay No. 01 पुस्तकें ज्ञान का भण्डार होती हैं। हर प्रकार का ज्ञान आज के युग में पुस्तकों के रूप में उपलब्ध है। आज प्रायःसभी लोग ज्ञान की प्राप्ति के प्रयत्न करते रहते हैं। पुस्तकें ज्ञान भी देती है मनोरंजन भी करती हैं। पुस्तकें मनुष्य की सच्ची मित्र हैं। उनको पढ़ने से ज्ञान भी मिलता है, समय का सदुपयोग भी हो जाता है। कोई व्यक्ति कितना भी धनवान क्यों...
Continue reading »
August 2, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
यदि मैं शिक्षा मन्त्री होता Yadi mein Shiksha Mantri hota Best 3 Essays on “Yadi mein Shiksha Mantri Hota”. निबंध नंबर : 01 प्रस्तावना : शिक्षा ही राष्ट्र की बहुमुखी प्रगति का मूल स्रोत है। इसलिये हर राष्ट्र के कर्णधार शिक्षा को बहुत महत्त्व देते आए हैं। विदेशी शासकों ने हमारे राष्ट्र पर स्थायी रूप से शासन हेतु यहाँ की शिक्षा प्रणाली इस प्रकार की बनायी थी, जिससे हम परतन्त्रता की...
Continue reading »
April 11, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
यदि मैं सीमान्त सिपाही होता Yadi me Border Sipahi Hota निबंध नंबर : 01 प्रस्तावना : भारत विशाल देश है। इसलिए इसका सीमांत भी अधिक विस्तृत है। इसके सीमांत के छोरों में बड़े-बड़े पहाड़, जंगल, मरुस्थल, नगर और सागर आदि हैं। चीन, पाकिस्ताने, बंगलादेश, नेपाल, बर्मा और तिब्बत आदि देशों की भूपटियाँ इसके सीमान्त छोरों पर पड़ती हैं। सीमान्त की महत्ता : सुरक्षा की दृष्टि से सीमांत छोरों की अधिक महत्ता...
Continue reading »
April 11, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
यदि मैं पुलिस अधिकारी होता Yadi mein Police Adhikari Hota निबंध नंबर : 01 प्रस्तावना : वह क्या बनना चाहता है ? यह प्रश्न शैशवकाल से ही हर व्यक्ति के मन में उभर आता है। मेरे मन रूपी आकाश में भी ऐसे ही प्रश्नों ने खूब चक्कर काटे हैं। मैंने तभी से पुलिस अधिकारी बनने का निश्चय कर लिया था। उसका रौबदार चेहरा और शानदार वर्दी हमेशा आकर्षित करती रहती थी;...
Continue reading »
April 11, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages2 Comments
Page 12 of 29« Prev
1
…
9
10
11
12
13
14
15
…
29
Next »