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Hindi Essay on “Dhwani Pradushan ” , ”ध्वनि-प्रदूषण ” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

ध्वनि-प्रदूषण  Dhwani Pradushan  आज समूचे विश्व में ध्वनि-प्रदूषण की समस्या हलचल मचाए हुए हैं। क्षेत्रीय पर्यावरण में इसका बड़ा प्रतिकूल असर पड़ता है। मानसिक रोगों को बढ़ाने एंव कान, आंख, गला आदि के रोगों में शोर की जबरदस्त भूमिका है। ‘तीखी ध्वनि’ को शोर कहते हैं। शोर की तीव्रता को मापने के लिए ‘डेसीबेल’ की व्यवस्था की गई है। चाहे विमान की गडग़ड़ाहट हो अथवा रेलगाड़ी की सीटी, चाहे कार का...
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Hindi Essay on “Jal Pradushan” , ”जल प्रदूषण” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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जल प्रदूषण Jal Pradushan जल हमारे जीवन के लिए बहुत ही आवश्यक है। मनुष्य ही नहीं, पशु-पक्षियों के लिए भी जल जीवन का आधार है। कोई भी जीव बिना जल के जीवित नहीं रह सकता। भोजन करने के बाद अथवा किसी काम को करने के बाद मानव-शरीर में गरमी बढ़ जाती है। उस गरमी की तृप्ति जल से ही होती है। मानव के प्रत्येक कार्य में जल की सर्वाधिक उपयोगिता है।...
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Hindi Essay on “Vayu Pradushan” , ”वायु-प्रदूषण” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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वायु-प्रदूषण Vayu Pradushan वायु हमारे जीवन का आधार है। वायु के बिना हम एक पल भी जीवित नहीं रह सकते। अफसोस है कि आज का मानव अपने जीवन के लिए परमावश्यक हवा को अपने ही हाथों दूषित कर रहा है। वायु को जहरीला बनाने के लिए कल-कारखाने विशेष रूप से उत्तरदायी हैं। कल-कारखानों से निकलनेवाला विषैला धुआं वायुमंडल में जाकर अपना जहर घोल देता है। इस कारण आसपास का वातावरण भी...
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Hindi Essay on “Nari Aur Naukari” , ”नारी और नौकरी” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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नारी और नौकरी Nari Aur Naukari जीवन का अर्धांग नारी आज पहले जैसी नहीं रह गई। आधुनिक भारत में ऐसा एक क्षेत्र नहीं रह गया है, जहां नारी का पदार्पण न हो चुका हो। आज नारी सामान्य से लेकर उच्चतम पदों पर सेवा-कार्य कर रही है। पुलिस और सेना में ाी नारी अपनी कार्य क्षमता और अदभुत योज्यता का परिचय दे रही है। आज कई नारियां एकदम स्वतंत्र रूप से उद्योग-धंधे,...
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Hindi Essay on “Jansankhya, Samasya aur Shiksha ” , ”जनसंख्या, समस्या और शिक्षा” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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जनसंख्या, समस्या और शिक्षा Jansankhya, Samasya aur Shiksha  भारत एक विशाल देश है। आजादी के बाद से ही हमारा विकास प्रारंभ हुआ। विज्ञान और प्रोद्योगिकी कृषि और चिकित्सा  तकनीकी तथा संचार के क्षेत्र में भारत ने उल्लेखनीय प्रगति की है, किंतु यह सब प्रगति जनसंख्या वृद्धि की लगातार बढ़ती गति के सामने समन्वित विकास के रूप में नहीं दिखाई देती। 11 मई सन 2000 को जनसंख्या घड़ी के अनुसार हमारी जनसंख्या...
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Hindi Essay on “Fashion Shringar : Aavashyakta aur Upyog” , ”फैशन-श्रंगार : आवश्यकता और उपयोग” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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फैशन-श्रंगार : आवश्यकता और उपयोग Fashion Shringar : Aavashyakta aur Upyog श्रंगार शब्द का सामान्य प्रचलित अर्थ है सजावट-अर्थात शरहर को सजा-संवारकर प्रस्तुत करना। यह सजावट विशेष प्रकार के पाउडर-क्रीम, कंघी-पट्टी, पकड़ों-परिधानों, गहनों आदि के द्वारा संभव हुआ करती है। एक शब्द है फैशन। इस शब्द का सामान्य प्रचलित अर्थ हुआ करता है-चलन या प्रचलित होना। इसइ प्रकार जब हम श्रंगार शब्द के साथ फैशन का मेल कर देते हैं, तब...
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Hindi Essay on “Shaharikaran ke Kuprabhav” , ”शहरीकरण के कुप्रभाव” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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शहरीकरण के कुप्रभाव Shaharikaran ke Kuprabhav यह एक स्वाभाविक एंव प्राकृतिक नियम है कि क्रमश: गांव-कस्बों में और कस्बे ही विकास करके शहरों के रूप धारण कर लिया करते हैं। शहर या नगर विकास की प्रक्रिया में पडक़र महानगरों का रूप धारण कर लिया करते हैं। सृष्टि का अब तक का विकास-क्रम इसी नियम का साकार स्वरूप है। हम भारत की राजधानी दिल्ली का उदाहरण भी ले सकते हैं। सन 1947...
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Hindi Essay on “Badh ka ek Drishya ” , ”बाढ़ का एक दृश्य” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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बाढ़ का एक दृश्य Badh ka ek Drishya  प्रकृति और मानव के बीच संघर्ष अंनतकाल से जारी है। मानव-जीवन के विरुद्ध प्रकृति के जो अनेक प्रकार के प्रकोप सामने आते रहते और माने जाते हैं, बाढ़ का प्रकोप उनमें से अत्यंत भयावह माना गया है। वह जल, जो जीवन का पर्यायवाचक माना जाता है, पानी जो व्यक्ति की अस्मिता और इज्जत का, मान-स मान का प्रतीक स्वीकारा गया है वही जल...
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