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Posts tagged "Hindi essays" (Page 188)
भारतः एक उभरती शक्ति Bharat Ek Ubharti Shakti इक्कीसवीं सदी में भारत विश्व में एक शक्ति के रूप में उभर रहा है। विभिन्न क्षेत्रों में भारत तरक्की की नई ऊचाइयाँ छू रहा है। भारत में गर्व करने लायक बहुत कुछ है। सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हैरतअंगेज उपलब्धियाँ, अनिष्टकारी ताकतों से देश की सुरक्षा में लगी जाबांज फौज, कृषि में हरित क्रांति, फलता-फुलता स्वतंत्र मीडिया, मह्ान शैक्षणिक संस्थाएँ आदि।...
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May 21, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
जनसंख्या: समस्या एंव समाधान Jansankhya Samasya evm Samadhan हमारे देश में अनेकांे जटिल समस्याएँ हैं जो देश के विकास में अवरोध उत्पन्न करती हैं। जनसंख्या वृद्धि भी देश की इन्हीं जटिल समस्याओं में से एक है। संपूर्ण विश्व में चीन के पश्चात् भारत सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है। पंरतु जिस गति से हमारी जनसंख्या बढ़ रही है उसे देखते हुए वह दिन दूर नहीं जब यह चीन से भी...
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May 21, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
नई सरकार की नई चुनौतियाँ Nayi Sarkar ki Nayi Chunotiyan सन् 2009 में नई सरकार का गठन हो गया है। इस सरकार के सामने अनेक नई चुनौतियाँ हैं। यद्यपि नई सरकार पुरानी सरकार की तुलना मंे अधिक स्थायी है पर वह पूरी तरह से काम करने में स्वतंत्र नहीं है। उस पर अपने सहयोगी दलों का पूरा-पूरा दवाब है।वह खुलकर अपना एजेडां लागू करने में बहुत अधिक सम्भव नहीं...
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May 21, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
भ्रष्टाचार Bhrashtachar अथवा भ्रष्टाचार: कारण और निवारण भारत आज आर्थिक कठिनाईयों से ही नहीं, नैतिक संकट के दौर से भी गुजर रहा है। नैतिकता के हास का ही दूसरा नाम भ्रष्टाचार है। सभी देशों में किसी न किसी रूप में भ्रष्टाचार पनपता रहता है। जहाँ तक गरीब देशों का प्रश्न है वहाँ भ्रष्टाचार का जोर कुछ ज्यादा ही होता है। विकासशील देश होने के नाते भारत भी इसका अपवाद...
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May 21, 2018 evirtualguru_ajaygourEnglish (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
श्रम से ही राष्ट्र का कल्याण Shram se hi Rashtriya ka Kalyan श्रम संसार में सफलता प्रप्त करने का महत्वपूर्ण साधन है। श्रम करके हम अपने जीवन में ऊँची-से-ऊँची आकांशा को पूरी कर सकते है। संसार कर्म क्षेत्र है अतः यहाँ कर्म करना ही हम सबका धर्म है। किसी कार्य में सफलता तभी मिलती है जब हम परिश्रम करते है। श्रम ही जीवन को गति प्रदान करता है।...
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May 21, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
सत्संगति Satsangati निबंध नंबर : 01 सत्संगति का अर्थ है- श्रेष्ठ पुरूषों की संगति। मनुष्य जब अपनों से अधिक बुद्मिान, विद्वान, गुणवान, एवं योग्य व्यक्ति के संपर्क में आता है, तब उसमें स्वयं ही अच्छे गुणों का उदय होता है और उसके दुर्गुण नष्ट हो जाते है। सत्संगति से मनुष्य की कलुपित वासनायें, बुद्वि की मूर्खता और पापाचरण दूर हो जो हैं। जीवन में उसे सुख और शांति प्राप्त होती है।...
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May 21, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages1 Comment
मेरा प्रिय कवि कबीरदास Mera Priya Kavi Kabirdas निबंध नंबर:- 01 हिन्दी साहित्य के अथाह समुद्र में अनेंक रत्न भरे पड़े है, पसन्द अपने-अपने मन की बात है। मैं जब कभी भक्तिकालीन संत कवि कबीरदास को पढ़ता हुँ तो मेरा मस्तक उनके सम्मुख श्रद्वा से नत हो जाता है तब मुझे वही संत सबसे अधिक प्रकाशवान् प्रतीत होता है। मेरे प्रिय कवि उस समय ज्ञान का दीपक लेकर अवतरित हुए,...
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May 21, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages3 Comments
नशा मुक्ति Nasha Mukti मादक द्रव्य सेवन की पृवति हजारों वर्ष पुरानी है। अनुसंधान एवं वस्तु-निर्माण की शक्ति से युक्त मानवों ने सभ्यता के विकास के साथ एक से बढ़कर एक उपयोगी चीजें खोज लीं, उपकरण बना लिए, वस्तुएँ निर्मित कर लीं। इस क्रम में उन्होने मादक द्रव्य ढूँढ निकाले एवं उनका प्रयोग करना सीख लिया। भारत के प्राचीन ग्रंथों में ’सोम और सुरा’ का उल्लेख इस बात का...
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May 21, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages1 Comment