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Hindi Essay on “ Samay Kisi ki Pratiksha Nahi Karta” , ”समय किसी की प्रतीक्षा नहीं करता” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

समय किसी की प्रतीक्षा नहीं करता Samay Kisi ki Pratiksha Nahi Karta                                 समय का पहिया सदा घुमता रहता है। उसकी गति को कोई नहीं रोक सकता। समय किसी की प्रतीक्षा नहीं करता। मनुष्य का जीवन क्षणभंगुर है। अतः जीवन क्षण को मूल्यावन समझ कर कार्य में जुटे रहना चाहिए। मानवजीवन की सफलता का रहस्य समय रूपी रत्न के योग में ही छिपा है। जो व्यक्ति अपने अमूल्य समय का लाभ...
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Hindi Essay on “Vipati Kasoti je kase soi sanche meet” , ”विपति कसौटी जे कसे सोई साँचे मीत” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

विपति कसौटी जे कसे सोई साँचे मीत Vipati Kasoti je kase soi sanche meet                 मित्रता एक पवित्र वस्तु है। संसार में सब कुछ मिल सकता है, परंतु सच्चा और स्वार्थहीन मित्र मिलना अत्यंत दुर्लभ है। जिस व्यक्ति को संसार मेें मित्र-रत्न मिल गया, समझो उसने अपने जीवन में एक बहुत ही बड़ी निधि पा ली। मनुष्य जब संसा में जीवन-च्रक प्रारभ करता है तो उसे सबसे अधिक कठिनाई मित्र खोजने...
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Hindi Essay on “Apne liye jiye to kya jiye” , ”अपने लिए जिए तो क्या जिए” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

अपने लिए जिए तो क्या जिए Apne liye jiye to kya jiye                   निःस्वार्थ सेवा का अर्थ है- बिना किसी स्वार्थ के दूसरों की सेवा करना, इसी को परोपकार कहा जाता है। ’परोपकार’ शब्द की रचना ’पर’ ़ ’उपकार’ से हुई है। ’पर’ का अर्थ है दूसरे तथा ’उपकार’ का अर्थ है भलाई। अतः ’परोपकार’ का अर्थ है – दूसरों की भलाई। परोपकार में स्वार्थ भावना नहीं होती है। दूसरों...
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Hindi Essay on “Sarv Shiksha Abhiyan” , ”सर्वशिक्षा अभियान” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

सर्वशिक्षा अभियान Sarv Shiksha Abhiyan                   शिक्षा के बिना कोई भी बनता नहीं सत्पात्र है।                 इसे पाने के लिए कुछ भी प्रयास करना मात्र है।।                 सबसे पहला कर्तव्य है, शिक्षा बढ़ाना देश में।                 शिक्षा के बिना ही हैं हम सभी क्लेश मंे।                 मनुष्य सुख-शांति के लिए जन्म से ही प्रयास करता रहता है। शिक्षा के द्वारा उसे मानसिक शक्ति प्राप्त होती रही है। समाज का शिष्ट...
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Hindi Essay on “Bhrashtachar ka Danav” , ”भ्रष्टाचार का दानव” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

भ्रष्टाचार का दानव Bhrashtachar ka Danav                 ’भ्रष्टाचार’ शब्द भ्रष्ट  आचार शब्दों के योग से बना है। ’भ्रष्ट’ का अर्थ-निकृष्ट श्रेणी की विचारधारा और ’आचार’ का अर्थ आचरण के लिए उपयेग किया गया है। इसके वशीभूत होकर मानव राष्ट्र के प्रति कर्तव्य भूलकर अनुचित रूप से अपनी जेबें गरम करता है। भ्रष्टाचार रूपी वृक्ष का रूप ही अनोखा है। इसकी जडे़ ऊपर की ओर तथा शाखाएँ नीचे की ओर बढती हैं।...
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Hindi Essay on “Media Ka Samajik Kayitva” , ”मीडिया का सामाजिक दायित्व” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

मीडिया का सामाजिक दायित्व Media Ka Samajik Kayitva                    मीडिया के दो रूप हैं -प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॅनिक मीडिया।                 प्रिंट यानी मुद्रित माध्यम आधुनिक जनसंख्या के माध्यमों में सबसे पुराना माध्यम है।                 भारत में पहला छापाखाना 1556 ई. में गोवा में खुला। मुद्रित माध्यमों के अंतर्गत अखबार, पत्रिकाएँ तथा पुस्तकें आती हैं। इस माध्यम की सबसे बडी़ विशेषता यह है कि इसमें स्थायित्व होता है। इसे आप कभी...
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Hindi Essay on “Viklangon ki Samasya tatha Samadhan” , ”विकलांगों की समस्या तथा समाधान” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

विकलांगों की समस्या तथा समाधान Viklangon ki Samasya tatha Samadhan                 भारत में 1981 का वर्ष विकलांग वर्ष के रूप में मनाया गया था। इस वर्ष को मनाने का प्रयोजन राष्ट्र तथा समाज का ध्यान ऐसे बच्चों तथा लोगो की ओर आकर्षित करना था जो शारीरिक या मानसिक दृष्ट से अपंग तथा विकलांग हों। प्रत्येक लोकप्रिय सरकार का यह दायित्व है कि विकलांगों के लिये जीविका के साधन जुटाये। जब तक...
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Hindi Essay on “Hum Khelo me Pichde kyo hein?” , ”हम खेलों में पिछडे़ क्यों हैं? ” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

हम खेलों में पिछडे़ क्यों हैं?  Hum Khelo me Pichde kyo hein?                 ओलंपिक खेलों की तालिका में भारत का पदक-तालिका में स्थान बहुत नीचे होता है। इस बार अभिनव बिंद्रा ने शूटिंग में एक स्वर्णपदक जीतकर भारत की लाज बचा ली। एक रजत और एक कांस्य पदक लेकर ही भारत को संतोष करना पडा़। भारत जैसे विशाल देश को इतने कम पदक? अनेक छोटे-छोटे देश कई पदक बटोरने में सफल...
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