Home » Posts tagged "Hindi essays" (Page 132)

Hindi Essay on “Mera Priya Upanyaskar ” , ” मेरा प्रिय उपन्यासकार” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

Hindi-Essay-Hindi-Nibandh-Hindi
मेरा प्रिय उपन्यासकार Mera Priya Upanyaskar    प्रेमचंद मेरे प्रिय उपन्यासकार मुन्शी प्रेमचन्द का जन्म 31 मई सन 1880 ई० को काशी चार मील उत्तर पाण्डेयपुर के निकट लमही ग्राम में एक निम्न वर्ग के कुलीन कायस्थ रिवार में हुआ था। आपका बचपन का नाम धनपतराय था। माता का नाम आनन्दी देवी आ। पिता बाबू अजायबराय डाकखाने में बीस रुपये मासिक वेतन पर मुन्शी का कार्य करते थे। आपकी प्रारम्भिक शिक्षा...
Continue reading »

Hindi Essay on “Hindi Kavya me Prakriti Varnan” , ”हिन्दी काव्य में प्रकृति-वर्णन” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

Hindi-Essay-Hindi-Nibandh-Hindi
हिन्दी काव्य में प्रकृति-वर्णन Hindi Kavya me Prakriti Varnan ‘प्रकृति’ शब्द बड़ा व्यापक अर्थ वाला है। यह मानव स्वभाव के अर्थ में प्रयुक्त होता है। यह साख्य दर्शन के अनुसार नारी का और दूसरे मतों से माया का पर्यायवाची है, और इसके साथ ही इसके मूल गुण का भी अर्थ व्यजित होता है। काव्य में प्रकृति का इसी मुल गुण युक्त अकृत्रिम वातावरण से है जो प्रायः मानव के ही नहीं...
Continue reading »

Hindi Essay on “Hum Sahitya kyo Padhte Hai” , ”हम साहित्य क्यों पढ़ते हैं?” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

Hindi-Essay-Hindi-Nibandh-Hindi
हम साहित्य क्यों पढ़ते हैं? Hum Sahitya kyo Padhte Hai   साहित्य को किसी भी मानव समुदाय और उसके द्वारा अर्जित की गई समृद्ध भाषा की अन्यतम उपलब्धि माना गया है। सामान्य तौर पर साहित्य के दो रूप माने गए हैंएक लोक साहित्य, जिस का लिखित रूप प्रायः नहीं होता, मुँह जबानी ही एक व्यक्ति से दूसरे के पास पहुँचा करता है। ऐसा होने से उसके मूल स्वरूप में प्रायः काफी...
Continue reading »

Hindi Essay on “Hindi Sahitya ka Swarnim Yug” , ”हिन्दी-साहित्य का स्वर्णिम युग ” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

Hindi-Essay-Hindi-Nibandh-Hindi
हिन्दी-साहित्य का स्वर्णिम युग  Hindi Sahitya ka Swarnim Yug स्वर्ण या स्वर्णिम युग उस काल-खण्ड को कहा जाता है, जिस में किसी एक या किन्हीं अनेक द्वारा कोई ऐसा महत्त्वपूर्ण कार्य किया गया हो, जिसके करने से न केवल देश-काल, बल्कि सार्वकालिक दृष्टि से देश, जाति, धर्म, समाज और समूची जाति का हित साधन सम्भव हो पाया हो। इस दृष्टि से जैसे राजनीतिक इतिहास में गुप्त वंश के राजाओं का काल...
Continue reading »

Hindi Essay on “Sahitya se Apekshaye” , ” साहित्य से अपेक्षाएँ” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

Hindi-Essay-Hindi-Nibandh-Hindi
साहित्य से अपेक्षाएँ Sahitya se Apekshaye ‘साहित्य’ शब्द की व्युत्पत्ति या बनावट ‘सह’ और ‘हित’ इन दो शब्दांशों से हुई स्वीकार की जाती है। सह का अर्थ साथ, सहयोग, सम्मिलित कुछ भी हो सकता है। ‘हित का अर्थ भलाई, लाभ, उपयोग आदि कुछ भी किया और लिया जाता है। इस प्रकार सब का या सामूहिक स्तर पर सारे जीवन समाज का हित साधन करने वाली रचना को साहित्य जा सकता है।...
Continue reading »

Hindi Essay on “Sahitya aur Jeevan” , ” साहित्य और जीवन” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

Hindi-Essay-Hindi-Nibandh-Hindi
साहित्य और जीवन Sahitya aur Jeevan   ससरण करने की प्रवृत्ति को विद्वानों ने संसार कहा है। इसी प्रकार जीवन का कार्य भी जीवन का संचालन करना है। संसार और जीव दोनों ही एक दूसरे के अस्तित्व पर आधारित होकर अपने पग चिन्ह छोड़ते आये हैं। ये पग चिन्ह साहित्य के अनेक स्वरूपों में, संस्कृति के अनेक उपादानों तथा सभ्यता के भौतिक चिन्हों में समाहित हैं। साहित्य का कार्य जीवन की...
Continue reading »

Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Adhyapak Diwas”, ”अध्यापक दिवस” Complete Hindi Anuched for Class 8, 9, 10, Class 12 and Graduation Classes

Hindi-Essay-Hindi-Nibandh-Hindi
अध्यापक दिवस Adhyapak Diwas डॉ. सर्वेपल्ली राधाकृष्णन भारत के ही नहीं, विश्व के अद्वितीय वक्ता एवं दार्शनिक थे। उन्होंने भारतीय दर्शन की प्रतिष्ठा विदेशों में स्थापित की थी। भारत वर्ष में उन्होंने अपना जीवन एक अध्यापक से प्रारंभ किया। अध्यापन कार्य में उन्नति करते-करते आप अनेक विश्व विद्यालयों में दर्शन शास्त्र के प्रोफेसर रहे। शिकागो विश्व विद्यालय में प्रोफेसर के रूप में आपने बड़ा सम्मान पाया। भारत स्वतंत्र होने पर वे...
Continue reading »

Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Mera Priya Lekhak”, ”मेरा प्रिय लेखक” Complete Hindi Anuched for Class 8, 9, 10, Class 12 and Graduation Classes

Hindi-Essay-Hindi-Nibandh-Hindi
मेरा प्रिय लेखक Mera Priya Lekhak मानव जीवन में साहित्य का महत्वपूर्ण स्थान है। साहित्य अपने में कई विधाएँ – गद्य, पद्य, नाटक, चंपू आदि समेटे है। हर भाषा में पद्य की रचना पहले होती है, गद्य साहित्य उसके पश्चात आता है। हिन्दी में भी यही परंपरा रही। यही कारण है कि हिन्दी का गद्य साहित्य आधुनिक काल की ही देन है। पं. महावीर प्रसाद द्विवेदी के प्रभाव से हिन्दी साहित्य...
Continue reading »