Home » Posts tagged "Hindi Essay" (Page 86)

Hindi Essay on “Ka Barkha Jab Krishi Sukhane”, “का बरखा जब कृषि सुखाने” Complete Hindi Essay, Paragraph, Speech for Class 7, 8, 9, 10, 12 Students.

Hindi-Essay-Hindi-Nibandh-Hindi
का बरखा जब कृषि सुखाने Ka Barkha Jab Krishi Sukhane संकेत–बिंदु–लोकोक्ति का अर्थ । समय का महत्त्व। समय का सदुपयोग।  समय बीत जाने पर किसी चीज की प्राप्ति कोई अर्थ नहीं रखती। खेती सूख जाने पर अमृत जैसा जल देने वाली वर्षा में भी सामर्थ्य नहीं कि वह फिर से पौधों को हरा कर सके। यह स्थिति जीवन में प्राप्त होने वाले अवसरों के विषय में कही जा सकती है क्योंकि...
Continue reading »

Hindi Essay on “Hum Honge Kamyab ek Din”, “हम होंगे कामयाब एक दिन” Complete Hindi Essay, Paragraph, Speech for Class 7, 8, 9, 10, 12 Students.

Hindi-Essay-Hindi-Nibandh-Hindi
हम होंगे कामयाब एक दिन Hum Honge Kamyab ek Din साधारण सी दिखने वाली यह पंक्ति हमारे मन में आशा और विश्वास की नई ज्योति जलाती है और असफलताओं से हताश, निराश व्यक्तियों को पुनः धैर्य और साहस के साथ कर्म में प्रवृत्त होने की प्रेरणा देती है। जीवन में हार-जीत, सफलता-असफलता, हानि-लाभ, सुख-दुख तो दिन-रात की तरह आते-जाते रहते हैं। कई बार परश्रिम और उद्यम के बावजूद हम अपने लक्ष्य...
Continue reading »

Hindi Essay on “Satsangati ka Mahatva”, “सत्संगति का महत्त्व” Complete Hindi Essay, Paragraph, Speech for Class 7, 8, 9, 10, 12 Students.

Hindi-Essay-Hindi-Nibandh-Hindi
सत्संगति का महत्त्व Satsangati ka Mahatva संकेत–बिंदु–संगति का अर्थ। सत्संग व कसंगत का प्रभाव। विदयार्थी जीवन में महत्त्व।  संगति का अर्थ है ऐसे लोगों के साथ उठना-बैठना जो हमारे जीवन को निरंतर और स्थायी तौर पर प्रभावित करते हैं। संगति अर्थात् ‘सम् + गति’ तो वह है जो दिन-रात समान रूप से हमारे साथ चल रही है क्रिया में, विचार और व्यवहार में। इसलिए जीवन के उत्थान व पतन का कारण...
Continue reading »

Hindi Essay on “Bharat ki Vividhta” , “भारत की विविधता” Complete Hindi Essay, Paragraph, Speech for Class 7, 8, 9, 10, 12 Students.

Hindi-Essay-Hindi-Nibandh-Hindi
भारत की विविधता Bharat ki Vividhta कुछ खास बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी, सदियों रहा है दुश्मन दौरे जहाँ हमारा जी हाँ। सच ही है मेरा देश भारत–सबसे निराला, सबसे प्यारा जो समय के थपेड़ों को खाता हुआ भी निरंतर गतिशील है। भारत भूमि स्वर्ग से भी महान है, लहराता सागर इसके चरण चूमता है, गगनचुंबी हिमालय इसके मुकुट हैं, गंगा, यमुना जैसी नदियाँ इसके गले का हार हैं...
Continue reading »

Hindi Essay on “Yadi me Principal Hota”, “यदि मै विद्दालय का प्रधानाचार्य होता” Complete Hindi Essay for Class 7, 8, 9, 10, 12 Students and Graduation

Hindi-Essay-Hindi-Nibandh-Hindi
यदि मैं प्रधानाचार्य होता Yadi me Principal Hota भाभी मैं अपने में दिल्ली के एक सरकारी विद्यालय में छात्र हूँ। मैं अपने प्रधानाचार्य के गुणों से बहुत प्रभावित हूं। जब भा विद्यालय के प्रधानाचार्य को कार्य करते हुए देखता हूँ तो मेरा मन कल्पना के पंख लगाकर उड़ने लगता है उस विदयालय का प्रधानाचार्य समझने लगता हूं। में सोचने लगता हूँ क्या जितना आदर, प्यार, मान-सम्मान तथा प्रतिष्ठा उन्होंने अर्जित की...
Continue reading »

Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Jahan Sumati Tahan Sampati Nana”, “जहाँ सुमति तहँ संपत्ति नाना” Complete Essay for Class 10, Class 12 and Graduation Classes.

जहाँ सुमति तहँ संपत्ति नाना Jahan Sumati Tahan Sampati Nana सुमति अर्थात अच्छी बुद्धि। बुद्धि ही हमें सुमार्ग या कुमार्ग की ओर ले जाती है। चोर, लुटेरे, डाकुओं की बुद्धि तीव्र हो सकती है किंतु उनकी सोच की दिशा गलत होती है। ऐसी बुद्धि काम, क्रोध, मद, लोभ, मोह के वशीभूत होकर कुकर्मों की ओर प्रेरित करती है। परिणामतः पूरा जीवन नष्ट हो जाता है। इसके विपूरीत जिनकी बुद्धि सही-गलत, उचित-अनुचित...
Continue reading »

Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Sab Din Rahat Na Ek Saman”, “सब दिन रहत न एक समान” Complete Essay for Class 10, Class 12 and Graduation Classes.

सब दिन रहत न एक समान Sab Din Rahat Na Ek Saman समय नदी की धारा के समान है जो निरंतर आगे बढ़ता जाता है। बीते समय को किसी कीमत पर भी लौटाया नहीं जा सकता। समय की इस परिवर्तनशीलता को समझना जीवन को सही ढंग से जीने के लिए परम आवश्यक है। जो यह सच जान लेता है वह सुख आने पर अहंकारी नहीं बनता और दुख आने पर निराशा...
Continue reading »

Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Ka Barkha Jab Krishi Sukhane” , “का बरखा जब कृषि सुखाने” Complete Essay for Class 10, Class 12 and Graduation Classes.

का बरखा जब कृषि सुखाने Ka Barkha Jab Krishi Sukhane खोया धन परिश्रम से पुनः प्राप्त किया जा सकता है, खोया स्वास्थ्य भी उचित चिकित्सा व संतुलित, पौष्टिक भोजन से पाया जा सकता है, किन्तु एक बार जो समय निकल गया उसे अपना सर्वस्व देकर भी नहीं लौटाया जा सकता। फ़सल को सही वक्त पर पानी चाहिए, यदि उस समय नहीं मिला है हर कार्य का एक समय होता है, वह...
Continue reading »