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Posts tagged "Hindi Essay" (Page 200)
भारत में किसानों की स्थिति Bharat me Kisano ki Sthiti भारत कृषि-प्रधान देश है। यहां की अधिकांश जनता गांवों में रहती है। यह जनता कृषि-कार्य करके अपना ही नहीं, अपने देश का भी भरण-पोषण करती है। भारत में लगातार सात लाख गांव हैं और इन गांवों में अधिकांश किसान ही बसते हैं। यही भारत का अन्नदाता है। यदि भारत को उन्नतिशील और सबल राष्ट्र बनाना है तो पहले किसानों को समृद्ध...
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August 12, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages4 Comments
हमारा राष्ट्रध्वज Hamara Rashtriya Dhwaj निबंध नंबर:- 01 प्रत्येक राष्ट्र की नीति राष्ट्रों से पृथक और विशिष्ट होती है। उसमें कई बातें ऐसी भी होती हैं, जो केवल उसी राष्ट्र की नीति में पाई जाती हैं। प्रत्येक राष्ट्र का प्रतीक राष्ट्रध्वज अन्य सब राष्ट्रों से पृथक और विशिष्ट होता है। किसी भी देश का राष्ट्रध्वज अपने पूरे देश का प्रतीक होता है। किसी राष्ट्रध्वज में राष्ट्र की धार्मिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक...
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August 12, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
विद्या-धन सबसे बड़ा धन है Vidya dhan sabse bada dhan he ‘विद्या के सम धन नहीं, जग में कहत सुजान। विद्या से अनुज लघु, होते भूप समान।।’ मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। खान-पान और रहन-सहन के अतिरिक्त उसकी कुछ अन्य आवश्यकतांए भी हैं। इन आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए उसे साधन ढूंढने पड़ते हैं। साधनों का मूल है-धन, ज्ञान, चातुर्य और इनका आधार ‘विद्या’ है। इसलिए यह विद्या एक अनोखा धन...
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August 12, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages3 Comments
धन का सदुपयोग Dhan ka Sadupyog धन के सदुपयोग का अर्थ है-धन को अनावश्यक व्यय न करना वरन सत्कार्यों में लगाना। किसी मनुष्य के पास यदि अधिक धन है तो उसे चाहिए कि वह उस धन को अपने ऐशो-आराम पर व्यय न करे। इसी को ‘धन का सदुपयोग’ कहते हैं। सभी कार्य धन से सिद्ध होते हैं।धन अत्यंत बलशाली है। सारा संसार धन के फेर में रहता है। यदि धन न...
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August 12, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
परीक्षा के बाद मैं क्या करूंगा? Pariksha ke baad me kya karunga? आजकल बहुत से पढ़े-लिखे युवक नौकरियों की खोज में इधर-उधर मारे फिर रहे हैं, क्योंकि सरकारी नौकरियों में कठिन परिश्रम नहीं करना पड़ता और कुरसी मिलती है बैठने को। वहीं नौकरियां भी बहुत कम हैं। अब वह समय आ गया है कि शिक्षित लोग अपना ध्यान उस कृषि-कर्म की ओर दें, जिसे वे तुच्छ काम समझते हैं। आजकल...
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August 12, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages1 Comment
बाढ़ का दृश्य Badh ka Drishya एक समय की बात है जब हमारे नगर इलाहाबाद को भीषण बाढ़ का सामना करना पड़ा था। उस समय मैं बहुत छोटा था तथा तीसरी कक्षा में पढ़ता था। मैं स्वंय समाचार पत्र नहीं पढ़ सकता था, किंतु उन दिनों प्राय: नित्य की चर्चा का विषय बना रहा करता था। जैसे ही समाचार-पत्र वाहक का स्वर सुनाई पड़ता, अखबार ले जाओ, वैसे ही भैया एंव...
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August 12, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
हिमालय – भारत का गौरव Himalaya – Bharat ka Gaurav दुनिया में बहुत से बड़े पर्वत हैं। हिमालय संसार के सब पर्वतों का राजा है। इसलिए इसे ‘गिरिराज’ भी कहा जाता है। यह सबसे लंबा, सबसे चौड़ा और सबसे ऊंचा पर्वत है। अफगानिस्तान की सीमा से लेकर म्यांमार तक इसका विस्तार है। इसकी शाखांए रूस और चीन तक जा पहुंची हैं। जिस प्रकार समुद्र अनंत और अथाह है, वैसे ही हिमालय...
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August 12, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages1 Comment
गाय और उसकी उपयोगिता Gaay aur uski Upyogita एक दिन मेरे मित्र अपने भाई के भोलेपन का वर्णन करते हुए कहने लगे ‘अरे साहब, उनकी कुछ न कहिए। वे तो इतने सीधे हैं कि लोग उन्हें गऊ कहते हैं।’ वास्तव में, जब हम किसी में सीधेपन की मात्रा अधिक देखते हैं तब उसे ‘गऊ’ की उपाधि दे देते हैं, यानी संसार में गऊ से सीधा कोई जीव नीं है। इसी कारण...
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August 12, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment