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Posts tagged "Hindi Essay" (Page 164)
सोनिया गांधी Sonia Gandhi 9 दिसंबर 1946 को इटली के नगर तुरीन में एक बहुप्रतिभाशाली, त्याग की मूर्ति वाली कन्या ने जन्म लिया। शायद ही किसी ने स्वप्न में भी विचार किया हो कि वह बच्ची बड़ी होकर संसार की एक ऐसी महान नारी बनेगी जो भारत के राजनीतिक क्षेत्र में अनोखा कीर्तिमान स्थापित करेगी। उसका नाम एंतोनिया माईनो रखा गया। बड़ी होकर माइनो इंग्लैण्ड की राजधानी लंदन के प्रसिद्ध ऑक्सफोर्ड...
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September 29, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
डॉ. मनमोहन सिंह Dr. Manmohan Singh भारत के 14 वें प्रधानमंत्री के रूप में डॉ. मनमोहन सिंह जी शरारत के भविष्य निर्माता हैं। एक लंबे समय के पश्चात् सत्ता परिवर्तन द्वारा काँग्रेस पार्टी की सरकार बनीं। 1991 में डॉ. मनमोहन सिंह जी वित्त मंत्री भी रह चुके हैं। भारत की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए सत्ता की भूमिका अहम होती है। डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म पंजाब के एक...
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September 29, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
प्रतिभा पाटिल-प्रथम महिला राष्ट्रपति Pratibha Patil – First Lady President of India श्रीमती प्रतिभा पाटिल जी का जन्म 19 दिसंबर 1934 को महाराष्ट्र प्रांत के जलगाँव में हुआ था। उनके पिता जी का नाम श्री नारायण राव है। उनके जन्म के समय उनके पिता जी को क्या पता था कि उनकी लाडली कन्या एक दिन देश के सर्वोच्च पद पर पहुँच कर परिवार को गरिमामय करेंगी। उनकी प्राथमिक शिक्षा जलगाँव के...
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September 29, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
रक्षा-बन्धन Raksha-Bandhan प्राचीन काल से चली आ रही इस परम्परा में आजकल किंचित परिवर्तन आ गया है कि पहले यह बन्धन किसी और मकसद से दिया जाता था, आज किसी और मकसद से। पहले यज्ञों एवं अन्य धार्मिक अनुष्ठानों की पूर्णहुति के उपरान्त इसमें सम्मिलित लोगों की कलाइयों पर मन्त्रों से पवित्र किया हुआ सूत्र बांधा जाता था। सूत्रों को यज्ञ-शक्ति से सूत्र धारक की रक्षा होगी। कालान्तर मंे इसी...
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September 26, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
दुर्गापूजा/विजयादशमी Durga Puja/Vijay Dashmi ’’अग्रतः शकलं पृष्ठतः सशरः धनुः’’, अर्थात् आगे सभी शास्त्र हों और पीठ पर बाणों से युक्त धनुष हो। इसका तात्पर्य यह है कि मानव-जीवन की पूर्णता के लिए शास्त्रबल के साथ-साथ शस्त्रबल का होना जरूरी है। शास्त्रबल और शस्त्रबल-दोनों के संयोग से ही हमारा राष्ट्र सुरक्षित रह सकता है। शास्त्रबल के लिए हम सरस्वती की अराधना करते हैं और शस्त्रबल के लिए मां दुर्गा की।...
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September 26, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
दीपावली Dipawali दीपावली को ज्योति पर्व माना जाता है। दीपावली त्र दीप ़ अवली (पंक्ति या कतार)। दीपावली का लक्ष्यार्थ है‘’’तमसो मा ज्योतिर्गमय।’’ अर्थात् अन्धकार से प्रकाश में जाना। दीपावली पर्व के साथ अनेक धार्मिक, ऐतिहासिक एवं वैज्ञानिक कारण जुडे हुए हैं। धार्मिक कारणों में श्रीराम से जुड़ी कहानी सबसे अधिक प्रचलित एवं मान्यता प्राप्त है। कहा जाता है कि इसी दिन श्रीराम लंका-विजय के पश्चात् अयोध्या लौटे थे। चैदह...
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September 26, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
चांदनी रात Chandni Raat बचपन में दादी मां कहा करती थी कि चन्दा मामा है, जो बच्चों के लिए दूध-भात लेकर आते हैं। किशोरावस्था में विज्ञान-शिक्षक द्वारा जानकारी दी गयी कि चांद पृथ्वी का एक उपग्रह है और सतह ऊबड़-खाबड़ निर्जीव एवं शुष्क है। खैर! चंद जैसा भी कुरूप एवं शुष्क क्यों न हो, चांदनी की शीतलता और मादकता से भला कैसे इनकार किया जा सकता है। जिस पर भी चांदनी...
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September 26, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
वसन्त ऋतु Basant Ritu भारत वर्ष की छह ऋतुओं में ऋतुराज वसन्त आनन्द एवं जवानी का प्रतीक है। वसन्त का आगमन होते ही शिशिर से ठिठरते तन-मन में आनन्द एवं उल्लास का संचार हो जाता हैं इसके मादक स्पर्श से कोई अछूता नहीं बचता। सब जैसे नवीन स्फूर्ति के साथ जवान हो जाते हैं। इनकी महिमा का गुणगान कवि, चिन्तक, ऋषि एवं परब्रह्म श्रीकृष्ण ने भी किया है। गीता में...
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September 26, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment